झारखंड में बजा चुनावी बिगुल, विधानसभा चुनाव की तारीखों का हुआ ऐलान

punjabkesari.in Friday, Nov 01, 2019 - 05:08 PM (IST)

रांचीः चुनाव आयोग के द्वारा झारखंड के विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया गया है। विधानसभा चुनाव पांच चरणों में होंगे। पहले चरण के चुनाव 30 नवंबर को 13 सीटों पर होंगे। दूसरे चरण के चुनाव 7 दिसंबर को 20 सीटों पर, तीसरे चरण के चुनाव 12 दिसंबर को 17 सीटों पर, चौथे चरण के चुनाव 16 दिसंबर को 15 सीटों पर और पांचवें चरण के चुनाव 20 दिसंबर को 16 सीटों पर होगें। 23 दिसंबर को मतगणना होगी।

क्रमांक चरण तिथि सीटें
1 पहला चरण 30 नवंबर 13 सीटें
2 दूसरा चरण 7 दिसंबर 20 सीटें
3 तीसरा चरण 12 दिसंबर 17 सीटें
4 चौथा चरण 16 दिसंबर 15 सीटें
5 पांचवां चरण 20 दिसंबर 16 सीटें


6 नवंबर से नामांकन भरने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। चुनाव आयोग ने दो दिन के दौरे में झारखंड का जायजा लिया। आयोग के अनुसार, नक्सल प्रभावित इलाकों में सुरक्षा के खास इंतजाम किए जाएंगे। झारखंड के 19 जिले नक्सल प्रभावित हैं जिनमें से 13 जिले अधिक संवेदनशील हैं। राज्य के 67 विधानसभा क्षेत्र नक्सल प्रभावित हैं। झारखंड में विधानसभा की 81 सीटें हैं। राज्य में 2 करोड़ 65 लाख वोटर हैं और 29264 पोलिंग स्टेशन हैं। 

चुनाव आयोग ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चुनाव की तारीखों का ऐलान किया। दरअसल, राज्‍य की विधानसभा का कार्यकाल 5 जनवरी 2020 को पूरा हो रहा है। इससे पहले नई सरकार का गठन होना है। जहां विपक्ष एक चरण में चुनाव करवाना चाह रहा था वहीं राज्य सरकार तीन चरणों में चुनाव चाहती थी। तारीखों के ऐलान के साथ ही झारखंड में चुनावी सरगर्मी बढ़ने की पूरी उम्मीद है।

जानिए 2014 का समीकरण
2014 में पांच चरणों में झारखंड विधानसभा चुनाव करवाए गए थे। पहला चरण 25 नवंबर, दूसरा चरण 2 दिसंबर, तीसरा चरण 9 दिसंबर, चौथा चरण 14 दिसंबर और पांचवां चरण 20 दिसंबर को संपन्न हुआ था। वहीं 23 दिसंबर को चुनावों के परिणाम घोषित हुए थे। भाजपा ने 2014 में 37 सीटों पर जीत दर्ज की थी। जेएमएम ने 18, जेवीएम ने 8, कांग्रेस ने 6, एजेएसयू ने 5 और अन्य पार्टियों ने 6 सीटों पर जीत हासिल की थी। वहीं विधानसभा चुनावों में खास तौर पर 10 मुद्दों को उठाया जाएगा जिसमें पेयजल की समस्या, 24 घंटे बिजली की आपूर्ति, कानून व्यवस्था(मॉब लिंचिंग), सीएनटी-एसपीटी एक्ट का विवाद, मानव तस्करी की समस्या का समाधान, भूखमरी , पलायन, नक्सलवाद, किसानों को कृषि बाजार मिले, पत्थलगड़ी शामिल है।

prachi