देवरिया कांडः हाईकाेर्ट ने याेगी सरकार काे किया तलब, CBI से मांगी 13 अगस्त तक जांच रिपाेर्ट

punjabkesari.in Wednesday, Aug 08, 2018 - 03:36 PM (IST)

इलाहाबादः देवरिया शेल्टर होम में बच्चियाें से वेस्यावृत्ति कराए जाने के मामले को लेकर दाखिल याचिका पर आज इलाहाबाद हाईकाेर्ट में सुनवाई हुई। जिसमें हाईकाेर्ट ने सीबीआई से 13 अगस्त तक मामले की जांच रिपाेर्ट साैंपने काे कहा है। साथ ही हाईकाेर्ट ने शेल्टर होम से ग़ायब लड़कियों और वहां आने वाली कार समेत पूरे घटनाक्रम को लेकर राज्य सरकार से सोमवार तक ज़वाब मांगा है।

स्त्री मुक्ति संगठन व सामाजिक कार्यकर्ता पद्मा सिंह व अनुराधा द्वारा दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए चीफ़ जस्टिस डी बी भोसले व न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा ने  सरकार से जवाब तलब किया कि शेल्टर हाेम में किसकी कारें राेज आती थीं। इस मामले में काेई राजनेता आैर वीआईपी लाेग शामिल ताे नहीं हैं। इस सेक्स रैकेट के पीछे काैन है। 

क्या है मामला?
बता दें कि देवरिया पुलिस ने रविवार देर रात कोतवाली सदर क्षेत्र में एक तथाकथित बालिका गृह से सेक्स रैकेट का खुलासा करते हुए वहां से 24 महिलाओं और कुछ बच्चों को मुक्त कराया। पुलिस अधीक्षक रोहन पी कनय ने बताया कि सदर कोतवाली क्षेत्र स्थित मां विंध्यवासिनी महिला प्रशिक्षण एवं समाज सेवा संस्थान द्वारा संचालित बाल गृह बालिका, बाल गृह शिशु और सुधार गृह की मान्यता पर शासन ने रोक लगा दी थी। इसके बाद भी संस्था में बालिकाओं, शिशुओं तथा महिलाओं को अवैध रूप से रखा जाता था। रविवार शाम बेतिया बिहार की एक बालिका बालिकागृह से भाग निकली जिसने पुलिस को आपबीती बताई। उसके बाद पुलिस ने यह कार्रवाई की।

लड़कियों से कराया जा रहा था अवैध धंधा 
उन्होंने बताया कि शुरुआती जांच में पता चला कि यहां रह रहीं 15 से 18 साल की लड़कियों से अवैध धंधा कराया जा रहा है। इस बात के सामने आने पर पुलिस ने मौके से 24 महिलाओं और बच्चों को मुक्त कराया। 

संस्था सील, संचालिका दंपत्ति गिरफ्तार
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि संस्था को सील कराकर संचालिका गिरिजा त्रिपाठी, उसके पति मोहन त्रिपाठी को गिरफ्तार कर लिया गया है। संस्था की अधीक्षका कंचनलता फरार है। इस सिलसिले में गम्भीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच की जा रही है। 

Ajay kumar