अयोध्या:  श्रीराम मंदिर में भक्त नहीं चढ़ा सकेंगे प्रसाद, जानिए क्यों?

punjabkesari.in Monday, Dec 19, 2022 - 08:30 PM (IST)

अयोध्या: अयोध्या में श्रीरामलला का मंदिर बन जाने के बाद भी भक्त उन्हें प्रसाद नहीं चढ़ा सकेंगे। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का मानना है कि अगर भक्त प्रसाद चढ़ाने लगेंगे तो हम लाखों की संख्या में आ रहे श्रद्धालुओं को दर्शन नहीं करा पाएंगे। इसे लेकर प्रसाद न चढ़ाने का निर्णय लिया गया है।

पहले दिन मन्दिर निर्माण समिति की बैठक के बाद देर शाम पत्रकारों के सवाल का जवाब देते हुए ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा कि भगवान का भव्य मंदिर निर्माण होने के बाद कई लाख की संख्या में श्रद्धालु अयोध्या पहुंचेंगे। मंदिर निर्माण समिति की बैठक में मंथन किया गया कि पिछले साल का अनुभव है कि एक जनवरी को एक लाख लोगों ने दर्शन किया था तो अगले 10 घंटे में एक लाख लोग दर्शन कैसे कर सकते हैं। इसको ध्यान में रखते हुए मंदिर में दर्शन करने वाले भक्तों को प्रसाद न चढ़ाने देने का फैसला लिया गया है। चंपत राय ने कहा कि प्रसाद का कोई नियम नहीं है।

अक्टूबर 2023 तक प्राण प्रतिष्ठा के लिए तैयार हो जाएगा राममंदिर
बता दें कि मंदिर का निर्माण निश्चित समय से दो माह पहले ही पूरा कर लिया जाएगा। इसकी नई डेडलाइन अक्टूबर 2023 तय कर दी गई है। इसी के साथ मन्दिर प्राण प्रतिष्ठा के लिए भी तैयार हो जाएगा। इससे पहले दिसंबर 2023 का लक्ष्य तय हुआ था। श्रीराम मंदिर निर्माण समिति की पहले दिन की बैठक के बाद देर शाम श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव ने बताया कि समिति ने विराजमान रामलला स्थल पर निर्मित हो रहे भव्य मंदिर को प्राण प्रतिष्ठा लायक बनाने की स्थिति में पहुंचाने का समय अब अक्टूबर 2023 निर्धारित कर दिया है। 

उन्होंने यह भी बताया कि निर्माणाधीन गर्भगृह 14 फुट ऊंचाई तक आकार ले चुका है और जहां तक परकोटे के फर्श की बात है तो फर्श पर कालीन वर्क इस तरह किया जाएगा कि जो श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र बनने के साथ ही निर्माण क्षेत्र में एक उदाहरण बन जाए। महासचिव ने बताया कि सुग्रीव किला से राम मंदिर के मार्ग को जोड़ने वाले स्थल पर यात्री सुविधा केंद्र बनाया जाएगा, जिसमें एक साथ 25000 श्रद्धालु लाभान्वित हो सकेंगे। बैठक निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र की अध्यक्षता में हुई, जिसमें ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय, सदस्य विमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र, डॉ अनिल मिश्र और गोपाल के अतिरिक्त कार्यदायी संस्था एलएनटी और टीसीआई के उच्च तकनीकी अधिकारी उपस्थित रहे। 


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Content Writer

Ajay kumar

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