तलाक की एक हैरान करने वाली दास्तान, 90 साल के बुजुर्ग ने दिया तीन तलाक

punjabkesari.in Saturday, Apr 08, 2017 - 05:57 PM (IST)

गोरखपुर (रुद्र प्रताप सिंह): गोरखपुर में तीन तलाक से जुड़ा एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। इसमें 90 साल के हबीब शाह ने 80 साल की अपनी पत्नी जैबुन्निशा को तलाक दे कर उसे अपनी जिंदगी से बेदखल कर दिया। 90 साल के बुजुर्ग का तलाक देना ही हैरान करता है। लेकिन तलाक की वजह जानकर आप दांतों तले अंगुली दबाने को मजबूर हो जाएंगे। जी हां महज कफऩ खरीदने की जिद पूरी ना करने पर हबीब ने जैबुन्निशा की जिंदगी की खुशियों पर ही तलाक दे कर कफन डाल दिया। इससे जैबुन्निशा का हंसता-खेलता कुनबा तबाह हो गया। एक-दूसरे से बेहद प्यार करने वाले पति-पत्नी अब अलग-अलग रह रहे हैं।​

तलाक के बाद 1 गिलास पानी भी इस्लाम में हराम-हबीब
जब इस मामले को लेकर हबीब शाह से बात की गई तो उन्होंने बताया कि जब हमने जैबुन्निशा से कफन लाने के लिए कहा तो उसने मना कर दिया। यही बात उन्हें नागवार गुजरी और हमने तलाक दे दिया। उनकी उससे कोई लड़ाई-झगड़ा नहीं था। जब उनसे सवाल किया गया कि क्या इसका आपको अफसोस है तो उन्होंने कहा कि जब हमने तलाक ही दे दिया तो अफसोस किच चीज का। अब हम साथ रहना बिल्कुल भी पसंद नहीं करेंगे। इस्लाम में तलाक के बाद 1 गिलास पानी भी हराम होता है। 

क्या कहते हैं काजी? 
वहीं इस हैरान करने वाली घटना पर गोरखपुर के शहर काजी का बयान भी परेशान करने वाला है। उन्होंने कहा कि इस्लाम में किसी भी उम्र में तलाक दी जा सकती है और इसके लिए कोई उम्र शर्त नहीं है। 

हबीब के छोटे बेटे ने कहा, हमें भी है तलाक का दुख
मामला 2013 का है तभी से जैबुनिशा अपने बड़े बेटे के साथ जबकि हबीब शाह अपने छोटे बेटे वकील शा के साथ रह रहे हैं। वकील शाह ने कहा कि पिता के इस निर्णय का उन लोगों को दु:ख तो जरूर है लेकिन अब वे पिता के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को बखूबी निभा रहे हैं। 

85 फीसदी मामले बिना सोचे-समझे 
जानकारों के मुताबिक 80 से 85 फीसदी मामले बिना सोचे-समझे गुस्से में लिए गए फैसले होते हैं। कुछ मामलों में पति दूसरी औरत की चाह या पत्नी को जायदाद से बेदखल करने की नीयत से ऐसा कदम उठाते हैं। इस तरह के मामलों पर अंकुश लगाने के लिए समाज के लोगों को आगे आना होगा। ऐसे लोगों का सामाजिक बहिष्कार किया जाना चाहिए ताकि बिना जायज कारण के इस तरह के कदम उठाने वाले हजार बार सोचें।​