ड्रामा था रामगोपाल का सपा से निष्कासन! जल्द हो सकते हैं पार्टी में शामिल

punjabkesari.in Wednesday, Nov 16, 2016 - 06:46 PM (IST)

लखनऊ (अभिषेक): यूपी की सत्ताधारी समाजवादी पार्टी (सपा) से हाल ही 6 वर्ष के लिये निष्कासित राज्यसभा सांसद रामगोपाल यादव ने आज शुरू हुये संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन राज्यसभा में समाजवादी पार्टी के तरफ नोटबंदी पर अपना पक्ष रखा। वहीं उनको लेकर सपा मुखिया का रुख भी पहले से कुछ नरम हो रहा है। इसके बाद यह कयास लगाये जा रहे है कि जल्द ही रामगोपाल की वापसी सपा में हो सकती है। हालांकि इस बारे में सपा प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल से यादव ने कुछ भी बोलने से इंकार करते हुये कहा कि इस बारे में जो भी फैसला लेना होगा नेताजी (मुलायम सिंह यादव) लेगें। इसके अलावा पार्टी के अन्य नेता भी इस सवाल पर कन्नी काटते नजर आऐ।

इससे पहले इटावा में एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुये राम गोपाल यादव भावुक हो उठे और रोते हुये अपने आप को निर्दोष बताया और अपने को सपा का समर्पित कार्यकर्ता बताया था। नोट बंदी पर राज्य सभा में बोलते हुये कहा कि देश की 90 फिसदी पूंजी 10-12 लोगों के पास है वह लाइन में नही लगा है, जो लाइन में लगा है वह गरीब किसान और मजदूर है। उन्होनें कहा कि सरकार सदन को बताये की उसने कितना कालाधन इकठ्ठा किया और कितने के खिलाफ कार्रवायी हुई।

उन्होनें यह भी कहा कि भाजपा के नेता ने 2 हजार के नोट पहले ही ट्वीट कर दिया था, ऐसे में यह किस तरह माना जाये कि इस बात की जानकारी किसी को नही थी। संसद को इस बाद की जांच करानी चाहिए।

विपक्ष ने उठाया सवाल 
रामगोपाल के बयान के बाद विपक्ष सवाल खड़े कर रहा है। विपक्ष का कहना है कि अगर सपा ने रामगोपाल को पार्टी से निष्कासित कर दिया है तो उन्होंने पार्टी का पक्ष कैसे रखा। बीजेपी ने निशाना साधते हुए कहा कि सपा सिर्फ पॉलिटिकल ड्रामा कर रही है। बीजेपी नेता ओम माथुर ने कहा है कि सपा परिवार नूरा कुश्ती कर रहा है। 

क्या कहा शिवपाल ने?
वहीं जब रामगोपाल के सपा में वापसी को लेकर शिवपाल यादव से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि इस मामले पर सपा अध्यक्ष फैसला लेंगे। गौरतलब है कि सपा में मचे सियासी घमासान के बाद सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव ने राम गोपाल यादव को 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया था। 

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