पाकिस्तान की गोलीबारी में शहीद हुए सैनिक का परिवार आमरण अनशन पर बैठा, जानिए क्यों?

punjabkesari.in Saturday, May 20, 2017 - 03:55 PM (IST)

संभल: जिले के पनसुखा मिलक में शहीद सुधीश कुमार के परिजन आज दूसरे दिन भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गांव आने की मांग को लेकर धरने पर बैठे रहे। उधर, दूसरी आेर जिले के प्रशासनिक अधिकारियों ने कल 21 मई को मुरादाबाद समीक्षा को आ रहे मुख्यमंत्री से परिजनों को मिलवाने का प्रस्ताव रखा जिसे परिजनों ने ठुकरा दिया। 

शहीद सुधीश कुमार के भाई मनोज कुमार ने आज यहां बताया कि आज एडीएम, एसपी सहित कई अधिकारी आये थे। उन्होंने कल मुरादाबाद में हमें मुख्यमंत्री से मिलवाने की बात कही लेकिन हमारी मांग है कि जब तक मुख्यमंत्री योगी हमारे गांव नहीं आएंगे तब तक हम अनशन नहीं तोड़ेंगे और आज अनशन की वजह से शहीद भाई की पत्नी कविता की तबियत भी खराब हो गयी है। 

एडीएम आर पी यादव ने कहा, ‘‘मैंने शहीद के परिजनों से अनशन खत्म करने का आग्रह करते हुए परिवार के दो लोगों को कल मुरादाबाद मंडल की समीक्षा को आ रहे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलवाने की बात रखी लेकिन परिजन मुख्यमंत्री के गांव आने की बात पर ही अडिग हैं। मैंने एसडीएम संभल को डाक्टरों की एक टीम नियुक्त कर जांच करने तथा गांव में एंबुलेंस सेवा रखने के आदेश दिए हैं।’’

गौरतलब है कि सरहद पर पाकिस्तान की आेर से गोलीबारी में शहीद हुए उत्तर प्रदेश के संभल जिले के निवासी जवान सुधीश कुमार के परिजन अपने गांव की उपेक्षा से आहत होकर कल आमरण अनशन पर बैठ गये थे। शहीद की मां और पत्नी ने चेतावनी दी है कि अगर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उनके गांव नहीं आये तो वे खुदकुशी कर लेंगी। 

पिछले साल 16 अक्तूबर को जम्मू-कश्मीर के राजौरी के पास पाकिस्तानी गोलाबारी में शहीद हुए सुधीश की मां संतोष कुमारी के अनुसार बेटे की शहादत के वक्त उन्होंने तथा उनके पूरे परिवार ने राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को गांव बुलाने को लेकर धरना दिया था। उनके नहीं आने को भाजपा ने मुद्दा बनाते हुए तमाम वादे किये थे। उन्होंने बताया कि भाजपा नेताआें ने शहीद के परिजन को पेट्रोल पंप दिलाने, उनके गांव पंसुखा मिलक में सड़क बनवाने, शहीद सुधीश का स्मारक बनवाने, गांव के प्राइमरी स्कूल का नाम शहीद के नाम पर रखवाने तथा गांव में एक इंटर कालेज बनवाने की बात की थी लेकिन आज तक उनकी सुध लेने कोई नहीं आया है। इसके विरोध में परिजन तथा अन्य ग्रामीणों ने अनिश्चितकालीन अनशन शुरू कर दिया है।