नागिन को जिंदा या मुर्दा पकड़ने के लिए रखा 5 हजार का इनाम, जानिए पूरा क्या है माजरा

punjabkesari.in Friday, Aug 11, 2017 - 12:34 AM (IST)

शाहजहांपुरः चोर-डकैतों के सिर पर इनाम तो आपने जरूर सुना होगा लेकिन क्या एक नागिन को जिंदा या मुर्दा पकड़ने के लिए भी नकद इनाम रखा जा सकता है? उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में ऐसा ही हुआ है। यहां एक शख्स ने अपने बेटे को चार बार डसने वाली नागिन पर 5,000 रुपए नकद का इनाम रखा है। अब नागिन की तलाश में कई सपेरे जी-जान से जुटे हैं।  
 

कहानी पूरी फिल्मी सुनाई देती है। शाहजहांपुर के निगोही ब्लॉक के खिरिया पश्चिमी गांव के लोग एक नागिन से दहशतजदा हैं। बताया जा रहा है कि शोकेन्द्र सिंह के बेटे बृजभान ने दो साल पहले एक नाग को मार दिया था। उस वक्त नाग और नागिन दोनों प्रेमालाप में थे। तभी से नागिन छात्र बृजभान के पीछे पड़ी बताई जा रही है। नाग के मारे जाने के 10 मिनट बाद ही नागिन ने छात्र को डसा. दावा किया जा रहा है कि नागिन अब तक कुल चार बार बृजभान को डस चुकी है। हर बार उसकी जान बचाने में देसी इलाज कारगर रहा।   

बृजभान को नागिन से बचाने के लिए उसके चारों ओर अब हर वक्त सुरक्षा का कड़ा पहरा रहता है। लठ्ठ और बंदूक लिए कुछ लोग मुस्तैदी से ये काम करते हैं। इतना ही नहीं बृजभान के पिता की ओर से नागिन के कोप से अपने बेटे को मुक्त कराने के लिए 5,000 रुपए नकद का इनाम घोषित किया गया है।
 

नागिन के डसने के डर से बृजभान हर वक्त चारपाई पर ही लेटा रहता है। बृजभान के घरवालों का कहना है कि नागिन आसपास ही छुपी रहती है। जैसे ही मौका मिलता है वो बृजभान को डस लेती है। बहरहाल पूरे क्षेत्र में इस नागिन को लेकर ही तरह तरह की चर्चाएं हैं। जैसा कि फिल्मों में दिखाया जाता है, वैसा ही गांव के कुछ बुजुर्गों का भी मानना है। इनके मुताबिक नाग-नागिन के जोड़े में से किसी एक को मार दिया जाता है तो जोड़े में जीवित बचा साथी हत्यारे को किसी सूरत में जिंदा नहीं छोड़ता।  
 

शाहजहांपुर के चीफ मेडिकल ऑफिसर (सीएमओ) आर पी रावत के मुताबिक ऐसी धारणा बिल्कुल गलत है कि नाग या नागिन के मरने पर उसके रेटिना पर हत्यारे की तस्वीर आ जाती है। रावत ने बृजभान के मामले को मनोवैज्ञानिक दबाव का नतीजा बताया। रावत के मुताबिक ऐसा भी हो सकता है कि अलग अलग सांपों ने बृजभान को डसा हो लेकिन खौफ की वजह से ऐसा लगता हो कि एक ही नागिन बदला लेने के लिए उसे बार-बार डस रही है।