UP Assembly Elections: गाजियाबाद जिले की पांच सीटों को बचाने के लिए जूझ रही है BJP

punjabkesari.in Sunday, Jan 16, 2022 - 12:16 PM (IST)

 

गाजियाबादः उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले की 5 विधानसभा सीटों पर दस फरवरी को मतदान होना है। लोनी, मुरादनगर, साहिबाबाद, गाजियाबाद और मोदीनगर सीट पर बीजेपी-सपा और बसपा में कांटे की टक्कर देखने को मिल रही है। अधिकतर सीटों पर बीजेपी,सपा-रालोद और बसपा ने कैंडिडेट के नाम का ऐलान कर दिया है। आइए गाजियाबाद जिले की पांचों विधानसभा सीटों के अलग-अलग समीकरण पर डालते हैं एक नजर

गाजियाबाद जिले के लोनी विधानसभा सीट पर 2017 में नंदकिशोर गुर्जर विधायक चुने गए थे। 2017 के चुनाव में नंदकिशोर गुर्जर ने बीएसपी कैंडिडेट जाकिर अली को 42 हजार 805 वोटों के मार्जिन से हराया था। लोनी सीट पर बीजेपी,सपा-रालोद गठबंधन और बीएसपी ने कैंडिडेट के नाम का ऐलान कर दिया है। बीजेपी ने एक बार फिर से नंदकिशोर गुर्जर को फिर से लोनी सीट से कैंडिडेट बनाया है। वहीं यहां से रालोद ने मदन भैय्या को चुनावी मैदान में उतारा है। वहीं बीएसपी ने हाजी अकील चौधरी की किस्मत पर भरोसा जताया है। अगर बीएसपी कैंडिडेट हाजी अकील चौधरी ने मुस्लिम वोट में सेंध लगाई तो बीजेपी की दावेदारी यहां से मजबूत हो जाएगी। आइए अब चर्चा करते हैं लोनी सीट के जातीय समीकरण की। लोनी में 90 हजार मुस्लिम,35 हजार गुर्जर, 30 हजार ब्राह्मण,30 हजार दलित और 23 हज़ार वाल्मीकि वोटर हैं। इसके अलावा यहां 40 हजार पूर्वांचली, 18 हजार गढ़वाली,18 हजार त्यागी और 15 हजार वैश्य वोटर भी हैं। बीजेपी गुर्जर-ब्राह्मण-वाल्मिकी-वैश्य के साथ ही त्यागी वोटरों को साधने के लिए पूरी ताकत लगा रही है। इसके अलावा पूर्वांचली और गढ़वाली वोटरों को रिझाने के लिए भी बीजेपी पूरी कोशिश करेगी, हालांकि रालोद कैंडिडेट के लिए मुस्लिम वोटरों को एकजुट रखना कड़ी चुनौती होगी।

वहीं गाजियाबाद जिले के मुरादनगर सीट पर 2017 में बीजेपी के अजीत पाल त्यागी विधायक चुने गए थे। 2017 में अजीत पाल त्यागी ने बीएसपी के सूधन कुमार को 89 हजार 612 वोटों के मार्जिन से हराया था। दरअसल मुरादनगर विधानसभा की राजनीति बीते 3 दशकों से राजपाल त्यागी परिवार के इर्द-गिर्द ही घूमती रही है। अजीत पाल त्यागी भी राजपाल त्यागी के ही बेटे हैं। 2022 के चुनाव में बीजेपी ने एक बार फिर से अजीत पाल त्यागी को ही मुरादनगर से टिकट दिया है। वहीं रालोद ने यहां से सुरेंद्र कुमार मुन्नी की किस्मत पर भरोसा किया है तो बीएसपी ने हाजी अय्यूब इदरीशी को चुनावी अखाड़े में उतारा है। एक बार चर्चा करते हैं मुरादनगर विधानसभा के जातिगत समीकरण पर। यहां जाट और मुस्लिम वोटर चुनावी नतीजों पर असर डालते हैं। मुरादनगर में 55 हज़ार जाट, 45 हजार मुस्लिम, 40 हज़ार त्यागी, 40 हज़ार ब्राह्मण और 45 हजार दलित वोटर हैं। वहीं 25 हजार वैश्य, 20 हज़ार पंजाबी, 17 हज़ार यादव वोटर हैं। इसके अलावा मुरादनगर में 75 हजार ओबीसी वोटर भी हार-जीत तय करने में अहम भूमिका निभाते हैं।

वहीं गाजियाबाद जिले के साहिबाबाद सीट पर 2017 में बीजेपी के सुनील कुमार शर्मा विधायक चुने गए थे। शर्मा ने उत्तर प्रदेश साहिबाबाद की सीट पर सबसे बड़े मार्जिन से जीत हासिल की थी। सुनील शर्मा ने डेढ़ लाख से भी अधिक वोट के अंतर से चुनाव जीता था। 2017 में बीजेपी के सुनील शर्मा ने 2 लाख 62 हजार 741 वोट हासिल किए थे। वहीं उन्होंने कांग्रेस के अमरपाल शर्मा को एक लाख 50 हजार 685 मतों के अंतर से हराया था। साहिबाबाद से 2022 में बीजेपी ने एक बार फिर से सुनील शर्मा को टिकट दिया है। वहीं समाजवादी पार्टी ने एक बार फिर अमरपाल शर्मा की किस्मत पर भरोसा जताया है। अब बात करते हैं साहिबाबाद सीट के जातीय समीकरण की। यहां डेढ़ लाख मुस्लिम, 90 हज़ार ब्राह्मण, 55 हजार त्यागी, 45 हज़ार वैश्य, 35 हज़ार दलित और 30 हजार ठाकुर वोटर हैं। वहीं 30 हज़ार जाट, 25 हज़ार गुज्जर और 15 हज़ार यादव वोटर भी हैं। इसके अलावा 65 हज़ार पूर्वांचली, 35 हज़ार गढ़वाली,10 हज़ार कश्मीरी,15 हज़ार ईसाई और 15 हज़ार कायस्थ वोटर हैं। बीजेपी और सपा-रालोद अपने अपने समूह के वोटरों को एकजुट करने में लगी है, जो पार्टी अपने परंपरागत वोटरों को साध लेगी उसकी जीत यहां से तय़ है।

गाजियाबाद जिले के गाजियाबाद सीट पर 2017 के चुनाव में अतुल गर्ग ने जीत हासिल की थी। 2017 में अतुल गर्ग ने बीएसपी के सुरेश बंसल को 70 हजार 505 वोटों के मार्जिन से हराया था। वहीं 2022 के विधानसभा चुनाव में भी अतुल गर्ग को ही बीजेपी ने एक बार फिर से टिकट दिया है। साथ ही बीएसपी ने भी 2022 में एक बार फिर से सुरेश बंसल को टिकट दिया है। अब डालते हैं गाजियाबाद सीट के जातीय समीकरण की। गाजियाबाद में 80 हजार अनुसूचित जाति, 55 हज़ार ब्राह्मण, 45 हज़ार ओबीसी, 35 हज़ार वैश्य और 35 हज़ार मुस्लिम वोटर हैं। वहीं 25 हजार ठाकुर, 14 हज़ार पंजाबी, 12 हज़ार यादव और 10 हज़ार जाट वोटर हैं। इसके अलावा यहां सुनार-गुज्जर-कायस्थ-त्यागी के साथ ही थोड़े-थोड़े इसाई वोटर भी हैं।

गाजियाबाद जिले के मोदीनगर सीट पर 2017 में बीजेपी की मंजू शिवाच विधायक चुनी गई थी। बीजेपी की मंजू शिवच ने 2017 में बीएसपी के वहाब को 66 हजार 582 वोटों के बड़े मार्जिन से हराया था। 2022 के विधानसभा चुनाव में एक बार फिर से मंजू सिवाच को टिकट दिया है। वहीं रालोद ने मोदीनगर से सुदेश शर्मा को टिकट दिया है। अब बात करते हैं मोदीनगर के जातीय समीकरण की। यहां सवा लाख ओबीसी, 50 हज़ार जाट, 50 हज़ार मुस्लिम और 35 हज़ार ब्राह्मण वोटर हैं। वहीं 30 हज़ार दलित और 25 हजार वैश्य वोटर भी मोदीनगर सीट पर जीत-हार तय करने में अहम भूमिका निभाते हैं।

2017 में गाजियाबाद जिले की पांचों सीटों पर बीजेपी ने जीत का परचम लहराया था। वहीं इस बार बीजेपी और सपा में कांटे की टक्कर है। वहीं बीएसपी अगर सपा के परंपरागत वोट बैंक में सेंध लगाने में कामयाब रही तो इससे गठबंधन की मुश्किल बढ़ सकती है।
 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Nitika

Recommended News

Related News

static