IVRI की चौंकाने वाली रिसर्चः बीमार कर सकता है ताजा गौमूत्र, छानकर पीना भी है खतरनाक

punjabkesari.in Wednesday, Apr 12, 2023 - 08:18 PM (IST)

बरेली: काफी समय से सियासत में छाए गोमूत्र पर देश के शीर्ष पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान आईवीआरआई ने वैज्ञानिक अध्ययन के बाद चौंकाने वाला नतीजा निकाला है कि ताज़े गोमूत्र का सेवन मानव शरीर पर कोई लाभ पहुंचाने के बजाय गंभीर नकारात्मक प्रभाव छोड़ सकता है और इससे टाइफाइड, घाव में सड़न और पेट में बैक्टीरिया का संक्रमण फैल सकता है। वैज्ञानिकों के मुताबिक बीमारियों से बचने के लिए गोमूत्र को बेहतर ढंग से छानकर प्रयोग करना विकल्प हो सकता है लेकिन इसका मानव शरीर पर सकारात्मक प्रभाव निश्चित नहीं है।



ताजा मूत्र में खतरनाक बैक्टीरिया
आईसीएआर-आईवीआरआई के जीवाणु विज्ञान विभाग के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. भोजराज सिंह के मुताबिक शोध में पता चला है कि गाय के ताजा मूत्र में खतरनाक बैक्टीरिया होते हैं। उन्होंने बताया कि उनके नेतृत्व में पीएचडी कर रहे संस्थान के तीन छात्रों ने स्थानीय डेयरियों पर जून 2022 से अक्टूबर 2022 तक गाय और भैंस की विभिन्न प्रजातियों के साथ मनुष्य के ताजा मूत्र पर शोध किया है। इनमें गाय की साहीवाल, थारपारकर और क्रॉस ब्रीड वृंदावनी प्रजाति के साथ भैंस की मुर्रा प्रजाति शामिल थीं। रिसर्च के दौरान मूत्र के 73 नमूनों का वैज्ञानिक विश्लेषण किया गया है।

गोमूत्र में 14 हानिकारक बैक्टीरिया, कई घातक-
रिसर्च में पता चला कि गोमूत्र के नमूनों में ई-कोलाई, क्लेबसिएला न्यूमोनिया, एरोमोनास, एसिनेटोबैक्टर जैसे घातक बैक्टीरिया के साथ कम से कम 14 तरह के हानिकारक बैक्टीरिया होते हैं जो पेट में संक्रमण का कारण बन सकते हैं।

गोमूत्र की तुलना में भैंस का मूत्र ज्यादा जीवाणुरोधी-
.वैज्ञानिकों के मुताबिक भैंस के मूत्र की जीवाणुरोधी गतिविधि गायों की तुलना में कहीं अधिक बेहतर है। भैंस के मूत्र में एस एपिडर्मिंडिस और ई रैपोंटिसी जैसे बैक्टीरिया का काफी अधिक प्रभाव है।

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Ajay kumar