यूपीः दाम न मिल पाने से निराश किसानाें ने सड़काें पर फेंका कराेड़ाें का आलू

punjabkesari.in Saturday, Dec 09, 2017 - 07:13 PM (IST)

फरुर्खाबाद( दिलीप कटियार)-याेगी सरकार भले ही किसानाें काे राहत प्रदान करने के लिए लाख दावे करे लेकिन इसका काेई फर्क नहीं पड़ रहा है। आज भी किसानाें काे अपनी फसल के वाजिब दाम नहीं मिल पा रहे हैं। जिसकी वजह से उन्हें सड़काें पर फेंकना पड़ रहा है। 

ताजा मामला फरुर्खाबाद का है। नोटबंदी के बाद से फ़र्रुखाबाद के आलू किसानों के न तो आलू बिक रहे हैं और न ही सीड। कोल्ड स्टोरेज से किसान अपना आलू नहीं उठा रहे हैं। जिस कारण कोल्ड मालिक कोल्ड में रखे आलू को अब बाहर फेंकने को मजबूर हैं ।फर्रुखाबाद में इस बार लगभग 200 करोड़ रूपये का आलू सड़कों पर फेंका जा रहा है। इतना ही नहीं लगातार घाटे के कारण आलू किसान आत्महत्या करने तक को मजबूर हो गया है। किसानों को बेटियों की शादियाँ स्थगित करनी पड़ रहीं हैं। कोई किसानों की सुनने वाला नहीं है। 

एेसा नहीं है कि किसानाें ने सरकार से आलू खरीदने की अपील नहीं की। अपील करने के बाद भी उन्हें सरकार से काेई राहत नहीं मिली। सरकार की बेरुखी से परेशान किसानाें ने अब इसे सड़काें पर फेंकना शुरू कर दिया है।

कोल्ड स्टोरेज में पड़ा है 4 लाख मीट्रिक टन आलू 
फर्रुखाबाद के 70 कोल्ड स्टोरेज में 4 लाख मीट्रिक टन आलू पड़ा हुआ है। जिसे किसान वापस लेकर ही नहीं जा रहे हैं। वजह है दाम कम मिलने से होने वाला घाटा।

सरकार की पहल से नहीं हुआ किसानाें काे फायदा 
योगी सरकार की पहल पर हुई आलू की सरकारी खरीद भी किसानों को इस घाटे से नहीं उबार सकी। आलू व्यापारी अशोक कटियार ने बताया कि आलू की आवक बढ़ रही है। लागत के मुकाबले रेट कम हैं। वहीं आलू किसानों की माने तो यह सब ऐसी स्थितियां आ रही हैं जिससे कि आने वाले समय में उन्हें इस खेती से मोह छोड़ना पड़ेगा।