अलविदा 2020: UP की वो ख़बरें जिनसे दहल उठा देश-विदेश, ऐतिहासिक लम्हों का साक्षी भी बना ये वर्ष

punjabkesari.in Thursday, Dec 31, 2020 - 12:20 PM (IST)

यूपी डेस्क (तमन्ना भारद्वाज): वर्ष 2020 अपनी आगोश में लिए अच्छी और बुरी यादों के लिए हमेशा यादगार रहेगा। वहीं यूपी में वर्ष 2020 में ऐसी कई बड़ी आपराधिक घटनाएं हुईं, जिनसे पूरा देश ही नहीं विदेश भी दहल उठा। एक समय तो ऐसा आया कि ये जघन्य घटनाओं के इर्द गिर्द ही यूपी की राजनीति घुमने लगी। जिसका नतीजा ये निकला कि योगी सरकार की चारों तरफ जमकर किरकिरी हुई। बातें सिर्फ काली यादों तक ही सीमित नहीं है, यूपी में ऐसे ऐतिहासिक कार्य भी हुए जिन्होंने विदेशों तक अपना ढंका बजाया। ये वर्ष उन ऐतिहासिक लम्हों का साक्षी बना है। तो आईये जानते हैं साल 2020 (Year 2020) की यूपी की बहुचर्चित और प्रमुख घटनाओं के बारे में...

हाथरस कांड- यूपी में हुए हाथरस कांड ने तो पूरे यूपी को ही कलंक लगा दिया। सितंबर माह में हाथरस जिले के चंदपा इलाके के एक गांव में 20 साल की एक दलित युवती से कथित सामूहिक बलात्कार की घटना ने प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार के लिए असहज स्थितियां पैदा कर दीं। गत 14 सितंबर को हुई इस घटना की शिकार लड़की ने करीब 14 दिन बाद दिल्ली के एक अस्पताल में दम तोड़ दिया। जिला प्रशासन ने कथित रूप से परिवार की मर्जी के बगैर देर रात लड़की का अंतिम संस्कार कर दिया। इस घटना को लेकर व्यापक प्रतिक्रिया हुई। पूरे देश में जगह-जगह इसके खिलाफ प्रदर्शन हुए। इस विरोध ने राजनीतिक रंग भी लिया और कांग्रेस नेता राहुल गांधी तथा प्रियंका गांधी वाड्रा के साथ-साथ बड़ी संख्या में विभिन्न विपक्षी दलों के नेताओं ने हाथरस जाकर पीड़ित परिवार से मुलाकात की।

बिकरू कांड- कानपुर में हुए बिकरू कांड ने पूरे देश में जमकर सुर्खियां बटौरी, उस वक्त न्यूज चैनलों, समाचार पत्रों की हेडलाइने विकास दूबे के नाम से ही पट्टी पड़ी थीं। कानपुर के बिकरू में 8 पुलिसकर्मियों की घेरकर हत्या क्या कोई साधारण बात नहीं थी। पूरा देश में इस पर चर्चा होने लगी। पुलिस आरोपियों पर कहर बनकर टूट पड़ी। जुलाई में कानपुर जिले का बिकरू गांव घात लगाकर किए गए हमले में 8 पुलिसकर्मियों की हत्या की घटना से थर्रा उठा। गत दो-तीन जुलाई की दरमियानी रात गैंगस्टर विकास दुबे को गिरफ्तार करने गई पुलिस टीम पर उसके गुर्गों ने छत से ताबड़तोड़ गोलियां बरसाईं, जिसमें एक पुलिस क्षेत्राधिकारी समेत आठ पुलिसकर्मियों की मौत हो गई। इसके बाद हुई पुलिस कार्रवाई में विकास के पांच साथी मुठभेड़ में मारे गए। बिकरू कांड के लगभग एक हफ्ते बाद नौ जुलाई को दुबे को मध्य प्रदेश के उज्जैन से गिरफ्तार किया गया और 10 जुलाई की सुबह कानपुर लाते वक्त एसटीएफ के साथ कथित मुठभेड़ में वह मारा गया।

लव जिहाद- सरकार कथित ‘लव जिहाद' के खिलाफ एक अध्यादेश लेकर आई, जिसमें छल, कपट या जबरन धर्म परिवर्तन कराए जाने के खिलाफ कार्रवाई के प्रावधान किए गए हैं। इसके तहत अधिकतम 10 साल तक की सजा का प्रावधान किया गया है। नवंबर में इस अध्यादेश के लागू होने के बाद प्रदेश में जगह-जगह अंतरधार्मिक विवाहों को चुनौती दी गई और मुकदमे दर्ज किए गए।

कोरोना- वर्ष 2020 की बात तो कोरोना वायरस का नाम ना आए ऐसा तो हो ही नहीं सकता, कोरोना ने इस वर्ष वो काम करा दिए जिसका किसी को सपना तक नहीं आया होगा। प्रदेश में कोविड-19 के करीब छह लाख मामले सामने आए जिनमें से 8,000 से ज्यादा मरीजों की मौत हो गई। लोगों को बेहद मुश्किलों का सामना करना पड़ा तो वहीं लोगों ने कोरोना वायरस की वजह से लगे लॉकडाउन में अनगिनत अच्छी चीजों का अनुभव किया।लॉकडाउन के दौरान 35 लाख से ज्यादा प्रवासी मजदूर उत्तर प्रदेश स्थित अपने घरों को लौट आए। प्रदेश सरकार ने आपदा को अवसर में बदलने का इरादा जाहिर करते हुए इन प्रवासी मजदूरों को रोजगार दिलाने के लिए अलग से आयोग गठित किया।

दंगाइयों के पोस्टर लगाकर नुकसान की भरपाई- योगी सरकार के इस कार्य की जमकर तारीफ हुई। सीएए और एनआरसी के विरोध के चलते प्रदेश में कई जगहों पर हिंसा हुई। लखनऊ और कानपुर में काफी बवाल हुआ। इससे सबक लेते हुए योगी सरकार ने एक बेहद कड़ा कदम उठाया। कानून बनाया गया कि यदि सरकारी संपत्ति को कोई नुकसान पहुंचाता है तो उसकी भरपाई उसकी निजी संपत्ति से वसूल की जाएगी।

राम मंदिर का भूमि पूजन- 493 साल के लंबे इंतजार के बाद श्रीराम के भव्य मंदिर के निर्माण का सपना साकार हुआ। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा अयोध्या में राम मंदिर का भूमि पूजन किया जाना भी ऐसी ही घटनाओं में शामिल है। मोदी ने गत पांच अगस्त को अयोध्या में राम जन्मभूमि पर भव्य राम मंदिर का भूमि पूजन किया। लंबी कानूनी लड़ाई के बाद आए इस ऐतिहासिक क्षण को टेलीविजन पर करोड़ों लोगों ने देखा। प्रधानमंत्री पिछले महीने देव दीपावली समारोह में हिस्सा लेने के लिए एक बार फिर अयोध्या पहुंचे और सरयू में टिमटिमाते दीयों की अनोखी छटा के साक्षी बने। राम मंदिर के भूमि पूजन के ऐतिहासिक क्षण के बाद भी अयोध्या सुर्खियों में बनी रही।

अयोध्या में भव्य दीपोत्सव- 14 नवंबर को दीपावली के दिन रामनगरी अयोध्या 5 लाख 51 हजार दीपों से जगमगाई। जिसके चलते  गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अयोध्या अपना नाम दर्ज कराया। इस वर्ष भी कोरोना की छाया पड़ने के बावजूद अयोध्या में दीपोत्सव का भव्य आयोजन हुआ। वर्चुअल तरीके से हुए इस दीपोत्सव में लेजर लाइट के जरिए रामायण व अयोध्या के इतिहास का वर्णन किया गया, जिसकी खूबसूरती भी देखते ही बनी। घर बैठे श्रद्धालू भी वर्चुअल तरीके से दीप जलाकर इसमें शामिल हो पाए।

वाराणसी की देव दीपावली- देव दिवाली सनातन धर्म का बहुत ही महत्वपूर्ण त्यौहार माना जाता है। धार्मिक मान्यताएं हैं कि इस दौरान सभी देवी-देवता धरती के पावन गंगा घाटों पर स्नान करते हैं। यूं तो कार्तिक मास में छोटी दिवाली के बाद मनाई जाने वाली देव दिवाली को अधिक खास माना जाता है। 30 नवंबर को वाराणसी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दीप जलाकर भव्य देव दीपावली कार्यक्रम का उद्घाटन किया। साथ ही क्रूज पर बैठकर गंगा नदी के बीच में से लेजर शो का भी आनंद लिया। 

Tamanna Bhardwaj