हाथरस कांड: सुनवाई टली, सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से मांगा हलफनामा

punjabkesari.in Tuesday, Oct 06, 2020 - 02:28 PM (IST)

नयी दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने उत्तर प्रदेश के हाथरस के कथित सामूहिक दुष्कर्म और हत्या मामले में राज्य सरकार को कुछ बिंदुओं पर हलफनामा दायर करने का मंगलवार को निर्देश दिया और सुनवाई एक सप्ताह के लिए टाल दी। मुख्य न्यायाधीश शरद अरविंद बोबडे की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने राज्य सरकार से हलफनामा देकर यह बताने को कहा कि वह मामले के गवाहों की सुरक्षा के लिए क्या कदम उठा रही है तथा क्या पीड़ति परिवार ने कोई वकील चुना है? न्यायमूर्ति बोबडे ने कहा कि वह सुनिश्चित करेंगे कि हाथरस मामले की जांच सही तरीके से चले।

इससे पहले उत्तर प्रदेश सरकार ने उच्चतम न्यायालय से मंगलवार को हाथरस मामले की सीबीआई जांच का निर्देश देने का अनुरोध करते हुए कहा कि इससे यह सुनिश्चित होगा कि कोई निहित स्वार्थ से गलत और झूठे विमर्श नहीं रच पाएगा। 



प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे की पीठ के समक्ष सूचीबद्ध एक जनहित याचिका की प्रतिक्रिया में प्रदेश सरकार ने कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि स्वतंत्र केंद्रीय एजेंसी से जांच कराई जाए। एक जनहित याचिका में जांच की निगरानी सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट के वर्तमान या रिटायर्ड जज से कराने की मांग की गई है। याचिका में कहा गया है कि यूपी में मामले की जांच और सुनवाई निष्पक्ष नहीं हो पाएगी। इसलिए इसे दिल्ली ट्रांसफर किया जाए। 

एससी ने परिवार की सुरक्षा पर मांगा हलफनामा
सीजेआई एसए बोबड़े ने कहा कि हम पीड़ित पक्ष और गवाहों के सुरक्षा ‌के‌ यूपी सरकार के बयान को दर्ज कर रहे हैं या आप हलफनामा दाखिल करें। इस पर सरकार की ओर से पेश हो रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि कल तक दाखिल कर देंगे। इसके बाद सीजेआई ने कहा कि ठीक है, आप गवाहों की सुरक्षा को लेकर किए इंतजामों पर और पीड़ितों की सुरक्षा के बारे में हलफनामे में पूरी जानकारी दें। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वो सुनिश्चित करेगा कि हाथरस मामले की जांच सही तरीके से चले।

सुप्रीम कोर्ट ने पूछा-क्यों न मामले की सुनवाई पहले हाईकोर्ट में करें
-सुनवाई के दौरान वकील कीर्ति सिंह ने कहा कि मैं कोर्ट की महिला वकीलों की तरफ से बोल रही हूं। हमने रेप से जुड़े कानून पर काफी अध्यययन किया है। यह एक झकझोरने वाली घटना हुई है। 
-इस पर सीजेआई एसए बोबड़े ने कहा कि हर कोई कह रहा है कि घटना झकझोरने वाली है। हम भी यह मानते हैं। तभी आपको सुन रहे हैं, लेकिन आप इलाहाबाद हाई कोर्ट क्यों नहीं गईं?
-क्यों नहीं मामले की सुनवाई पहले हाई कोर्ट करे, जो बहस यहां हो सकती है, वही हाई कोर्ट में भी हो सकती है। क्या ये बेहतर नहीं होगा कि हाई कोर्ट मामले की सुनवाई करे?

Ajay kumar