सपा सरकार पर बरसे मोदी, कहा-ईमानदार लोगों का यूपी में जीना मुश्किल

punjabkesari.in Sunday, Feb 19, 2017 - 08:06 PM (IST)

फतेहपुर (उ.प्र.): प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उत्तर प्रदेश में भेदभाव को सबसे बड़ा संकट मानते हुए आज राज्य की सत्ताधारी सपा के अलावा कांग्रेस और बसपा पर जोरदार हमला बोला। यूपी की कानून व्यवस्था को लेकर मोदी ने कहा कि ईमानदार लोगों का यूपी में जीना मुश्किल हो गया है। मोदी ने ‘सबका साथ सबका विकास’ का मतलब समझाते हुए कहा कि सबको उसका हक मिलना चाहिए, चाहे वह किसी भी माता की कोख से पैदा हुआ हो।

उत्तर प्रदेश में भेदभाव सबसे बड़ा संकट 
मोदी ने यहां एक चुनावी रैली में कहा, ‘‘उत्तर प्रदेश में भेदभाव सबसे बड़ा संकट है। अन्याय की जड़ों मंे भेदभाव है। जिसका भी हक है, उसे मिलना चाहिए चाहे वह किसी भी माता की कोख से पैदा हुआ है। सबको उसका हक मिलना चाहिए। यही है सबका साथ सबका विकास।’’  

सबको मिलनी चाहिए बिजली
उन्होंने कहा, ‘‘गांव में कब्रिस्तान बनता है तो श्मशान भी बनना चाहिए। रमजान में बिजली मिलती है तो दीवाली में भी मिलनी चाहिए। होली में बिजली मिलती है तो ईद पर भी मिलनी चाहिए। कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए। सरकार का काम है भेदभाव मुक्त शासन चलाने का। किसी के साथ अन्याय नहीं होना चाहिए ... धर्म और जाति के आधार पर बिल्कुल नहीं।’’  

सरकारी खजाने को लुटाकर रहे हैं अखिलेश
मोदी ने प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पर हमला बोलते हुए कहा कि सरकारी खजाने से अनाप शनाप धन लुटाकर टीवी और अखबारों में छाये रहने के प्रयास से कुछ नहीं होना वाला है क्योंकि ‘‘ये जनता है, सब कुछ जानती है। जनता बड़ी आसानी से दूध का दूध पानी का पानी कर देती है। आपके (अखिलेश) इरादे और नीयत साफ है या नहीं, नीतियां ठीक हैं या नहीं, प्राथमिकताएं उचित हैं या अनुचित ...ये जनता जनार्दन भली भांति समझ लेती है।’’ 

अखिलेश ने लोहिया के पीठ में छूरा घोंपा 
सपा-कांग्रेस गठबंधन पर निशाना साधते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि अखिलेश ने राम मनोहर लोहिया के पीठ में छूरा घोंपा है। लोहिया जी पूरी जिंदगी कांग्रेस के खिलाफ लड़ते रहे और आज राजनीतिक स्वार्थ में अखिलेश उन्हीं के गोद में जाकर बैठ गए। 

कानून का राज न होने से जनता परेशान
उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था को लेकर भी प्रधानमंत्री ने सपा सरकार को आड़े हाथों लिया। मोदी ने कहा कि ईमानदार लोगों का यूपी में जीना मुश्किल हो गया है। सपा विधायकों और मंत्रियों के नाम बलात्कार और हत्याओं में सामने आ रहे हैं। उत्तर प्रदेश में पीड़ितों की कोई सुनवाई नहीं हो रही है। उन्हें रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट के पास आना पड़ रहा है। हालात तो ये हो गए हैं कि थानों में एफआईआर दर्ज करवाने के लिए सपा का झंड़ा लगाना पड़ता है। जिसकी गाड़ी में सपा का झंडा नहीं होता उसकी थानों में एफआईआर नहीं दर्ज होती।