शाह की गेम प्लानिंग का हिस्सा तो नहीं एमएलसी के इस्तीफे

punjabkesari.in Saturday, Jul 29, 2017 - 11:04 PM (IST)

लखनऊः नीरीश द्वारा मोदी सरकार की तारीफ। उनके आमंत्रण दिल्ली की दौड़। परिणाम बिहार में बीजेपी की 4 साल बाद वापसी। अब यूपी की सियासत में राजनीतिक तूफान का पारा उफान पर है। हालांकि यहां पहले से ही बीजेपी की सरकार है, लेकिन विपक्षी दलों की तरकश में बचे सूरमाओं को धराशाई करने पटकथा लिखी जा रही है। शायद यही कारण है कि यूपी की राजधानी में अमित शाह के कदम रखते ही पहले सपा पार्टी फिर बसपा के एमएलसी ने इस्तीफा दे दिया।

राजनैतिक जानकार तो इसे शाह की प्लानिंग का हिस्सा बताने से भी गुरेज नहीं कर रहे हैं। सपा को बड़ा झटका उस समय लगा जब विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) और राष्ट्रीय शिया समाज के संस्थापक सदस्य बुक्कल नवाब ने सभापति को अपना इस्तीफा दे दिया। उनके अलावा सपा एमएलसी यशवंत सिंह और मधुकर जेतली ने भी इस्तीफा दे दिया है। समाजवादी खेमे से दोहरे इस्तीफे पर राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव इतने तिलमिला गए कि दोनों नेताओं को कोशने लगे। उधर, मायावती ने 
सीधे-सीधे बीपेजी को दोषी ठहरा दिया। 

मोदी की तारीफ में पढ़े कसीदे

पिछले दिनों बुक्कल नवाब ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तारीफ की थी। ऐसे में सपा एमएलसी भाजपा में शामिल हो कोई बड़ी बात नहीं होगी। उस दौरान बुक्कल नवाब ने कहा था कि एक साल से वह पार्टी में घुटन महसूस कर रहे थे। समाजवादी पार्टी एक अखाड़ा बन गया है। पार्टी में मुलायम सिंह यादव का अपमान हो रहा है।

गेम प्लान हिस्सा तो नहीं.. 

इस बीच भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह लखनऊ पहुंच चुके हैं। एेसे में राजनीतिक पंडित विधान परिषद सदस्यों के इस्तीफे को शाह के गेम प्लान का हिस्सा माना रहे हैं। इस घटनाक्रम को कुछ मंत्रियों को एमएलसी बनाने का रास्ता साफ करने के तौर पर देखा जा रहा है। खाली सीटों पर भाजपा नेता उपचुनाव लड़ सकते हैं। बसपा के भी एक एमएलसी ठाकुर जयवीर सिंह ने पार्टी छोड़ दी है। माना जा रहा है कि मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ, दो डिप्‍टी सीएम दिनेश शर्मा, केशव प्रसाद मौर्य के अलावा मोहसिन रजा और स्‍वतंत्र देव सिंह अभी किसी सदन के सदस्य नहीं हैं।