CM योगी की डॉक्टरों को नसीहत: पैसे के लिए नहीं दुआ के लिए करें काम

punjabkesari.in Wednesday, Apr 05, 2017 - 06:25 PM (IST)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मरीजों के प्रति संवेदनशील होने के साथ ही सरकारी डॉक्टरों से निजी प्रेक्टिस बन्द करने की अपील की है। योगी आज यहां किंग जार्ज मेडिकल विश्वविद्यालय (केजीएमयू) में आज 56 नए वेंटिलेटर का लोकार्पण कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि डॉक्टरों में मरीजों के प्रति संवेदनशीलता जरूरी है। संवेदनशीलता ही डाक्टरों की पहचान होती है और मरीजों के प्रति उनकी जिम्मेदारी बनती है कि वह उनका बेहतर उपचार करें।

मरीजों का बेहतर उपचार करने की नसीहत
उन्होंने चिकित्सकों से निजी प्रैक्टिस बन्द करने और मरीजों का बेहतर उपचार करने की नसीहत दी। उन्होंने कहा कि मरीज बहुत विश्वास के साथ अस्पताल में आते हैं, उनके साथ अच्छा व्यवहार किया जाए। चिकित्सकों के मरीजों से प्यार से बात करने से ही आधी बीमारी दूर हो जाती है। गरीब मरीजों की मदद करनी चाहिए। हो सकता है कि गरीब मरीजों से पैसा नहीं मिले लेकिन दुआ जरूर मिलेगी। दुआओं में बहुत असर होता है। उन्होंने डॉक्टरों को सलाह दिया कि केवल मरीजों की रिपोर्ट देखकर ही वे दवा नहीं लिखें बल्कि उनके साथ होने वाली परेशानी पर भी बातचीत करें।

KGMU की देश-दुनिया में पहचान 
योगी ने कहा कि केजीएमयू की देश-दुनिया में पहचान है। इसको और बेहतर बनाने की दिशा में काम किया जा रहा है। केजीएमयू को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) जैसी सुविधाएँ मिलें, इसके लिए प्रयास किये जायेंगे। उन्होंने कहा कि आने वाले पांच वर्षों में प्रदेश में 25 मेडिकल कालेज और बनवाये जायेंगे। प्रदेश में पांच लाख चिकित्सकों की जरूरत है। नये डॉक्टरों को चाहिए कि वे पहले कुछ सालों में गांव में जाकर मरीजों का उपचार करें। नए शोध, नयी तकनीक के साथ आगे बढऩे की जरुरत पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि मेडिकल कालेज फैकल्टी के अभाव से जूझ रहे हैं।

अंतिम व्यक्ति को भी मिले बेहतर उपचार का लाभ 
मुख्यमंत्री ने कहा कि चिकित्सकों को यह नहीं सोचना चाहिए कि इसके लिए सरकार कानून बनाए, बल्कि उन्हें खुद से यह काम करना चाहिए। सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि अंतिम व्यक्ति को भी बेहतर उपचार का लाभ मिले। योगी ने कहा कि जूनियर डॉक्टरों और मरीजों के तीमारदारों के बीच झगड़े होते हैं। कभी कभी तो जूनियर डॉक्टर गरीब मरीजों पर गिरोह बनाकर टूट पड़ते है। मरीजों और उनके तीमारदारों के साथ चिकित्सकों को अच्छा बर्ताव करना चाहिए। चिकित्सकों के प्रयास से चीजों को बेहतर किया जा सकता है। इस दिशा में निरंतर प्रयास होते रहने चाहिए।