कृषि विज्ञान केन्द्रों की स्थापना में लायी जाये तेजी: योगी

punjabkesari.in Friday, May 12, 2017 - 07:49 PM (IST)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज कहा कि सूबे में स्थापित होने वाले 20 नये कृषि विज्ञान केन्द्रों की स्थापना का कार्य तेजी से शुरु किया जाए, ताकि इनका लाभ क्षेत्रीय किसानों को मिल सके। 

केन्द्रीय कृषि, सहकारिता एवं किसान कल्याण मंत्री राधा मोहन सिंह के साथ यहां लोकभवन में कृषि, सहकारिता, पशुपालन एवं मत्स्य संबंधी योजनाओं की समीक्षा करने के दौरान योगी ने कहा कि राज्य की अधिकांश आबादी आर्थिक रूप से कृषि पर निर्भर है। इसलिए कृषि, उद्यान, पशुपालन, डेयरी, मत्स्य पालन और सहकारिता को प्रोत्साहित कर किसानों की आमदनी दोगुनी करने का काम शुरु किया गया है। 

उन्होंने कहा कि सूबे में स्थापित होने वाले 20 नये कृषि विज्ञान केन्द्रों के लिए भूमि उपलब्ध करा दी गयी है। अब इन केन्द्रों की स्थापना का काम तेजी से करने की जरूरत है ताकि किसानो को इन केन्द्रों का लाभ मिल सके। मुख्यमंत्री ने पहले से स्थापित कृषि विज्ञान केन्द्रों को आर्थिक रूप से सक्षम बनाने का आग्रह करते हुए कहा कि यहां तैनात वैज्ञानिकों एवं कर्मचारियों को कहीं अन्यत्र तैनात न किया जाए।  मुयमंत्री ने प्रमुख सचिव, कृषि को निर्देशित किया कि किसानों को अच्छी गुणवत्ता का बीज उपलब्ध कराने के लिए प्रदेश के कृषि विश्वविद्यालयों, किसान विकास केन्द्रों तथा बीज निगमों से ही प्रजनक बीजों की खरीद्दारी को प्राथमिकता दी जाए। 

पिछले कुछ सालों में किसानों एवं कृषि की स्थिति की चर्चा करते हुए श्री योगी ने कहा कि इस क्षेत्र पर पर्याप्त ध्यान नहीं दिया गया। प्रदेश के किसानों विशेष रूप से बुन्देलखण्ड क्षेत्र में सिंचाई, भण्डारण एवं विपणन की पर्याप्त व्यवस्था उपलध न कराए जाने के कारण इन क्षेत्रों में उत्पादकता का स्तर काफी कमजोर है। इस वर्ष बुन्देलखण्ड क्षेत्र में सिंचाई की सुविधा के लिए 3,384 खेत तालाबों का निर्माण कराया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा संचालित राष्ट्रीय कृषि बाजार योजना को प्रभावी रूप से लागू करने का प्रयास किया जा रहा है। इसके तहत राज्य की 66 मण्डियों को ऑनलाइन जोडऩे का प्रयास तेज किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय कृषि बाजार के पोर्टल के माध्यम से उत्तर प्रदेश में भी इण्टर मण्डी ट्रेड के तहत जोडऩे की व्यवस्था की जाएगी। इसके लिए आवश्यकतानुसार कदम उठाते हुए किसानों को पंजीयन शुल्क आदि में पर्याप्त राहत प्रदान करने पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है।  

मुख्यमंत्री ने बताया कि समेकित बागवानी विकास योजना को प्रभावी रूप से लागू करने के निर्देश दिए गए हैं। किसानों को उनकी उपज का प्रभावी मूल्य दिलाने के लिए समर्थन मूल्य योजना को गंभीरता से लागू किया जा रहा है। इसी क्रम में वर्तमान राज्य सरकार ने गेहूं क्रय केन्द्रों के माध्यम से किसानों से गेहूं क्रय किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आलू उत्पादक किसानों की समस्याओं को देखते हुए पहली बार राज्य में बाजार हस्तक्षेप योजना के तहत लगभग 13,000 कुन्टल आलू क्रय किया गया। इस योजना के लागू हो जाने से प्रदेश में आलू के थोक भाव में 100 रुपए प्रति कुन्टल तक की वृद्धि हुई, जिसका सीधा लाभ आलू किसानों को प्राप्त हुआ।

प्रदेश में पशुपालन की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार अपने संसाधनों के अलावा केन्द्र सरकार की राष्ट्रीय गोकुल ग्राम योजना को प्रभावी रूप से लागू करने का काम कर रही है। वाराणसी एवं मथुरा में गायों के संरक्षण एवं संवद्र्धन के लिए गोकुल ग्राम योजना संचालित की जा रही है। इस वर्ष इस योजना के तहत करीब तीन केन्द्र स्थापित किए जाएंगे, जिसमें एक बुन्देलखण्ड क्षेत्र में होगा। 

इस मौके पर केन्द्रीय कृषि मंत्री ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2015 में समेकित सहकारी विकास योजना के तहत प्रदेश को 401 करोड़ रुपए स्वीकृत करते हुए 257 करोड़ रुपए अवमुक्त भी किए गए थे। लेकिन इस सबन्ध में अब तक प्राप्त की गई प्रगति से केन्द्र सरकार को अवगत नहीं कराया गया है। योगी ने केन्द्रीय कृषि मंत्री से आग्रह किया कि प्रदेश की बड़ी आबादी की कृषि पर निर्भरता को देखते हुए यहां हर क्षेत्र में आधुनिक तकनीक के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए पर्याप्त मदद उपलब्ध करायी जानी चाहिए। 

उन्होंने आधुनिक खेती को बढ़ावा देने के लिए पांच फार्म मशीनरी टेसिं्टग एण्ड ट्रेङ्क्षनग इन्स्टीट््यूट की स्थापना कराए जाने पर बल दिया, जिससे कृषि यंत्रों की उपयोगिता बढ़ सके। इसके साथ ही, 04 आधुनिक बीज परीक्षण प्रयोगशालाओं की स्थापना, 25 नई मृदा परीक्षण प्रयोगशालाओं में दो-दो आधुनिक संयत्र की उपलधता, किसानों को कृषि निवेशों की सुविधा के लिये इस वर्ष 100 किसान कल्याण केन्द्रों की स्थापना के अलावा राज्य में धान तथा गेहूं के अंतर्राष्ट्रीय स्तर के शोध केन्द्र स्थापित कराने का भी आग्रह किया। 

योगी ने बागवानी को बढ़ावा देने के लिए राज्य में 05 सेण्टर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना के साथ-साथ मधुमक्खी पालन के लिए प्रेषित की गई योजनाओं को शीघ्र स्वीकृत करने का अनुरोध किया। उन्होंने बुन्देलखण्ड एवं पूर्वान्चल क्षेत्र में आगामी पांच वर्षों में दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए लगभग 2967 करोड़ रुपए उपलब्ध कराने का आग्रह भी किया। इसी प्रकार उन्होंने मत्स्य तथा सहकारिता क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार से सहयोग प्रदान करने का अनुरोध करते हुए प्रदेश की प्रारंभिक ऋण समितियों के कंप्यूटरीकरण के लिए 225 करोड़ रुपए, उत्तर प्रदेश सहकारी ग्राम विकास बैंक की 323 शाखाओं को कंप्यूटरीकृत करने के लिए 11.50 करोड़ रुपए आदि सहयोग उपलब्ध कराने की भी अपेक्षा की।