उन्नाव रेप केस- सरेंडर किए बिना लौटे BJP विधायक कुलदीप सेंगर

punjabkesari.in Thursday, Apr 12, 2018 - 03:04 AM (IST)

लखनऊः उन्नाव गैंगरेप के आरोपी बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर ने बुधवार देर रात लखनऊ में सरेंडर करने के लिए एसएसपी ऑफिस पर पहुंचे। एसएसपी के न मिलने पर विधायक वापस आ गए। सेंगर ने कहा कि मुझ पर बार-बार फरार होने के आरोप लगाए जा रहे थे। इसलिए मैं सरेंडर करने गया था। लेकिन एसएसपी मौजूद नहीं थे।

उन्नाव गैंगरेप मामले की जांच कर रही एसआईटी ने जांच पूरी कर अपनी रिपोर्ट डीजीपी को सौंप दी। सरेंडर के लिए जाने से पहले सेंगर ने कहा कि रिपोर्ट में क्या है ये उन्हें नहीं पता। उन्हें भगोड़ा कहा जा रहा था, इसलिए ऐसा किया, मुझे किसी ने सरेंडर के लिए नहीं कहा और मुझ पर लगे आरोपों की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। मैंने किसी पर कोई दबाव नहीं बनाया है। मुझ पर रेप का आरोप लगाया है जो कि एक साजिश है। मैं ऐसा सपने में भी नहीं सोच सकता हूं। सरेंडर के लिए जाने से पहले कुलदीप अस्पताल में भर्ती अपनी पत्नी से मिलने पहुंचे। पत्नी से मिलने के बाद सेंगर सरेंडर करने के लिए सीधे एसएसपी आवास पहुंचे। 

उन्नाव कांड में योगी सरकार का बड़ा फैसला, इन अधिकारियों पर गिरी गाज 
योगी आदित्यनाथ सरकार ने बुधवार देर रात उन्नाव बलात्कार मामले की जांच सीबीआई को सौंपने का फैसला किया जिसमें भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर का नाम आरोपी के रूप में शामिल है। यह कदम ऐसे समय आया जब सेंगर नाटकीय ढंग से पुलिस के सामने पेश हुए, लेकिन समर्पण करने से मना कर दिया। 

18 वर्षीय लड़की से बलात्कार के मामले में विधायक कुलदीप सिहं सेंगर की कथित संलिप्तता के कारण बढ़ती मुश्किल के बीच राज्य सरकार ने विधायक और अन्य आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का भी फैसला किया। प्रधान सचिव ( सूचना ) ने एक बयान में कहा, ‘‘ विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर बलात्कार के आरोपों पर विचार करते हुए उचित धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की जाएगी और जांच सीबीआई को सौंपी जाएगी।’’ सरकार ने पीड़िता के पिता की मौत की जांच भी सीबीआई से कराने का फैसला किया है।

योगी सरकार ने उन्नाव जिला अस्पताल के दो डॉक्टरों को निलंबित कर अनुशासनात्मक कार्रवाई के आदेश दिए हैं। जेल अस्पताल के भी तीन डॉक्टरों पर भी कार्रवाई की गाज गिरी है जिन पर पीड़िता के पिता के इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप है। इसके साथ ही क्षेत्राधिकारी सफीपुर, कुंवर बहादुर सिंह भी लापरवाही के आरोप में निलंबित कर दिए गए हैं। शासन ने एसआईटी के साथ जेल डीआईजी और उन्नाव जिला प्रशासन से भी रिपोर्ट मांगी थी। एक साथ तीन रिपोर्ट मिलने के बाद सरकार ने ये फैसले किए हैं। इसके साथ ही सरकार पीड़िता के परिवार को सुरक्षा भी उपलब्ध कराएगी।  

Yaspal