नया दल बनाने की संभावना तलाश रही बसपा से निकाले गए नेताआें की फौज

punjabkesari.in Friday, Aug 04, 2017 - 03:53 PM (IST)

लखनऊः बहुजन समाज पार्टी से निष्कासित नेताओं के मिलकर नई पार्टी बनाने की संभावना बनने लगी है। संभव है कि रक्षाबंधन के बाद ऐसे तमाम नेता एक मंच पर आ जाएं और एक बड़ी ताकत बनकर बसपा के सामने चुनौती बनकर खड़े हों। पूर्व मंत्री इंद्रजीत सरोज की ओर से ऐसे संकेत मिल रहे हैं। रक्षाबंधन के बाद लखनऊ में होने वाली जनसभा में नई पार्टी की संभावनाएं तलाशी जा सकती हैं। 

इन नेताआें के आने की संभावना 
उल्लेखनीय है कि जंग बहादुर पटेल, राम लखन वर्मा, बरखूराम वर्मा, आरके चौधरी, स्वामी प्रसाद मौर्य, श्रीराम यादव, कैप्टन सिकंदर रिजवी, दीनानाथ भास्कर, राजबहादुर, बलिहारी बाबू, ईसम सिंह, रामरती बिंद, डा. मसूद, मोहम्मद अरशद, राम प्रसाद, प्रमोद कुरील, जगन्नाथ राही, अशोक वर्मा, आरके पटेल, कमला कांत गौतम, ब्रजेश पाठक, नसीमुद्दीन सिद्दीकी, प्रदीप सिंह व हरपाल सैनी जैसे कद्दावर नेता अंबेडकर मिशन से जुड़े हैं लेकिन बसपा से नहीं। कुछ ने अपने दल बना लिए तो कुछ अन्य दलों के साथ अंबेडकर मिशन की तलाश में हैं।

मायावती को नोटों की गड्डी देखे बिना नींद नहीं आती: इंद्रजीत
पूर्व मंत्री इंद्रजीत सरोज का कहना है कि मायावती को नोटों की गड्डी देखे बिना नींद नहीं आती। नोटों की वजह से बसपा के बड़े नेताओं ने उनके खिलाफ बिगुल फूंक दिया है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में इस्तीफों का दौर शुरू हो गया है। रक्षाबंधन के बाद लखनऊ में बड़ी जनसभा कर मायावती के क्रियाकलापों से वह पर्दा उठाएंगे। इंद्रजीत सरोज ने कहा कि फिलहाल वह किसी दल में नहीं जा रहे हैं। किसी दल से सेटिंग के सवाल पर बताया कि आपका इशारा भाजपा की तरफ है लेकिन बता दूं कि कई सालों से केशव मौर्य से मेरी कोई बातचीत नहीं हुई। वैसे भी मेरी और भाजपा की विचारधारा में अंतर है। हां, बड़ी बात नहीं जो बसपा से बाहर हुए हैं, वह सभी नेता एक मंच पर आ जाएं। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मेरे निकाले जाने का बड़ा विरोध है। नसीमुद्दीन से जुड़े तमाम लोग मेरे संपर्क में हैं। लखनऊ जनसभा में पार्टी बनाने पर भी वह विचार कर सकते हैं।

इंद्रजीत समर्थक जिलाध्यक्ष को हटाया
बसपा के कद्दावर नेता इंद्रजीत सरोज के पार्टी से बाहर जाने का असर गुरुवार को कौशांबी के बसपा संगठन में साफ दिखा। बसपा नेतृत्व ने जिलाध्यक्ष हरीलाल को 
भी बाहर का रास्ता दिखा महेंद्र गौतम को जिले की कमान सौंप दी। कौशांबी की जिला कमेटी, विधानसभा कमेटी, बीवीएफ (बहुजन वालंटियर फोर्स) और बामसेफ की सभी कमेटियां भी भंग कर दी गईं। जिलाध्यक्ष हरीलाल को हटाए जाने के मामले में बसपा के मुख्य जोनल इंचार्ज डा. रामकुमार कुरील और जोनल कोआर्डिनेटर डा. अशोक कुमार गौतम ने उन्हें हटाने का कारण उम्र अधिक होना बताया है। कहा कि 72 साल के होने के कारण उन्हें पार्टी की कमान संभालने में दिक्कतें आ रही थी इसलिए वह खुद इस पद से हटना चाह रहे थे।