योगी सरकार के खिलाफ लामबंद हुआ विपक्ष: देवरिया बालिका गृह कांड की हो CBI जांच

punjabkesari.in Monday, Aug 06, 2018 - 07:45 PM (IST)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के देवरिया में नारी संरक्षण गृह में सैक्स रैकेट का खुलासा होने के बाद योगी सरकार के खिलाफ लामबंद हुये विपक्ष ने मामले की जांच केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से कराने की मांग की है।

मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता और विधान परिषद सदस्य सुनील सिंह साजन ने कटाक्ष करते हुये कहा कि देवरिया मुयमंत्री योगी आदित्यनाथ की कर्मभूमि गोरखपुर का पडोसी जिला है। बड़े ताज्जुब की बात है कि कानून व्यवस्था दुरूस्त रखने का दंभ भरने वाले मुख्यमंत्री को इस घटना का आभास भी नहीं था।  

उन्होने कहा कि भाजपा सरकार महिलाओं की सुरक्षा के प्रति संवेदशील होने का दावा करती है और उनके नेता लगभग हर मंच पर महिला सुरक्षा को लेकर बडी बडी बातें करते है। एक साल से इस बालिका आश्रय गृह को बिना अनुमति के चलाया जा रहा है लेकिन सरकार को इसकी भनक तक नही है। साजन ने संवाददाताओं से कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री इस मामले में खुद को बचाने में लगे है। यह बिल्कुल उसी तरह है जैसे मुजफ्फरपुर में हुये इसी तरह के कांड के बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ‘मौनी बाबा’ बन गये थे। 

घटना को नजरअंदाज करने वाले अधिकारी हों बर्खास्त: कांग्रेस 
उत्तर प्रदेश विधान परिषद में कांग्रेस नेता दीपक सिंह ने आरोप लगाया कि मंत्री और उच्च अधिकारी इस घटना के आरोपियों को बचाने में जुट गये है। जिन वरिष्ठ अधिकारियों ने इस घटना को नजरअंदाज कर दिया था, उन्हें तुरंत बर्खास्त कर दिया जाना चाहिए। उन्होने राज्य सरकार को तत्काल प्रभाव से हटा दिये जाने की मांग करते हुये कहा कि सरकार को इस मामले की जांच सीबीआई को सौप देनी चाहिए।  

बीजेपी सरकार में महिलाएं ज्यादा असुरक्षित: बसपा 
बहुजन समाज पार्टी(बसपा) अध्यक्ष मायावती ने देवरिया जिले के नारी संरक्षण गृह में देह व्यापार की घटना की भत्र्सना करते हुए कहा कि घिनौना काण्ड यह साबित करता है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकारों में कितनी अराजकता है और महिलायें कितनी ज्यादा असुरक्षित हैं। उन्होने कहा कि सरकारी उदासीनता के कारण बिहार और देवरिया नारी संरक्षण गृह में जबर्दस्ती देह व्यापार कराने की घटना देश के लिए ङ्क्षचता का विषय है। इस प्रकार की जघन्य घटनाओं से यह साबित होता है कि भाजपा शासित राज्यों में थोड़ा नहीं बल्कि पूरा जंगलराज है तथा कानून-व्यवस्था की तरह ही महिला सुरक्षा और सम्मान भी भाजपा के लिये प्राथमिकता नहीं बल्कि इनके लिये चिन्ता का आखिरी विषय है। 

बसपा अध्यक्ष ने मुजफ्फरपुर शेल्टर होम और देवरिया नारी संरक्षण गृह में दुष्कर्म का धन्धा चलाने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की माँग करते हुए कहा कि सरकारी संरक्षण के बिना यह सब अन्याय, अत्याचार और घोर पाप संभव ही नहीं है। इसलिए सरकारी अधिकारियों आदि पर भी कार्रवाई काफी सख्त होनी चाहिए, ना कि लीपापोती जैसी कोई बात, जो कि गंभीर से गंभीर घटनाओं में भी भाजपा सरकारों की आम आदत बन गई है। 

उन्होंने कहा कि पहले बिहार और अब उत्तर प्रदेश में भी इस प्रकार के जघन्य महिला अपराधों के मामलों में भी साफ और सही नीयत तथा ²ढ़ इच्छाशक्ति से काम करने की जरूरत है। कानून-व्यव्स्था के साथ-साथ $खासकर महिलाओं की सुरक्षा के मामले में जब तक स$ख्त कानूनी कार्रवाई नहीं की जायेगी ऐसी घटनायें रूकने वाली नहीं है।  देवरिया कांड को बिहार के मुजफरपुर हुये कांड का दूसरा भाग माना जा रहा है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतिश कुमार ने मुजफपुर कांड की जांच सीबीआई से कराने आदेश दिये है।  प्रदेश के वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को को बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ देवरिया घटना की जांच सीबीआई से कराने के आदेश दे सकते है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुजफ्फरपुर कांड के बादे प्रदेश के सभी 75 जिलों के जिलाधिकारियों से बालिका और बच्चों के आश्रयों की सुरक्षा बढ़ाने तथा उनका निरीक्षण करने का आदेश दिया था।  

क्या है मामला?
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश की देवरिया पुलिस ने रविवार देर रात कोतवाली सदर क्षेत्र स्थित एक कथित बालिका गृह से सेक्स रैकेट का खुलासा करते हुए वहां से 24 महिलाओं और कुछ बच्चों को मुक्त कराया था। सदर कोतवाली क्षेत्र स्थित मां विंध्यवासिनी महिला प्रशिक्षण एवं समाज सेवा संस्थान द्वारा संचालित बाल गृह बालिका, बाल गृह शिशु और सुधार गृह की मान्यता पर शासन ने रोक लगा दिया था।  इसके बाद भी संस्था में बालिकाओं, शिशुओं तथा महिलाओं को अवैध रूप से रखा जाता था। रविवार शाम बेतिया बिहार की एक बालिका बालिका गृह से भाग निकली जिसने पुलिस को आपबीती बताई। उसके बाद पुलिस ने यह कार्रवाई की।  शुरुआती जांच में पता चला है कि यहां रह रहीं 15 से 18 साल की लड़कियों से अवैध धंधा कराया जा रहा है। इस बात के सामने आने पर पुलिस ने मौके से 24 महिलाओं और बच्चों को मुक्त कराया है। संस्था को सील कराकर संचालिका गिरिजा त्रिपाठी, उसके पति कृष्ण मोहन त्रिपाठी को गिरतार कर लिया गया है। संस्था की अधीक्षिका कंचनलता फरार है। इस सिलसिले में गंभीर दफाओं में मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच की जा रही है।  इस कथित संस्था में 42 महिलाएं और बच्चों के रहने की सूचना है जिसमें 18 बच्चे, महिलाएं और बालिकायें लापता बताई जा रही हैं।

Ajay kumar