लखनऊ मेट्रो सेवा की शुरूआत 5 सितंबर को, राजनाथ-योगी दिखाएंगे हरी झंडी

punjabkesari.in Monday, Sep 04, 2017 - 11:27 AM (IST)

लखनऊ: केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह आज से 2 दिन के दौरे पर लखनऊ आ रहे हैं। राजनाथ दोपहर 1 बजे तक लखनऊ के अमौसी एयरपोर्ट पर पहुंचेंगे। इसके बाद वे दोपहर 2 बजकर 35 मिनट पर एसएस बीके फन्टियर मुख्यालय के एसएफए क्वार्टर लखनऊ कैम्पस का उद्घाटन करेंगे। शाम साढ़े 4 बजे ‘नया भारत-करके रहेगें' सेमिनार में हिस्सा लेंगे। शाम साढ़े 5 बजे वेलफेयर एसोसिएशन कार्यक्रम तुलसी गंगा मंडप में भी हिस्सा लेंगे।

जानकारी के अनुसार दौरे के दूसरे दिन राजनाथ सिंह और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 5 सितंबर को लखनऊ मेट्रो सेवा की शुरूआत करेंगे। राजनाथ सिंह और योगी ट्रांसपोर्ट नगर मेट्रो स्टेशन से मेट्रो ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे। राजनाथ लखनऊ से लोकसभा सांसद हैं। जनता के लिए मेट्रो सेवा हालांकि अगले दिन से शुरू होगी। मेट्रो की शुरूआत होने से लखनऊ की सडकों पर यातायात का दबाव कम होने की उम्मीद है।

परियोजना के पहले चरण के तहत मेट्रो ट्रांसपोर्ट नगर से चारबाग के बीच चलाई जा रही है। यह सेवा सुबह 6 बजे से रात 10 बजे तक जनता के लिए उपलब्ध होगी। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और उनके पिता मुलायम सिंह यादव ने यूपी विधानसभा चुनाव से पहले पिछले साल दिसंबर में लखनऊ मेट्रो के ट्रायल रन को हरी झंडी दिखाई थी।

5 सितंबर के कार्यक्रम में केन्द्रीय गृह मंत्री की उपस्थिति भाजपा की ओर से मजबूत संकेत होगा कि केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार ने परियोजना के लिए अधिकांश धन मुहैया कराया है। विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा ने लखनऊ मेट्रो को लेकर पूर्ववर्ती सपा सरकार पर निशाना साधा था। भाजपा ने सवाल किया था कि लखनऊ में मेट्रो अभी भी क्यों नहीं चल रही है। लखनऊ मेट्रो परियोजना की शुरूआत 2013 में अखिलेश यादव सरकार ने की थी।

लखनऊ मेट्रो को लेकर राजनीतिक बयानबाजी के बीच पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा था कि परियोजना को मेट्रो रेलवे सुरक्षा की ओर से सुरक्षा मंजूरी मिलनी बाकी है। उनका आरोप था कि केन्द्र मंजूरी में विलंब कर रहा है। मंजूरी हाल ही में मिली और इस प्रकार मेट्रो के परिचालन का रास्ता तैयार हुआ। केन्द्र ने हाल ही में नई मेट्रो रेल नीति को मंजूरी दी है, जिसके तहत ऐसी परियोजनाओं में निजी निवेश की व्यवस्था है ताकि भावी मेट्रो परियोजनाओं का काम तेजी से किया जा सके। बसपा सुप्रीमो मायावती ने इस नीति की आलोचना की थी।