मायावती ने नसीमुद्दीन को बताया ‘टैपिंग ब्लैकमेलर’

punjabkesari.in Thursday, May 11, 2017 - 07:54 PM (IST)

लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी से निष्कासित नेता नसीमुददीन सिद्दीकी को ‘टेपिंग ब्लैकमेलर’ बताते हुये पार्टी सुप्रीमो मायावती ने आज कहा कि उन्होंने पार्टी की सदस्यता अभियान मंे जमा हुआ करीब पचास फीसदी धन पार्टी कोष में जमा नहीं किया इसलिये उन्हें पार्टी से निकाला गया। 

मायावती ने नसीमुद्दीन को एक आधारहीन नेता बताते हुये कहा कि वह एेसे ही फोन टैप कर पार्टी के कार्यकर्ताआें और नेताआें से पैसे वसूल करते थे। वह पार्टी में अच्छे और काबिल मुसलमान नेताआें को आने ही नहीं देना चाहते थे। मायावती ने पार्टी महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा को ईमानदार और स्वच्छ छवि वाला नेता बताया। 

नसीमुद्दीन सिद्दीकी द्वारा प्रेस वार्ता में मायावती पर लगाये गये आरोपों के बाद शाम को बसपा सुप्रीमो ने मीडिया को बुलाया।  उत्तर प्रदेश के 2017 विधानसभा चुनाव में पार्टी की हार के लिये एक बार फिर ईवीएम को जिम्मेदार ठहराते हुये उन्होंने कहा, ‘‘नसीमुद्दीन को पश्चिमी उत्तर प्रदेश की मुस्लिम बहुल सीटों पर मुसलमानों को पार्टी से जोडऩे की जिम्मेदारी काफी समय पहले दी गयी थी। जब नोटबंदी हुई तो चुनाव लडऩे के लिये अधिक से अधिक लोगों को पार्टी से जोडऩे और उनसे सदस्यता शुल्क लेने का काम सभी पार्टी नेताआें को दिया गया था क्योंकि बसपा सदस्यों के चंदे के सहारे ही चुनाव लड़ती है। वह किसी भी उद्योगपति या धन्नासेठों से पैसा नहीं लेती है।’’

उन्होंने कहा कि सभी पार्टी नेताआें ने सदस्यता की रसीदें पैसे के साथ पार्टी कार्यालय में जमा करा दी लेकिन नसीमुद्दीन ने केवल पचास प्रतिशत पैसा ही जमा करवाया। उनसे बार बार पैसा जमा करवाने को कहा गया लेकिन वह आनकानी करते रहे। बसपा सुप्रीमो ने कहा कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अनेक नेताआें ने उनसे शिकायत की वह सदस्यता शुल्क का पैसा नसीमुद्दीन को दे चुके है लेकिन वह उसे पार्टी कार्यालय में नहीं जमा करवा रहे हैं। इसके अलावा मुझे पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई नेताआें और कार्यकर्ताआें ने बताया कि यह पार्टी नेताआें की बात फोन पर टेप करते हैं और ‘‘उस टेपिंग को मुझे (मायावती) को सुनाने की धमकी देकर उनसे अवैध वसूली करते थे। यह टेपिंग ब्लैकमेलर का काम करते थे।’’

उन्होंने कहा, ‘‘जो आदमी अपनी राष्ट्रीय अध्यक्ष की बातें टेप करता है। वह आम नेताआें कार्यकर्ताआें की बात जरूर टेप करता होगा। उन्होंने कहा कि नसीम ने जो टेप आज मीडिया को सुनवाये उसमें काटछांट की गयी है और उसमें सिर्फ मेरी बातें ही सुनवाई गयी हैं जबकि उसके सिर्फ ‘हां और बहन जी’ जैसे ही शद सुनायी दे रहे हैं।’’ मायावती ने कहा, ‘‘जो भी बात टेप में है, उसमें मैं केवल पार्टी की सदस्यता का पैसा जमा करवाने की बात कर रही हूं। जिस पर वह कह रहा है कि मैं अपनी जमीन जायदाद बेंचकर पार्टी का पैसा जमा करवाउंगा। तब मैंने कहा कि पार्टी का सदस्यता शुल्क जमा कराआें क्योंकि उससे ही पार्टी का खर्च चलता है।’’ 

उन्होंने अपने भाई आनंद पर पैसा कमाने के नसीमुद्दीन के आरोपों का जवाब देते हुये कहा, ‘‘जो लोग कह रहे हैं कि मेरा भाई एक चतुर्थ श्रेणी का कर्मचारी था और अब पैसे वाला हो गया। वह लोग अंबानी का बैकग्राउंड देख लें। अंबानी मेहनत करके आज इस जगह पर पहुंचे हैं। वैसे ही मेरे भाई ने कारोबार में मेहनत की और आज इस स्थान पर पहुंचा।’’ बसपा सुप्रीमो ने कहा कि मुस्लिम समाज नसीमुद्दीन को कभी माफ नही करेगा क्योंकि उन्होंने आज मुस्लिम समाज के लिये जिन गंदे शब्दों का प्रयोग किया वह अपनी जुबान से नहीं कर सकती हैं। 

मायावती ने कहा कि कल जबसे नसीमुद्दीन को पार्टी से निकाला गया तो सबसे ज्यादा बधाई के फोन मुस्लिम समाज से ही आ रहे हैं क्योंकि मुस्लिम समाज के जो भी अच्छे पढ़े लिखे और काबिल लोग पार्टी में आना चाहते थे उन्हें नसीमुद्दीन पार्टी में आने नहीं देेते थे। ‘‘वह मुस्लिम समाज और मेरे बीच ‘जैमर’ का काम करते थे।’’ मायावती ने कहा, ‘‘जो व्यक्ति अपने बेटे को चुनाव नहीं जिता पाया, वह पार्टी को क्या जिता पाएगा। जब जब मंैने नसीमुददीन से चुनाव लडऩे को कहा तब तब उन्होंने कहा कि बाकी उम्मीदवारों को जिताने का काम करूंगा।’’

पार्टी महासचिव सतीश मिश्रा का बचाव करते हुये उन्होंने कहा, ‘‘मिश्रा मुझे अपनी दो सगी बहनों से ज्यादा इज्जत देते हैं। नसीमुद्दीन मिश्रा के पैरों की धूल के बराबर भी नहीं है। मिश्रा पहले से ही काफी संपन्न वकील थे और पार्टी के लिये निस्वार्थ भाव से काम करते हैं। वह पार्टी के मामलों की वकालत के लिये पार्टी से एक भी पैसा नहीं लेते हैं।’’ उनसे पूछा गया कि क्या वह नसीमद्दीन से पार्टी का सदस्यता शुल्क वापस लेने के लिये कोई कानूनी कार्रवाई करेंगी इस सवाल पर उन्होंने कहा कि इस बारे में वह अपने वकीलों से बात करेंगी। इस सवाल पर कि नसीमुद्दीन ने कहा है कि वह अपराधियों का गिरोह चलाती हैं, जिससे उन्हें जान का खतरा है, मायावती ने कहा, ‘‘मैं कोई एेसा गिरोह चलाती थी तो जब वह पार्टी में थे तब इस बारे में कुछ क्यों नही बोले। आखिर उन्हें ये सब बातें आज क्यों याद आ रही हैं।’’ 

नसीमुद्दीन ने मायावती पर लगाया संपत्ति बेचकर 50 करोड़ देेने का आरोप 
इससे पहले दिन में नसीमुद्दीन ने एक प्रेस वार्ता कर मायावती पर आरोप लगाया कि उन्होंने संपत्ति बेचकर पचास करोड़ रूपये देेने के लिए कहा था और 2017 के विधानसभा चुनाव बाद मुसलमानों को ‘गद्दार’ बताया था। नसीमुद्दीन ने आरोप लगाया, ‘‘पार्टी महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा एंड कंपनी मायावती और उनके भाई आनंद के साथ मिलकर पार्टी को खत्म करना चाहते हैं क्योंकि वह जानती हैं कि अब वह उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री तो दूर राज्यसभा की सदस्य भी नहीं बन सकतीं। इसलिये वह चाहती हैं कि पार्टी समाप्त हो जाये ताकि दलित समाज की वह पहली और आखिरी मुख्यमंत्री के रूप में दर्ज हो और कोई अन्य दलित कभी प्रदेश का मुयमंत्री न बन पाये।’’ 

उन्होंने मायावती के लोगों सेे अपने और अपने परिवार का जान को खतरा बताया। बसपा सुप्रीमो पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाते हुए नसीमुद्दीन ने फोन की कई रिकार्डिंग सुनाई और आरोप लगाया कि मायावती उनसे वसूली करने के लिये कहती थीं। नसीमुद्दीन ने कहा, ‘‘वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव के बाद मुझे मायावती ने बुलाया और कहा कि मुसलमानों ने बसपा को वोट क्यों नहीं दिया। मैंने कहा कि कांग्रेस और सपा गठबंधन से मुसलमान भ्रमित हो गया और कांग्रेस-सपा गठबंधन के अलावा बसपा को भी कुछ वोट दिया। इस पर मायावती मुझसे सहमत नहीं थीं और मुसलमानों को गद्दार कहा और मौलानाआें को अपशब्द कहें।’’