मोदीराज में नहीं आए ‘अच्छे दिन’, दशकों पुरानी समस्याओं से जूझ रही काशी की जनता

punjabkesari.in Thursday, May 25, 2017 - 02:34 PM (IST)

वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीन वर्षों के कार्यकाल में उनके संसदीय क्षेत्र वाराणसी को अरबों रुपये की बिजली, परिवहन, उर्जा, पेयजल जैसी बुनियादी योजनाओं की सौगातें तो मिलीं, लेकिन उनके अभी तक पूरा न होने के चलते यहां की जनता ‘अच्छे दिन’ की उम्मीद लिये आज भी दशकों पुरानी समस्याओं से जूझने को मजबूर है।

काशी ङ्क्षहदू विश्वविद्यालय के प्रो0 अवध किशोर पांडेय का कहना है कि मोदी प्रधानमंत्री के तौर पर काफी सफल कहे जा सकते हैं लेकिन वाराणसी के विकास के लिए हजारों करोड़ रुपये की बहुत-सी योजनाओं पर भले ही काम चल रहा हो, लेकिन यहां की ट्रैफिक, पेयजल, बिजली एवं सफाई जैसी बुनियादी समस्याएं लोगों के लिए परेशानी का सबब बनी हुईं हैं। प्रो0 पांडेय का कहना है कि उत्तर प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद अब वाराणसी की जनता की मोदी से अपेक्षाएं और बढ़ गईं हैं। अब लोग बिजली, पानी, सफाई और कानून व्यवस्था की स्थिति में और सुधार की अपेक्षा पहले से अधिक कर रहे हैं। 

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) काशी क्षेत्र के अध्यक्ष एवं विधान पार्षद लक्ष्मण आचार्य का कहना है कि उत्तर प्रदेश की पूर्ववर्ती समाजवादी पार्टी (सपा) सरकार के नाकरात्मक व्यवहार के कारण केंद्र सरकार की परियोजनाओं के पूरा होने में कुछ देरी हुई, लेकिन राज्य में भाजपा सरकार बनने के बाद तमाम विकास परियोजनाओं पर तेजी से काम चल रहा है। जल्दी ही उसका लाभ जनता को मिलना शुरू हो जाएगा। उनका आरोप है कि पूर्व की सपा सरकार राजनीतिक कारणों से केंद्र सरकार की योजनाओं पर अड़ंगा लगा रही थी, जिससे काम पूरे नहीं हुए। 

आचार्य ने बताया कि बुनकरों की स्थिति बेहतर बनाने के लिए ट्रेड फैसिलिटी सेंटर का एक हिस्सा बनकर तैयार हो गया है, इसके पूरी तरह से तैयार होने के बाद हजारों बुनकरों की आर्थिक स्थिति बेहतर होगी। दूसरी ओर,कांग्रेस की टिकट पर वाराणसी संसदीय क्षेत्र से मोदी से चुनावी मुकाबला कर चुके पिंडरा विधानसभा के पूर्व विधायक अजय राय कहते हैं, ‘तीन सालों में कोई एक काम बतायें, जिसे मोदी सरकार ने वाराणसी में पूरा किया हो।’ 

उनका कहना है कि जनता को ‘जुमले’ एवं ‘झूठे सपने’ दिखाने वाले मोदी के तीन वर्षों के कार्यकाल के दौरान धीरे-धीरे ही सही, अब सच्चाई से पर्दा उठने लगा है। हर साल दो करोड़ बेरोजगारों को नौकरी का वादा किया गया था, लेकिन सच्चाई यह है कि नौकरियां देने के बजाये अब लोगों से नौकरियां छीनी जा रही हैं। राय का कहना है कि मोदी ने सांसद आदर्श गांव योजना के तहत जयापुर एवं नागेपुर को गोद लिया था, जिससे वहां के लोगों को ‘अच्छे दिन’ की उम्मीद जगी थी, लेकिन उन गांवों के एक भी नौजवान को न तो काम मिला और न ही वहां बुनियादी सुविधाओं में कोई बड़ा बदलाव हुआ। हां, गांव में सोलर लाइट, सफाई, सड़क बनाने जैसे कुछ काम हुए हैं, लेकिन उसकी गुणवत्ता ठीक नहीं है। उनका कहना है कि गंगा में वाराणसी के रामनगर से हल्दिया तक मालवाहक जहाज से एक बार माल ढुलाई कर दिखावा किया गया, लेकिन उसके बाद दूसरी खेप आज तक पूरी नहीं हुई। बंदरगाह निर्माण करने का काम भी धीमी रफ्तार से चल रहा है। 

महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में स्नातक अंतिम वर्ष के छात्र अवधेश कुमार का कहना है कि उन्हें उम्मीद थी कि नौकरियों के अवसरे बढ़ेंगे, लेकिन जो खबरें आ रही हैं, उससे उन्हें निराशा होती है। बीएचयू में स्नातकोत्तर के छात्र तरूण तिवारी का कहना है यह सही है कि तीन वर्षों के कार्यकाल में कोई बड़ा बदलाव नहीं नजर आ रहा है, लेकिन जिस प्रकार से बुनियादी काम हो रहे हैं, उससे उन्हें बेहतर भविष्य की पूरी उम्मीद है। उनका कहना है कि तीन साल का समय बुनियादी व्यवस्था को बदलने के लिए ज्यादा नहीं है। 

बीएचयू में स्नातक की छात्रा प्रिया पांडेय का कहना है कि दुनिया भारत की छवि सुधारने के मामले में मोदी सफल प्रधानमंत्री साबित हुए हैं, लेकिन वाराणसी में सफाई के मामले में उनके तमाम प्रयास महज दिखावा साबित हो रहे हैं। वाराणसी में गत तीन वर्षों में काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में 160 करोड़ रुपये की लागत से नवनिर्मित 334 बेड वाले ट्रॉमा सेंटर का उद्घाटन, 572 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत वाली इंटीग्रेटेड पावर डेवलपमेंट स्कीम के कार्य की शुरूआत।

इस स्कीम के वाराणसी चौक एवं कज्जातपुरा विद्युत सब स्टेशन का निर्माण, 292 करोड़ रुपये की लागत की रिंग रोड फेज-एक एवं 453 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत वाली वाराणसी-बाबतपुर (हवाई अड्डा रोड) के बीच राष्ट्रीय राज मार्ग संया-56 परियोजना के विकास कार्य का शिलान्यास, बुनकरों के लिए 250 करोड रुपये की लागत वाली ट्रैड फैसिलीटी सेंटर बनाने की कार्य की शुरूआत, जल मार्ग से वाराणसी-हल्दिया के बीच मालवाहक शुरू करने के लिए रामनगर में बंदरगाह बनाने के कार्य की शुरूआत के अलावा वाराणसी में पाइप लाइनों के जरिये घरों तक रसोई गैस पहुंचाने के कार्य की शुरुआत, वाराणसी के घाटों का पुर्नउद्घार के कार्य की शुरुअता, वाराणसी से खाड़ी देशों के लिए सीधी उड़ान सेवा की शुरूआत, वाराणसी रेलवे स्टेशन एवं मंडुवाडीह रेलवे स्टेशनों पर सुविधाएं बढ़ाने सहित अनेक कार्य हुए हैं या हो रहे हैं।