यूपी बीजेपी में विद्रोह की सुगबुगाहट शुरू, मिशन-2017 को लग सकता है झटका

punjabkesari.in Sunday, Jan 15, 2017 - 07:10 PM (IST)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में एक ओर समाजवादी पार्टी अपनी आंतरिक कलह से परेशान है, तो दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी के अंदर भी एक नई समस्या पनपती दिखाई दे रही है। विधानसभा चुनाव की सुगबुगाहट के साथ ही वहां के नेताओं में टिकट मिलने की असुरक्षा से लेकर जीत का संशय घर करने लगा और इसी क्रम में कई विधायकों ने अपनी पुरानी पार्टी छोड़ी और फिर अपनी राजनीति को आगे बढ़ाने के लिए दूसरे राजनीतिक दलों का दामन थामा। 

एक ओर जहां नेताओं को नाराज करने में सबसे अव्वल मायावती की बहुजन समाज पार्टी रही तो दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बागियों को अपनी शरण में लेने में सर्वाधिक उदारता दिखाई। बसपा के 15 विधायकों ने अपनी पार्टी छोड़कर भाजपा की सदस्यता ग्रहण की। हालांकि, ऐसा केवल बसपा के साथ ही नहीं हुआ। उत्तर प्रदेश की दूसरी राजनीतिक पार्टियों से भी उनके नेता नाराज हुए। सपा के 3 और कांग्रेस के 5 विधायकों ने अपनी पार्टी से बगावत करके भाजपा का दामन थामा, जबकि जाटों पर अपनी मजबूत पकड़ रखने वाले अजित सिंह की पार्टी राष्ट्रीय लोकदल के 2 विधायक  भाजपा में शामिल हुए।

               

परेशानी बन रही बीजेपी की रणनीति
भाजपा ने इन नेताओं को अपनी पार्टी में शामिल तो कर लिया और इसका जोर-शोर से प्रचार भी किया कि दूसरी पार्टी के निवर्तमान विधायकों के शामिल होने का मतलब उनकी स्थिति मजबूत होना है और अगली बार भाजपा की सरकार बनने जा रही है लेकिन यही रणनीति अब भाजपा के लिए परेशानी बनती जा रही है। दूसरे दलों से भाजपा में शामिल हुए 25 विधायकों के लिए टिकट की व्यवस्था करना मुश्किल हो रहा है और अगर इन्हें टिकट दे देते हैं, तो अपनी पार्टी के नेता नाराज होंगे। भाजपा की यह परेशानी शुरू हो गई है। कई क्षेत्रों में विरोध होने लगा है और स्थानीय भाजपा नेता इन बागी विधायकों को टिकट देने की बात से नाराज हैं। 

किसी को नहीं दिया गया है टिकट का आश्वासन-बीजेपी 
भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी कहते हैं कि किसी को भी इस आश्वासन के साथ पार्टी में शामिल नहीं किया गया था कि उन्हें टिकट दी जाएगी। उनका कहना है कि पार्टी प्रत्याशी की घोषणा टिकट चाहने वाले सभी लोगों के बारे में सर्वे रिपोर्ट और पार्टी कार्यकर्ताओं की राय के आधार पर की जाएगा। उनका कहना है कि अगर इसके बाद भी कार्यकत्र्ता संतुष्ट नहीं हुए तो उनसे बातचीत की जाएगी। हालांकि, भाजपा प्रवक्ता ने अपनी बात तो कह दी लेकिन परेशानियां वहीं की वहीं हैं। अगर पार्टी अपने कार्यकत्र्ताओं एवं टिकट चाहने वालों को नाराज करती है, तो दूसरे दलों से टिकट न मिलने की उम्मीद के बाद या अपनी उपेक्षा के खिलाफ बगावत करने वाले नेताओं को भाजपा से बगावत करने में देर नहीं लगेगी। 

बेटे-बेटियां के लिए टिकट मांग रहे मौर्या
नेता प्रतिपक्ष रहे स्वामी प्रसाद मौर्या ने जून 2016 में बसपा छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए। दलितों के बड़े नेता माने जाते हैं। 2012 में बसपा के टिकट पर पडरौना से जीते थे। अब उसी सीट से भाजपा के दावेदार हैं। वे अपने बेटे और बेटी के लिए भी टिकट मांग रहे हैं। 

               

विद्रोह की सुगबुगाहट शुरू 
भारतीय जनता पार्टी के अंदर विद्रोह की सुगबुगाहट तो शुरू भी हो गई है। ललितपुर के बसपा विधायक रमेश कुशवाहा ने स्वामी प्रसाद मौर्य के साथ ही पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल होने का निर्णय लिया था। यह इस क्षेत्र के ओ.बी.सी. का प्रमुख चेहरा हैं। ऐसे में उन्हें टिकट देने की बात भाजपा में चल रही है लेकिन दूसरी ओर भाजपा के जिलाध्यक्ष रमेश सिंह लोधी कहते हैं कि अगर कुशवाहा को टिकट दिया गया तो पार्टी कार्यकत्र्ता विद्रोह कर देंगे।  

रालोद विधायक को टिकट मिलने पर भी होगा घमासान 
कुछ इसी तरह रालोद से भाजपा में शामिल हुए दलवीर सिंह बरौली के विधायक हैं और इसी सीट से चुनाव लडऩा चाहेंगे। उन्हें भव्य समारोह करके भाजपा प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य ने पार्टी में शामिल किया था। स्वाभाविक है कि रालोद के इतने बड़े नेता अगर पार्टी छोड़कर दूसरे दल में गए हैं, तो उन्हें टिकट का आश्वासन तो मिला ही होगा। दूसरी ओर भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष नथनी सिंह का कहना है कि अगर दलवीर सिंह को भाजपा से टिकट दिया गया तो पार्टी के अंदर ही विद्रोह होगा। उनका कहना है कि दलवीर सिंह को पार्टी में शामिल किए जाने के समय ही भाजपा कार्यकर्ताओं ने काले झंडे दिखाए थे और इस सप्ताह हुए दो पार्टी बैठकों में इन्होंने विरोध किया था। 

इसी तरह भाजपा आगरा यूनिट के अध्यक्ष विजय शिवहरे का कहना है कि जब बसपा विधायक छोटे लाल वर्मा भाजपा में शामिल हुए तो भाजपा कार्यकत्र्ताओं ने उनके पुतले जलाए थे। अब भाजपा के साथ संकट यह हो गया है कि बागियों को अपना बनाकर उसने अपनों को नाराज कर दिया है। 

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