बसपा विधायक के घर पर पुलिस छापे को लेकर विधानसभा में नोकझोंक

punjabkesari.in Thursday, May 18, 2017 - 06:33 PM (IST)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) विधायक विनय शंकर तिवारी के गोरखपुर स्थित घर पर पड़े पुलिस के छापे के विरोध में आज बसपा सदस्यों ने सत्तापक्ष से नोकझोंक के बीच सदन का बहिर्गमन किया। तिवारी के आवास पर गत 22 अप्रैल को एक बदमाश को पकडऩे के चक्कर में पुलिस ने छापा मारा था। विधायक ने कल ही इस मामले को सदन में उठाने की कोशिश की थी, लेकिन अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने अनुमति नहीं दी थी।

बसपा विधानमंडल दल के नेता लालजी वर्मा और विनय शंकर तिवारी के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि पुलिस को बिना सर्च वारंट के भी तलाशी लेने का अधिकार है। पुलिस विनय शंकर तिवारी के घर के बाहरी हिस्से तक ही सीमित रही है। घर के अन्दर नहीं गयी थी, जबकि विनय शंकर तिवारी का दावा था कि उनके पास घर के अंदर जाने के वीडियो फुटेज हैं। लालजी वर्मा का कहना था कि राजनीतिक विद्वेष और ब्राह्मणों को अपमानित करने के उद्देश्य से यह छापेमारी की गयी थी।

सुरेश खन्ना से विनय शंकर तिवारी और लालजी वर्मा की नोकझोंक के बीच न्यायमंत्री बृजेश पाठक ने बसपा विधायक के पिता और पूर्वमंत्री हरि शंकर तिवारी पर कई गंभीर आरोप लगा दिये। बृजेश पाठक का कहना था कि हरिशंकर तिवारी का आपराधिक इतिहास रहा है। संसदीय कार्यमंत्री ने घटना का सिलसिलेवार ब्यौरा देते हुए कहा कि कैशवैन से 98 लाख रुपये लूटने वालों की गिरफ्तारी के लिये तिवारी के हाते में गयी थी। उन्होंने कहा कि हरि शंकर तिवारी काफी चर्चित रहे हैं, उनके ऊपर 364, 302, 307 जैसी संगीन धाराओं में 31 मुकदमें दर्ज हैं। 

उन्होंने कहा कि विधायक के आवास से पुलिस छह-सात लोगों को पूछताछ के लिये ले गयी थी। एक के पास कारतूस बरामद होने की वजह से दफा 25 में चालान कर दिया गया था, बाकी को छोड दिया गया था। खन्ना और बसपा सदस्यों की टोका-टाकी के बीच नेता विपक्ष राम गोबिन्द चौधरी ने चुटकी ली कि केवल कारतूस बरामद हुआ है कट्टा नहीं, तो क्या वह मुंह से कारतूस दागता। पुलिस कट्टा-कारतूस रखती है। उन्होंने विधायक के विशेषाधिकार को हर हाल में सुरक्षित रखने की वकालत करते हुए कहा कि दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिये।  श्री दीक्षित ने बाद में औचित्य के इस सवाल को अग्राह्य कर दिया।