नैनीताल बैंक के सर्वर में घुसपैठ कर साइबर अपराधियों ने RTGS चैनल किया हैक, अलग-अलग खातों में ट्रांसफर कर लिए 16 करोड़ रुपए
punjabkesari.in Monday, Jul 15, 2024 - 06:44 PM (IST)

Noida News: उत्तर प्रदेश में नोएडा के सेक्टर-62 स्थित नैनीताल बैंक के सर्वर में घुसपैठ कर साइबर अपराधियों ने आरटीजीएस (रियल टाइम ग्रास सेटलमेंट सिस्टम) चैनल हैक कर लिया। जिसके बाद साइबर अपराधियों ने बैंक के RTGS सिस्टम को हैक करके कई बार में अलग-अलग खातों में 16 करोड़ 1 लाख 3 हजार रुपए ट्रांसफर कर लिए। अब इस चोरी के मामले को लेकर बैंक के आइटी मैनेजर सुमित श्रीवास्तव ने साइबर अपराध थाने में मुकदमा दर्ज कराने के अलावा सर्ट-इन (इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम) और अन्य बड़ी एजेंसियों से भी शिकायत की है। वहीं कई दिनों तक बैंक द्वारा बैलेंस शीट में सही डाटा का मिलान ना होने के बाद इसे चेक किया गया, जिसके बाद यह पूरा मामला उजागर हुआ।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, पुलिस को दी गई शिकायत में नैनीताल बैंक के आईटी मैनेजर ने कहा कि उनके बैंक में बीती 17 जून को RBI सेटलमेंट RTGS खाते के नियमित समाधान के दौरान बैलेंस सीट में 3 करोड़ 60 लाख 94 हजार 20 रुपये का अंतर मिला। इसके बाद RTGS टीम ने SFMS (स्ट्रक्चर्ड फाइनेंशियल मैसेजिंग सिस्टम) सर्वर के साथ CBS (कोर बैंकिंग सिस्टम) में लेनदेन की जांच की तो पता चला कि CBS और SFMS में कुछ गलतिया हैं। जिसके बाद इसे देर से आरटीजीएस संदेश का मामला मानते हुए टीम ने इंतजार किया। वहीं 18 जून को भी RBI बैलेंससीट मेल नहीं खा रहा थी और 2,19,23,050 रुपये का अंतर था, जबकि SFMS में निपटान रिपोर्ट भी बैंकों के CBS के साथ मेल खा रही थी। जब दोबारा से जांच की गई तो कुछ संदिग्ध गतिविधि नजर आई।
खाते में 69,49,960 की राशि आई वापस: बैंक आईटी मैनेजर
नैनीताल बैंक के आइटी मैनेजर ने मामले में और अधिक जानकारी देते हुए बताया कि RTGS की संदिग्ध हैकिंग करके धोखाधड़ी से लेनदेन किए गए और संदिग्ध खातों में 17 से 21 जून 2024 तक रुपए ट्रांसफर किए गए। इसके साथ ही RTGS सेटलमेंट से रुपये RBI खाते से निकाले गए और राशि कई बैंकों के खातों में जमा कराए गए। जब बैंक को इस धोखाधड़ी का पता लगा तो उन्होंने संबंधित बैंकों को तुरंत मेल पर खातो को फ्रीज करने के लिए कहा। वहीं दूसरी तरफ जिन लोगों के खातों में रुपए ट्रांसफर हुए थे उन खातों के धारकों से केवाइसी दस्तावेज लेने के लिए भी कहा। जिसमें फर्जी तरीके से हुई लेनदेन की कुल राशि 69,49,960 को बैंकों ने फ्रीज करके वापस कर दिया। वहीं अब सभी एजेंसियां इस पूरे मामले की जांच में जुटी हुई हैं।