नूरपुर उपचुनाव काे लेकर सरगर्मियां तेज, क्या फिर खिलेगा कमल या सपा-बसपा गठबंधन मारेगा बाजी?

punjabkesari.in Tuesday, May 15, 2018 - 06:03 PM (IST)

बिजनौर(हासिम अहमद)-बिजनौर ज़िले की नूरपुर विधान सभा सीट से भाजपा विधायक लोकेन्द्र चौहान की सड़क हादसे में हुई मौत के बाद सियासत के गलियारों में उप चुनाव को लेकर चुनावी सरगर्मिया तेज़ हो गयी है। अलग-अलग पार्टियां अपने-अपने उम्मीदवार के जीतने का दावे करते नज़र आ रहे हैं। इस सीट पर 10 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमाा रहे है। बता दें कि नूरपुर विधानसभा सीट जिसमें मुख्य मुकाबला सपा से महागठबंधन प्रत्याशी नईमुल हसन अंसारी और भाजपा की अवनि सिह के बीच माना जा रहा है।

बिजनौर ज़िले में कुल आठ विधान सभा सीट है। 2017 के विधान सभा चुनाव में भाजपा ने 6 सीटों पर अपना कब्ज़ा जमाया था जबकि दो सीट सपा के खाते में गई थी। बिजनौर ज़िले की नूरपुर विधान सभा सीट से सन 2017 में भाजपा विधायक लोकेन्द्र चौहान 12736  मतों से जीत हासिल कर दो बार विधायक बने थे जिसमें भाजपा की ओर से प्रत्याशी बनाए गए लोकेंद्र चौहान को 79172 सपा के नईमुल हसन को 66436 और बसपा के गौहर इकबाल को 45902 मत मिले थे। लेकिन 21 फरवरी 2018 को कार में घर से सवार होकर लखनऊ जा रहे भाजपा विधायक लोकेन्द्र चौहान की सीतापुर में सड़क हादसे में मौत हो गयी थी । सीट खाली होने की वजह से पांच महीने बाद नूरपुर विधान सभा सीट पर उप चुनाव हो रहे हैं। जिसके मद्देनज़र सियासत के गलियारों में और होटलों में चाय की चुस्की लेते इलाके के लोग चुनावी चर्चा करते नज़र आ रहे हैं। 

नूरपुर विधान सभा सीट की अगर बात करें तो यहां पर तीन लाख के करीब मतदाता हैं जिसमें 1,30,000 मुस्लिम मतदाता हैं। इस सीट पर दलित निर्णायक भूमिका में नजर आ रहे हैं। वही भाजपा नेता धर्मेंद्र जोशी की माने तो लोकेन्द्र चौहान बिना भेदभाव के सभी की मदद करते थे। उनके मुताबिक इस सीट पर भाजपा ही जीतेगी।

वहीं सपा नेता शमशाद अंसारी के मुताबिक सपा-बसपा गठबंधन के चलते नूरपुर की सीट को आसानी से जीता जा सकता है। नूरपुर के लोगों की वैसे तो अपनी अपनी अलग राय है लेकिन कहीं न कहीं एक बात साफ़ नज़र आ रही है कि सपा-बसपा गठबंधन में नूरपुर विधानसभा सीट पर कड़ा मुकाबला होगा।


 

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