रेलवे में भीषण हादसों की वजह कहीं ये तो नहीं!

punjabkesari.in Wednesday, Dec 28, 2016 - 01:21 PM (IST)

कानपुर: बीते 20 नवंबर को कानपुर के नजदीक इंदौर-पटना एक्सप्रेस के 14 डिब्बे पटरी से उतर गए थे। इस हादसे में 146 लोगों की मौत हुई थी जबकि 200 से अधिक लोग घायल हुए थे। घायलों में भी आधे से ज्यादा लोगों की हालात भी काफी गंभीर थी। इस हादसे के बाद भी रेलवे विभाग सतर्क नहीं हुआ जिस वजह से बुधवार को फिर रेल हादसा हो गया। सियालदाह-अजमेर एक्प्रेस के 15 डिब्बे पटरी से उतर गए।  जिसमें 65 यात्रियों के घायल होने की खबर है। कहा जा रहा है कि यह भीषण हादसा रेल की पटरियों के टूटने से हुआ है। 20 नवंंबर को हुए रेल हादसे को हाल के वर्षों में हुआ सबसे भीषण ट्रेन हादसा माना गया है।

इतना ही नहीं पिछले 6 सालों के रेल हादसों के आंकड़ों पर नजर डालें तो पता चलेगा कि इस दौरान हुए कुल 803 हादसों में से सबसे ज्यादा 373 ट्रेन के पटरी से उतर जाने की वजह से हुए। ऐसे में सवाल उठता है कि इन दुर्घटनाओं की वजह क्या है? और इसका जो सबसे पहला जवाब सामने आता है वह है रेलवे का खराब इंफ्रास्ट्रक्चर। वहीं एक्सपट्र्स का मानना है कि इसके पीछे सेफ्टी स्टाफ की कमी का होना सबसे बड़ी वजह है। बता दें कि सेफ्टी कैटिगरी में करीब 1.27 लाख कर्मचारियों के पद अब तक खाली हैं। 

जब बात सेफ्टी स्टाफ की होती है तो इसमें  ट्रैकमेन, पॉइंटमेन, पैट्रोलमेन, टेक्निशंस और स्टेशन मासटर्स के पद आते हैं और यह सभी लोग ट्रेनों के संचालन के लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार होते हैं। ऐसे में रेलवे में इनकी कमी दुर्घटनाओं की आशंका को हमेशा बनाये रखती है। 

इतना ही नहीं इस स्टाफ की कमी को अक्सर रेलवे के दूसरे कर्मचारी पूरा करते हैं ऐसे में उनके अपने काम के साथ-साथ कई और काम भी देखते हुए दिन में 15 घण्टों से भी ज्यादा काम करना पड़ता है। इस से काम की गुणवत्ता पर असर पडऩा लाजमी है। वहीं बात अगर रेलवे में पदों को भरे जाने की हो तो आपको जान कर हैरानी होगी कि इस तरह के खाली पदों की संख्या 1.42 लाख थी जो तीन साल में सिर्फ 19,500 कम हुई है। रेलवे मंत्रालय की सूचना के अनुसार रेलवे में 2.17 लाख कर्मचारियों की कमी है। इनमे से 1.27 लाख सेफ्टी कैटिगरी में है। 

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