अनोखी पहलः अब महिलाआें से परेशान पुरुष भी दर्ज करा पाएंगे शिकायत

punjabkesari.in Monday, Sep 11, 2017 - 08:27 PM (IST)

हापुड़(नदीम अहमद)-महिलाओं के खिलाफ हो रहे अत्याचार से निपटने के लिए देश में बहुत सारी संस्थाएं काम कर रही हैं। लेकिन हम आपको एक एेसी संस्था के बारे में बताएंगे जो न केवल पुरुषों पर हो रहे अत्याचार पर लगाम लगाने के लिए काम कर रही है बल्कि उन्हें आत्महत्या करने से भी बचा रही है। इस नई पहल की शुरुआत उत्तर प्रदेश के हापुड जिले से शुरू की गई है। 

सोमवार को पति परिवार समिति लखनऊ द्वारा एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया। जिसमें पुरुषों पर हो रहे अत्याचार को लेकर लोगों को जागरूक करने व सरकार से महिलाओं की तरह पुरुषों के लिए कानून बनाने की मांग की गई। साथ ही एक पुरुष हेल्प लाइन नम्बर 8882-498-498 भी जारी किया गया । जिसके जरिए कोई भी पीड़ित पुरुष कभी भी फोन कर सहायता प्राप्त कर सकता है।

पिछले दो साल से काम कर रही संस्था
बताया जा रहा है कि ये संस्था पिछले दो साल से पीड़ित पुरुषों की मदद कर रही है। सबसे खास बात ये कि इस संस्था की अध्यक्ष एक महिला हैं। इसके बावजूद भी वह पुरुषों के लिए काम कर रही हैं।

क्या कहती है संस्था?
पति परिवार कल्याण समिति लखनऊ संस्था से जुड़े लोगों का कहना है आजकल महिलाएं पुरुषों पर दहेज, रेप, छेड़छाड़ जैसे फर्जी केस लगाकर जेल भिजवा देती हैं। हमारी संस्था द्वारा पीड़ित लोगों की मदद की जाती है। फर्जी केस लगने के बाद पुरुषों में आत्महत्या के मामले भी बढ़ रहे हैं। हमें भारत की पहली पुरुष हेल्प के बारे में लोगों को जागरूक करना है। 

पुरुषों के लिए एक भी कानून नहीं-डॉश इंदु सुभाष 
संस्था की अध्यक्षा डॉश इंदु सुभाष ने बताया कि हमारे देश में महिलाओं के लिए सरकार ने करीब 48 कानून बनाये हैं जबकि पुरुषो के लिए एक भी कानून नहीं है। ऐसा नहीं है कि हर बार पुरूष ही दोषी होते हैं लेकिन महिला व उनके परिजन पुरुषों को झूठे दहेज व प्रताड़ना के केस में जेल भेजवा देते हैं जबकि कई मामलों में महिला-पुरुष के साथ ही नहीं रहना चाहती। फिर भी पुरुष को ही क्रूर समझ कर जेल में डाल दिया जाता है। 

आत्महत्या करने को मजबूर हो जाते हैं पुरुष
इतना ही नहीं उसके परिजनों तक को प्रतारणा सहनी पड़ती है जिस कारण पुरुष आत्महत्या करने को मजबूर हो जाते हैं। ताजा मामला गाजियबाद में पारिवारिक कलह के कारण एक आईपीएस को आत्महत्या करनी पड़ी। हमारी संस्था ने पिछले दो सालों में सैंकड़ों पुरुषों को काउंसलिंग के जरिए आत्महत्या से रोका है।