हॉटस्पॉट का नामकरण मस्जिदों के नाम पर करने पर विपक्ष ने जताई आपत्ति, प्रशासन ने नकारा

punjabkesari.in Sunday, May 03, 2020 - 11:00 PM (IST)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के विपक्षी दलों समाजवादी पार्टी (सपा) और कांग्रेस ने लखनऊ जिला प्रशासन पर कोरोना वायरस संक्रमण के लिहाज से बनाए गए हॉटस्पॉट का नामकरण कथित रूप से मस्जिदों के नाम पर किए जाने पर राज्य की भाजपा सरकार को घेरा है। हालांकि जिला प्रशासन ने इस आरोप को गलत बताया है। उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने रविवार को आरोप लगाया,'जिला प्रशासन ने राजधानी के हॉटस्पॉट के नाम मस्जिदों के नाम पर रखे हैं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है।' 

उन्होंने कहा कि कोविड-19 एक आपदा है और बीमारी किसी धर्म या सम्प्रदाय को देखकर नहीं आती है। उन्होंने कहा कि सरकार को जहां अधिक से अधिक जांच कर इलाज की व्यवस्था करनी चाहिए, वहीं सरकार धर्म—जाति के नाम पर लड़ाई को अंजाम देकर महामारी से लड़ने में अपनी कमजोरी को छुपा रही है। सपा के विधान परिषद सदस्य राजपाल कश्यप ने कहा,'प्रशासन हॉटस्पॉट का नामकरण मस्जिदों के नाम पर करके आखिर क्या संदेश देना चाहती है। कोरोना वायरस किसी विशेष समुदाय को निशाना नहीं बनाता।' 

उन्होंने कहा कि प्रशासन का यह कदम भेदभावपूर्ण है और यह राज्य की भाजपा सरकार के राजनीतिक एजेंडा के अनुरूप है। हालांकि जिला प्रशासन ने किसी भी समुदाय को निशाना बनाने से इनकार किया है। एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ने कहा,'मस्जिदों का नाम इसलिए दिया गया है क्योंकि कोविड—19 संक्रमण के मामले उन्हीं के आसपास आए थे। यह केवल उस क्षेत्र को चिह्नित करने के लिए किया गया है। इसके पीछे और कोई मंशा नहीं है। यह चिह्नांकन का पुराना तरीका है, इसमें कुछ भी राजनीतिक नहीं है।'

गौरतलब है कि लखनऊ में बनाए गए हॉटस्पॉट की शुरुआती सूची में आठ नाम मस्जिदों के नाम पर रखे गए थे। इनमें सदर बाजार में मस्जिद आली जान, वजीरगंज में मोहम्मदिया मस्जिद, त्रिवेणी नगर में खजूर वाली मस्जिद, कैसरबाग में फूलबाग और नजरबाग मस्जिद और गुडम्बा में रजौली मस्जिद शामिल हैं। राज्य सरकार के मुताबिक प्रदेश में कोविड—19 के 2579 मामले सामने आए हैं, जिनमें 1138 तब्लीगी जमात के सदस्यों और उनके सम्पर्क में आए लोग हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को एक बयान में प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण के प्रसार के लिए तब्लीगी जमात के सदस्यों को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा था कि संक्रमण को छुपाना निश्चित रूप से अपराध है। ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

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