आेवैसी की पार्टी ने महाराष्ट्र के बाद यूपी में पसारा पैर, निकाय चुनाव परिणाम ने विपक्ष काे चाैंकाया

punjabkesari.in Saturday, Dec 02, 2017 - 07:25 PM (IST)

लखनऊः असदुद्दीन आेवैसी की पार्टी अॉल इंडिया मजलिसे इत्तेहादुल मुसलमीन(AIMIM) ने महाराष्ट्र के बाद अब उत्तर प्रदेश की राजनीति में धमाकेदार जीत दर्ज की है। AIMIM ने अपने प्रर्दशन से विपक्ष काे ही नहीं बल्कि राजनीतिक विश्लेषकाें काे भी चाैंका दिया है। निकाय चुनाव नतीजों के बाद एक बार फिर सवाल उभर कर आया है कि आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के मुस्लिमों की पार्टी कही जाने वाली AIMIM यूपी में अपने पैर कैसे जमाने लगी? 

BSP और SP को छोड़ा पीछे
बता दें कि यूपी के निकाय चुनाव में  AIMIM के प्रदर्शन ने एसपी, बीएसपी और कांग्रेस के लिए मुश्किलें बढ़ा दी हैं और सभी को सोचने पर मजबूर कर दिया है। यूपी के नगर निकाय चुनाव में पार्टी ने जिस तरह का प्रदर्शन किया है उससे साफ होता है कि औवेसी को मुस्लिम और दलित वोटर एक नए विकल्प के तौर पर देख रहे हैं। पार्टी ने अलग-अलग जिलो में करीब 26 सीटें पर कब्जा जमाया है। पहली बार के चुनाव में ही औवेसी की पार्टी के प्रत्याशी ने एसपी और बीएसपी जैसी दिग्गज पार्टियों को पीछे छोड़ दिया।

पार्टी ने पूरे प्रदेश में सिर्फ एक मेयर प्रत्याशी फिरोजाबाद में खड़ा किया था हालांकि बीजेपी के प्रत्याशी के हाथों सीट गंवानी पड़ी लेकिन पार्टी ने यूपी में सभी को कांटें की चुनौती दी। फिरोजाबाद के मेयर चुनाव में बीजेपी की नूतन राठौर ने 98932 वोट हासिल किए। उन्होंने  AIMIM की मशहूर फातिमा को हराया। फातिमा ने 56536 वोट हासिल किए। वहीं सपा और बसपा दोनों ही तीसरे और चौथे नंबर पर रही। समाजवादी पार्टी की सावित्री गुप्ता 45925 और बीएसपी की पायल राठौर 41528 वोट ही जुटा सकीं। इसके अलावा कानपुर में चुन्नीगंज वार्ड संख्या 3 से  AIMIM प्रत्याशी शरद कुमार सोनकर ने कानपुर में पहली बार खाता खोलते हुए एसपी प्रत्याशी को 800 वोट से मात दी। 

महाराष्ट्र में भी चौंकाया था सबको
बता दें ये पहली बार नहीं है इससे पहले भी हैदराबाद की इस परम्परागत पार्टी ने दूसरे राज्यों में चुनावों में चौंकाया है। याद दिला दें औवेसी की मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन ने महाराष्ट्र में रातोंरात एक बड़ा उलटफेर किया था। काफी वर्षों से महाराष्ट्र की चुनावी राजनीति में शामिल रही इस पार्टी ने है औरंगाबाद नगर निगम के चुनाव में सभी विरोधी पार्टियों को चौंका दिया था। इसके साथ ही उसकी मौजूदगी लगातार बढ़ती जा रही थी।

भाजपा-शिवसेना का एक लंबे अर्से तक औरंगाबाद नगर निगम पर कब्जा था और इस चुनाव में भी उनकी जीत बरकरार रही थी लेकिन दूसरे स्थान पर रही AIMIM। औरंगाबाद की 113 सीटों वाली म्यूनिसिपल कॉरपोरेशन में औवेसी की पार्टी ने कुल 54 उम्मीदवार खड़े किए थे, जिनमें 26 ने जीत दर्ज की जबकि कांग्रेस सिमट कर 10 सीटों पर आ गई और एनसीपी तो केवल 3 सीट ही जीत हासिल कर सकी। 

दलित-मुस्लिम राजनीति की लिख रहें हैं नई इबारत
उनके इस प्रदर्शन के बहुत मायने निकाले गए और एक बार फिर उन्होंने ये कर दिखाया। महाराष्ट्र की औरंगाबाद सीट को दलित आंदोलन का गढ़ माना जाता रहा है और खुद डॉ. बाबा साहेब आंबेडकर का इस शहर से जुड़ाव रहा है, इसलिए भी इसे महत्त्वपूर्ण माना जाता रहा है। इस तरह से महाराष्ट्र के नगर निगम के बाद यूपी के निकाय चुनावों में औवेसी का प्रदर्शन धीरे ही सही पर एक नए राजनीति समीकरण की शुरूआत सा लगता है। लेकिन ये कह पाना मुश्किल है कि उसका इस तरह का प्रदर्शन आगे क्या रंग लाएगा। लेकिन विवादित बयानों से घिरे रहने वाले औवेसी परम्परागत सीटों के बाहर अपनी जगह बना रहे हैं ये देखने और गौर करने लायक है।

फिलहाल औवेसी की पार्टी इस जीत से फूले नहीं समा रही और जीत का जश्न मना रही है। पार्टी के उत्तर प्रदेश के संयोजक शौकत अली ने नतीजों के बाद कहा कि निकाय चुनाव का परिणाम उन लोगों को जवाब है, जो ये इल्जाम लगाते थे कि एआईएमआईएम बीजेपी की एजेंट है। उनका ये तंज सपा की ओर था। उन्होंने कहा कि हमारी जीत निश्चित रूप से ये मुस्लिम और दलितों की जीत है। 

AAP ने भी खोला खाता
इसके अलावा यूपी के नगर निकाय चुनाव केजरीवाल की आप पार्टी ने भी एंट्री मार ली। पहली बार यूपी में चुनाव लड़ रही आम आदमी पार्टी ने अपना खाता खोला। नतीजों के मुताबिक आम आदमी पार्टी ने ठीक-ठाक प्रदर्शन किया है। शुक्रवार को उत्तर प्रदेश स्थानीय निकाय के घोषित चुनाव परिणाम के हवाले से बताया कि राज्य में पार्टी के अब तक 2 नगर पालिका अध्यक्ष और 28 पार्षद एवं सभासदों को जीत मिली है।