आजाद भारत में पहली बार किसी महिला को फांसी देने की तैयारी, जुर्म सुनकर कांप जाएगी रूह

punjabkesari.in Wednesday, Feb 17, 2021 - 03:08 PM (IST)

मथुरा: देश की आजादी के बाद भारत के इतिहास में ऐसा पहली बार होने जा रहा है, जब किसी महिला कैदी को फांसी पर लटकाया जाएगा। मथुरा जेल में महिला को फांसी देने की तैयारियां चल रही हैं। फांसी की तारीख तय होना बाकी है। मथुरा जेल में बंद अमरोहा की रहने वाली शबनम की दया याचिका राष्ट्रपति ने खारिज कर दी है, जिसके बाद मथुरा स्थित यूपी के इकलौते महिला फांसीघर में शबनम को मौत की सजा दी जाएगी। बता दें कि यह व्यवस्था ब्रिटिशकालीन है। निर्भया के आरोपियों को फांसी पर लटकाने वाले मेरठ के पवन जल्लाद शबनम को फांसी देंगे। जिसके चलते वह दो बार फांसीघर का निरीक्षण कर चुके हैं।
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जानिए क्या है पूरा मामला? 
बता दें कि अमरोहा की रहने वाली शबनम ने अप्रैल 2008 में प्रेमी के साथ मिलकर अपने 7 परिजनों की कुल्हाड़ी से काटकर बेरहमी से हत्या कर दी थी। अमरोहा ज़िले का बावनखेड़ी गांव 15 अप्रैल 2008 को गांव की एक लड़की की चीख पुकार सुनकर लोग इक्ट्ठा हुए। गांव के लोग जब घर पहुंचते हैं तो परिवार के 7 लोगों का खून से लथपथ शव जमीन पर पड़े मिलते हैं। ऐसे में 25 साल की शबनम चीख-चीखकर लोगों को बताती है कि लुटेरों ने लूट के लिए उसके परिवार को मारकर चले गए। मौके पर पहुंची पुलिस के शबनम की बातें हजम नहीं हुई तो उन्होंने इस मामले में गहराई से जांच की। बस फिर क्या था पूरी कहानी पुलिस के सामने आई।
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प्रेम संबंध के लिए दिया रूह कंपा देने वाले जुर्म को अंजाम 
पुलिस के अनुसार 25 साल की शबनम ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर पूरी घटना को अंजाम दिया। दरअसल, पोस्टग्रेजुएट और पेशे से शिक्षक शबनम को पांचवीं पास सलीम से प्यार हो गया था। परिवार वालों को यह रिश्ता मंजूर नहीं था। इसी बीच शबनम गर्भवती हो गई। फिर दोनों ने मिलकर परिवार को खत्म करने की योजना बनाई। 15 अप्रैल, 2008 की रात शबनम ने खाने में कुछ मिलाया और जब सब बेहोशी की नींद सो गए तो उसने एक-एक कर कुल्हाड़ी से सबको मौत के घाट उतार दिया। पुलिस ने जांच के क्रम में जब शबनम की कॉल डिटेल निकाली तो उसके सलीम से बात होने की पुष्टि हो गई। शबनम से जब कड़ाई से पूछताछ की गई तो उसने सब उगल दिया।
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बिन बियाही मां बनी थी महिला 
मामले की जानकारी मिलते ही पुलिस ने शबनम के साथ प्रेमी सलीम को भी गिरफ्तार कर लिया और हत्या में उपयोग किया गया कुल्हाड़ी भी बरामद की कोर्ट ने जघन्य हत्याकांड के लिये शबनम और सलीम दोनों को फांसी की सजा सुनाई है। जेल जाने के करीब 7 माह बाद शबनम के एक बेटे को जन्म दिया। कई साल तक ये बच्चा शबनम के साथ रहा। 2015 में फांसी की सजा सुनाए जाने के शबनम ने इस बच्चे को अपने दोस्त और उसकी पत्नी को सौंप दिया था। शबनम और सलीम का बेटा अभी 11 साल का है।
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राष्ट्रपति ने भी खारिज की दया याचिका
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने शबनम की फांसी की सजा बरकरार रखी थी। राष्ट्रपति ने भी उसकी दया याचिका खारिज कर दी है। लिहाजा आजादी के बाद शबनम पहली महिला कैदी होगी जिसे फांसी पर लटकाया जाएगा। 


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Content Writer

Tamanna Bhardwaj

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