प्रधानमंत्री पर बरसीं मायावती, कहा-दूध के धुले नहीं हैं मोदी

punjabkesari.in Monday, Nov 14, 2016 - 06:11 PM (IST)

लखनऊ: बसपा सुप्रीमो मायावती ने नोटबंदी को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर निशाना साधा है। मायावती ने कहा है कि गाजीपुर की बीजेपी रैली में 250-250 रुपये देकर लोगों को जुटाया गया। इस रैली में ज्यादातर बिहार के लोगों को बुलाया गया है। मायावती ने बीजेपी की इस रैली को बुरी तरफ से फ्लाप बताया। उन्होंने कहा कि मोदी कोई दूध के धुले नहीं हैं। उन्होंने ललित मोदी और विजय माल्या को देश से बाहर भगा दिया। 

दूध के धुले नहीं मोदी 
वहीं मायावती ने भ्रष्टाचार के मामले पर कहा कि मोदी दूध के धुले नहीं हैं। उनकी रैली में रेलवे का राजनीतिकरण किया गया है। लोगों को बिना किराए के रेलवे के जरिए लाया गया है। मायावती ने कहा कि एक तरफ मोदी भ्रष्टाचार खत्म करने की बात करते हैं तो दूसरी तरफ वह खुद इसे बढ़ावा दे रहे हैं। मोदी अपने गिरेबान में झांककर देखें वह कितने दूध के धुले हैं। दूसरों को सलाह देने से पहले वह खुद बताएं कि इसपर कितना अमल कर रहे हैं और भ्रष्टाचार के मामले में वह कितने साफ-सुथरे हैं।

जनता को परेशान कर रहे मोदी
मायावती ने कहा है कि नोटबंदी की आड़ में मोदी सरकार जनता को परेशान कर रही है। पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि सरकार के इस फैसले के चलते महिलाएं और बच्चे घंटों खुले आसमान के नीचे खड़े रहने को मजबूर हैं। आम जनता ने कांग्रेस को केंद्र से इस उम्मीद से बाहर कर दिया था कि उसे भ्रष्टाचार से मुक्ति मिलेगी। पीएम काला धन और करप्शन पर अंकुश लगाने की आड़ में जनता को खुले आसमान के नीचे खड़ा करवा रही है। किसी ने भी इस भयावह स्थिति की कल्पना नहीं की थी। 

नोटबंदी नहीं आम लोगों को हो रही पेरशान के खिलाफ बसपा 
मायावती ने साफ किया कि बीएसपी नोटबंदी के खिलाफ नहीं है बल्कि आम लोगों को हो रही परेशानी के खिलाफ है। मायावती ने कहा कि मोदी सरकार अगले 1 माह तक धैर्य रखने की बात कहकर लोगों के जख्मों पर नमक छिड़क रही है। पीएम ने भ्रष्टाचार पर कहा कि बेईमानों से काली कमाई का हिसाब लिया जाएगा, लेकिन हमारी पार्टी का कहना है कि देश की जनता हर प्रकार के भ्रष्टाचार से स्थाई मुक्ति चाहती है।

दलित की बेटी नोटों की माला पहने, इन्हें हजम नहीं होता 
‘नोटों की माला’ वाली टिप्पणी पर भड़कीं मायावती ने मोदी पर सीधा निशाना साधते हुए कहा कि दलित की बेटी नोटों की माला पहने, ये उन्हें हजम नहीं होता। साथ ही उन्होंने कहा कि नीतिगत आधार पर आरोप लगें तो ठीक है लेकिन व्यक्तिगत आरोप नहीं लगने चाहिए। एक दलित की बेटी को नोटों की माला पहनायी जाए, इनके गले के नीचे नहीं उतरता।’’ मायावती ने कहा कि प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बैठकर इतनी ‘छिछोरी’ बात करेंगे तो समझ सकते हैं कि दलितों के मामले में इनकी (मोदी) सोच बदली नहीं है। उन्होंने सफाई दी कि बसपा के लोग अपनी नेता को काली कमाई के नोट से नहीं बल्कि खून पसीने की कमाई का थोड़ा थोड़ा धन एकत्र कर तब नोटों की माला पहनाकर अपनी नेता का स्वागत करते हैं। ये किसी से छिपा नहीं है। बता दें कि उत्तर प्रदेश में 2010 के दौरान एक रैली में मायावती को बसपा कार्यकर्ताआें ने नोटों की विशालकाय माला पहनाकर स्वागत किया था। उस समय वह राज्य की मुख्यमंत्री थीं। 

महाभ्रष्टाचारी ललित मोदी और विजय माल्या को बीजेपी सरकार ने भगाया 
उन्होंने आरोप लगाया कि केन्द्र की भाजपा सरकार ने महाभ्रष्टाचारी ललित मोदी और विजय माल्या को देश से भगा दिया और 66 हजार करोड़ रूपये के काले धन को सफेद करा दिया। 

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