मुल्क के भले के लिए दिया मध्यस्थता पैनल को प्रस्ताव: सुन्नी वक्फ बोर्ड
punjabkesari.in Sunday, Oct 20, 2019 - 02:00 PM (IST)
लखनऊः यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट से ‘मुकम्मल इंसाफ' की उम्मीद करते हुए कहा है कि उसने अयोध्या मामले में गठित मध्यस्थता पैनल के सामने जो भी प्रस्ताव दिया है, वह मुल्क के भले के लिए है। हिंदुस्तान के तमाम अमन पसंद लोगों की इसमें रजामंदी होगी।
बोर्ड के अध्यक्ष जुफर फारूकी ने कहा कि तमाम सदस्यों के साथ विचार-विमर्श करके मध्यस्थता पैनल के सामने प्रस्ताव रखा था। अयोध्या का मसला बेहद संवेदनशील है और उससे जुड़े अहम पक्षकारों का रुख मुल्क के भविष्य पर असर डाल सकता है। लिहाजा इसे इंतहाई सलीके से संभालना होगा। हमें यकीन है कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले पर ‘मुकम्मल इंसाफ' करेगा। उन्होंने कहा ‘हमने मध्यस्थता पैनल को जो भी प्रस्ताव दिया है, वह मुल्क के मफाद में है। अगर अदालत इसे मंजूर कर लेती है तो तमाम अमनपसंद हिंदुस्तानियों की इसमें ताईद (रजामंदी) होगी। इस वक्त भी काफी लोग हमारा समर्थन कर रहे हैं।
चूंकि कानूनी वजूहात (कारण) हैं इसलिए हम मध्यस्थता पैनल को दिए गए प्रस्ताव का खुलासा नहीं कर सकते।' फारूकी ने कहा कि बोर्ड ने मध्यस्थता पैनल को जो प्रस्ताव दिया है, उसे यह ना समझा जाए कि हम विवादित जमीन पर अपने दावे से हट रहे हैं, लेकिन सुप्रीम कोर्ट को संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत यह अधिकार है कि वह मुकम्मल इंसाफ करने के लिए कुछ भी फैसला कर सकता है। हम अदालत से सम्पूर्ण न्याय चाहते हैं। जब भी कोई कदम उठाया जाता है तो कुछ लोग उसका समर्थन करते हैं तो कुछ उसका विरोध करते हैं।
मालूम हो कि, अयोध्या मामले में प्रमुख पक्षकार यूपी सुन्नी वक्फ बोर्ड ने इस प्रकरण में गठित मध्यस्थता पैनल के सामने एक प्रस्ताव रखा है। इस प्रस्ताव को अयोध्या प्रकरण की सुनवाई कर रहे सुप्रीम कोर्ट में पेश किया जा चुका है। अदालत ने मध्यस्थता पैनल की तमाम कार्यवाही की मीडिया रिपोर्टिंग पर रोक लगा रखी है, इसलिए प्रस्ताव में लिखी बातों की आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई है।