RTI: रामलला की देखरेख में होने वाले खर्च को बताने से यूपी सरकार का इंकार

punjabkesari.in Friday, Dec 15, 2017 - 01:10 PM (IST)

लखनऊ, आशीष पाण्डेय: देश की राजनीति में रामजन्म भूमि मुदृदा कितना खास है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सका है, कि कभी केंद्र में बीजेपी की सरकार बनबाने में इस मुद्दे ने ही अहम भूमिका निभाने का काम किया था। इतना ही नहीं राम जन्म भूमि व बाबरी मस्जिद विवाद पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ सहित बीजेपी के नेताओं के भाषणों में जो तेवर दिखाई देता है असल में वो केवल सियासी है। कारण यह है कि रामजन्म भूमि की देखरेख में उत्तर प्रदेश सरकार कितना खर्च करती है, इस विषय को जन मानस के सामने रखने के लिए एक आरटीआई डाली गई थी। जिसका जवाब देने से उत्तर प्रदेश सचिवालय के अधिकारियों ने इंकार कर दिया।

यह है आरटीआई  
लखनऊ के आरटीआई एक्टिविस्ट संजय शर्मा ने बीते 16 सितम्बर को यूपी के मुख्य सचिव कार्यालय में एक आरटीआई दायर करके बाबरी ढांचा ध्वस्त होने से अब तक राम लला रामजन्मभूमि मंदिर की सुरक्षा और देखरेख पर हुए खर्चे, मंदिर के तिरपाल पर आये खर्च, तिरपाल बदलने पर आये खर्चे, रामजन्मभूमि-बाबरी विवाद की अदालती कार्यवाहियों पर आये सरकारी खर्चों, बाबरी ढांचा टूटने के उत्तरदाई लोकसेवकों को दिए दंड और राम लला रामजन्मभूमि मंदिर का पुजारी नियुक्त करने की विहित प्रक्रिया की सूचना माँगी थी।

चौकाने वाला है अधिकारियों का जवाब
मुख्य सचिव कार्यालय के अनु सचिव और जन सूचना अधिकारी ने संजय शर्मा की आरटीआई अर्जी बीते 21 सितम्बर को ही उत्तर प्रदेश के गृह विभाग को अंतरित कर दी थी, अब गृह विभाग के साम्प्रदायिकता नियंत्रण प्रकोष्ठ के विशेष कार्याधिकारी अशोक कुमार सिंह ने संजय को जो बात कहते हुए सूचना देने से मना किया है वह वेहद चौंकाने वाला है। आप भी देखें अशोक सिंह ने क्या जवाब ​दिया है——