SC ने हाईकोर्ट के लॉकडाउन फैसले पर लगाई रोक, यूपी सरकार से कहा- HC के ऑब्जर्वेशन को ध्यान दें

punjabkesari.in Tuesday, Apr 20, 2021 - 01:03 PM (IST)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार को सुप्रीमकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। सुप्रीमकोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाते हुए  यूपी सरकार से कहा कि "आप हाईकोर्ट के ऑब्जर्वेशन को ध्यान दें, फैसले पर हम रोक लगा रहे हैं।" सरकार की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश की बेंच में मामला रखा और जिरह की।

बता दें कि यूपी सरकार ने मंगलवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीमकोर्ट में चुनौती दी है और यूपी के 5 शहरों में संपूर्ण लॉकडाउन लगाने पर रोक की मांग की है। यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि सरकार को जब लॉकडाउन की जरूरत लगेगी, सरकार खुद लगाएगी, लेकिन इस तरह कोर्ट का सरकार के प्रयासों में दखल देना, सरकार के काम काज, आजीविका सहित अन्य चीजों में दिक्कत पैदा करना सही नहीं है। तुषार मेहता ने कहा कि सरकार हर संभव प्रयास कर रही है। राज्य सरकार द्वारा की गई स्थितियों की समीक्षा को हाईकोर्ट द्वारा नजरअंदाज कर दिया गया, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कोर्ट मित्र के तौर पर वरिष्ठ अधिवक्ता पी नरसिम्हा को नियुक्त किया है। कोर्ट ने सरकार के किये गए प्रयासों की दो हफ्ते में रिपोर्ट भी मांगी।

HC ने 5 शहरों में लॉकडाउन लगाने का यूपी सरकार को दिया था निर्देश
गौरतलब है उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने सोमवार को प्रदेश सरकार को राज्य के सबसे अधिक प्रभावित पांच शहरों- प्रयागराज, लखनऊ, वाराणसी, कानपुर नगर और गोरखपुर में आगामी 26 अप्रैल तक के लिए लॉकडाउन लगाने का निर्देश दिया है। न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा और न्यायमूर्ति अजित कुमार की पीठ ने प्रदेश में पृथकता केन्द्रों की स्थिति को लेकर दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश पारित किया। अदालत ने हालांकि स्पष्ट किया कि वह अपने आदेश के जरिए राज्य में पूर्ण लॉकडाउन नहीं थोप रही है। पीठ ने कहा, “हमारा विचार है कि मौजूदा समय के परिदृश्य को देखते हुए यदि लोगों को उनके घरों से बाहर जाने से एक सप्ताह के लिए रोक दिया जाता है तो कोरोना संक्रमण की श्रृंखला तोड़ी जा सकती है और इससे अगली पंक्ति के स्वास्थ्य कर्मियों को भी कुछ राहत मिलेगी।”

 


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Content Writer

Umakant yadav

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