Gyanvapi survey: सर्वे पर रोक से SC का इनकार, कोर्ट ने कहा- सर्वे से किसी के अधिकारों का हनन नहीं
punjabkesari.in Friday, Aug 04, 2023 - 04:26 PM (IST)

Gyanvapi survey: ज्ञानवापी मामले में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के एएसआई सर्वेक्षण के फैसले से असंतुष्ट मुस्लिम पक्ष को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने सर्वे पर रोक लगाने वाली याचिका को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि सर्वे का काम होने दें। सर्वे से किसी के अधिकारों का हनन नहीं होता है। इसके साथ ही सर्वे की रिपोर्ट को सील बंद लिफाफे में रखने के निर्देश दिए हैं।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दिया था इजाजत
इससे पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गुरुवार को अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी की याचिका खारिज कर दी। अदालत ने सेशन कोर्ट के आदेश का तत्काल पालन करने, यानी सर्वे शुरू करने का ऑर्डर दिया था। जिसके बाद असंतुष्ट मुस्लिम पक्ष ने सर्वे को रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उनकी याचिका को खारिज करते हुए कहा कि सर्वे होने दें।
परिसर में चारो तरफ लगाए गए कैमरे
ज्ञानवापी परिसर को 4 ब्लॉक में बांटा गया है। चारों तरफ कैमरे लगाए हैं। वीडियोग्राफी की जा रही है। ज्ञानवापी की पश्चिम दीवार पर सबसे ज्यादा फोकस है। दीवार की बारीक स्कैनिंग की जा रही है। कलाकृतियों को देखा जा रहा है। ASI के साथ हिंदू पक्ष अंदर है। लेकिन मुस्लिम पक्ष ने सर्वे में शामिल होने से इनकार कर दिया है।
मुस्लिम पक्ष ने सर्वे का किया बहिष्कार
मुस्लिम पक्ष ज्ञानवापी नहीं पहुंचा। जुमा की नमाज को देखते हुए प्रदेश में हाईअलर्ट है। ज्ञानवापी के आसपास भारी संख्या में फोर्स तैनात है। वाराणसी की स्थानीय कोर्ट ने ASI को सर्वे करके 4 अगस्त को रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा था। लेकिन, मुस्लिम पक्ष सुप्रीम कोर्ट और फिर हाईकोर्ट पहुंच गया। ASI सर्वे नहीं कर पाया। ऐसे में हलफनामा दायर करके कोर्ट में और वक्त मांगा गया है।
मामले से जुड़े कुछ अपडेट
- हिंदू पक्ष के मदन मोहन यादव ने बताया कि सर्वे का काम पांच-छह दिनों तक चलने की संभावना है। उन्होंने बताया कि इस दौरान हिंदू याचिकाकर्ता अपने वकीलों के साथ मौके पर मौजूद हैं। मुस्लिम पक्ष की तरफ से कोई भी उपस्थित नहीं है। मुस्लिम पक्ष ने इस सर्वे से अलग रहने का फैसला किया है।
- अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी के सचिव सैयद मोहम्मद यासीन ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि मुस्लिम पक्ष के वकील इस सर्वे में शामिल नहीं होंगे, क्योंकि मुसलमानों की तरफ से उच्चतम न्यायालय में इस सर्वे के निर्णय को पहले ही चुनौती दी जा चुकी है।
- "उच्च न्यायालय ने बिना तोड़-फोड़ किए ASI को ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वे का आदेश दिया है। अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी ने कल ही उच्चतम न्यायालय में इस आदेश के विरुद्ध अपील कर दी थी जिसकी आज सुनवाई होनी है। इसकी सूचना हमने वाराणसी के उच्च अधिकारियों को दे दी थी।"
- यासीन ने कहा, "हमारा अनुरोध था कि शीर्ष अदालत के आदेश तक सर्वे स्थगित रखा जाए। दिल्ली से हमारे अधिवक्ता ने भी इसी आशय का पत्र यहां के अधिकारी को भेजा था लेकिन उसका जवाब नहीं मिलने पर कमेटी ने देर रात बैठक करके तय किया कि वह इस सर्वे से विरत रहेगी।"
- ज्ञानवापी के ASI सर्वे में पर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। मुस्लिम पक्ष की याचिका पर कोर्ट ने कहा- हम हाईकोर्ट के आदेश में दखल क्यों दें?
- कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष से पूछा कि ASI सर्वे पर ऐतराज क्यों है? सर्वे से मुस्लिम पक्ष को कोई नुकसान नहीं होने जा रहा है। सिर्फ यही नहीं, सुप्रीम कोर्ट ने सुझाव दिया है कि सर्वे होने दीजिए। रिपोर्ट को सील कवर में जमा होने दीजिए।
- कोर्ट ने कहा कि सर्वे गैर आक्रामक तरीकों से होना चाहिए। ASI ने स्पष्ट किया है कि पूरा सर्वेक्षण बिना किसी खुदाई और संरचना को बिना कोई नुकसान पहुंचाए पूरा किया जाएगा।
हिंदू मुस्लिम के बाद अब बौध धर्म की एंट्री
ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे के मामले में एक नया मोड़ आ गया है। ऑल इंडिया बुद्धिस्ट संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष भंते सुमित रतन नेबौद्ध ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। जिसमें उन्होंने ज्ञानवापी को मस्जिद और मंदिर से अलग मठ बताया है। उन्होंने दावा किया कि ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वे होने पर उसमें बौद्ध मठ के अवशेष मिलेंगे, क्योंकि देश में बौद्ध मठों को तोड़कर मंदिरों का निर्माण किया गया है।
क्या है ज्ञानवापी विवाद?
वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर सटी ज्ञानवापी मस्जिद का मामला कोर्ट में है। यह पूरा मामला तब सुर्खियों में आया जब वाराणसी की एक अदालत ने ज्ञानवापी मस्जिद भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) को सर्वे करने का निर्देश दिया। सुप्रीम कोर्ट इलाहाबाद हाई कोर्ट और वाराणसी की अदालतों में कई याचिकाएं दाखिल की गई हैं, जिनमें दावा किया गया है कि 16वीं शताब्दी में मुगल बादशाह औरंगजेब ने काशी विश्वनाथ मंदिर को तोड़कर यहां ज्ञानवापी मस्जिद का निर्माण करवाया था।