विपक्षी एकता की कवायद तेज, अखिलेश के बाद मायावती से मुलाकात करेंगे शरद यादव

punjabkesari.in Tuesday, Mar 20, 2018 - 08:41 PM (IST)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश से लोकसभा की दो सीटों पर हुए उपचुनाव में समाजवादी पार्टी(सपा) उम्मीदवारों की जीत से उत्साहित विपक्षी दलों ने एकता की कवायद तेज कर दी है और इसी सिलसिले में जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के पूर्व नेता शरद यादव ने आज यहां अखिलेश यादव से मिलने के बाद कहा कि वह जल्द ही मायावती से मुलाकात करेंगे।   

भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) के लिए प्रतिष्ठा की सीट रही गोरखपुर और फूलपुर को बहुजन समाज पार्टी(बसपा) के समर्थन से सपा ने जीत ली है। गत 14 मार्च को नतीजे आने के तत्काल बाद सपा के वरिष्ठ नेता और विधानसभा में नेता विरोधी दल राम गोविन्द चौधरी ने बसपा अध्यक्ष मायावती से मुलाकात कर समर्थन के लिए आभार जताया था जबकि उसी दिन शाम आठ बजे के बाद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव भी मायावती से मिलने उनके घर पहुंच गये थे।  

अखिलेश यादव, मायावती के घर पहली बार गये थे। उनसे मिलने के बाद अखिलेश यादव ने समर्थन को गठबंधन में तब्दील करने के संकेत दिये थे। सपा के एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि अगले साल लोकसभा के आम चुनाव को बसपा से मिलकर लड़ा जायेगा। सबकुछ सही रहा तो यह गठबंधन 2022 के विधानसभा चुनाव में भी रह सकता है।

सपा नेता ने कहा कि दोनों दलों को अपना अस्तित्व बचाये रखने के लिए गठबंधन करना जरुरी है। गठबंधन से पिछड़े और दलित के साथ ही मुस्लिम मतों का समर्थन मिलेगा। ज्यादातर सीटें जीतने की पक्की गारण्टी होगी, क्योंकि दलित, पिछड़े और मुस्लिमोंं को मिलाकर 70 फीसदी से अधिक मतदाता एक ही मंच पर आने की सभावना बढ़ जायेगी।  

उधर, लखनऊ पहुंचे शरद यादव ने कहा कि भाजपा को हराने के लिए विपक्षी दलों का गठबंधन जरुरी है और वह इस बाबत जल्द ही मायावती से भी मिलेंगे। सपा अध्यक्ष से मिलने के बाद उन्होंने पत्रकारों से कहा कि उनकी कोशिश होगी कि भाजपा को हराया जाये। अलग-अलग चुनाव लडऩे पर विपक्षी दल भाजपा को नहीं हरा पायेंगे लेकिन यदि एकजुट हुए तो भाजपा को जीतने के लिए लोहे के चने चबाने होंगे।  उन्होंने कहा कि देश में इन्सान से अधिक पशुओं की कद्र हो रही है। पशुओं की वजह से इन्सान मारे जा रहे हैं। इन्सान की जिन्दगी पशुओं से भी बदतर हो गयी है। उनका कहना था कि देश में भाईचारा और अमनचैन बनाये रखने के लिए भाजपा को हराना जरुरी है। 

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