शहीद मनोज कुशवाहा और शशांक सिंह की विदाई में नम हुई आंखें

punjabkesari.in Thursday, Nov 24, 2016 - 07:38 PM (IST)

गाजीपुर (उ.प्र.): जम्मू कश्मीर के मछील सेक्टर में आतंकवादियों के साथ संघर्ष में शहीद हुए मनोज कुशवाहा और शशांक सिंह के पार्थिव शरीर आज शाम यहां लाये गये। भारतीय वायुसेना का हेलीकाप्टर शहीदों के पार्थिव शरीर को लेकर अंधउ हवाई पट्टी पर उतरा। बड़ी संख्या में स्थानीय लोग यहां एकत्र थे। दोनों शहीदों को गार्ड आफ ऑनर दिया गया और स्थानीय लोगों के अंतिम दर्शन के लिए रखा गया। कुशवाहा के गांव बद्धोपुर और सिंह के गांव नसीररूद्दीनपुर में जैसे ही उनकी शहादत की खबर फैली, लोग शोक में डूब गये। अंतिम संस्कार आज देर शाम गाजीपुर शवदाहगृह मंे किये जाने की उम्मीद है। 

सरकार उग्रवाद व आतंकवाद के खिलाफ करे सख्त कार्रवाई-भगवान सिंह 
शहीद देवेद्र सिंह बिष्ट के पिता भगवान सिंह ने बेटे की शहादत पर गर्व की अनुभूति करते हुए कहा कि देश के लोग शहादत से घबराने की बजाय अपने बेटों को देवेद्र जैसे लायक बनाएं और देशसेवा मे आगे बढ़ाएं। सरकार से उन्होंने उग्रवाद व आतंकवाद के खिलाफ सख्त व तीव्र कार्रवाई की मांग की। ताकि परिवारों को युवा बच्चों की शहादत पर रोना न पड़े।

बेहतरीन सदस्यों में से एक थे देवेंद्र-गौरव कुमार
शहीद देवेंद्र सिंह के साथ छत्तीसगढ़ मे पिछले डेल साल कई आपरेशनों में साथ रहे मेरठ स्थित 108 बटालियन के सहायक कमांडेट गौरव कुमार ने बताया कि देवेद्र कमांडो की तरह सक्रिय रहते थे। वे उनकी क्विक रिएक्शन टीम के बेहतरीन सदस्यों में से एक थे। वो खेलकूद मे भी बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते थे। 

शहादत से कुछ घंटे पहले हुई थी बात-बृजमोहन 
शहीद मनोज कुशवाहा के भाई बृजमोहन ने बताया ‘शहादत से कुछ घंटे पहले मनोज ने मुझसे फोन पर बात की थी। उसने कहा थे कि वह दो-चार दिन में छुट्टी लेकर घर आयेगा। पिछले साल बहन प्रिया की शादी में लिए कर्ज को भी अदा करेगा। उसकी इच्छा थी कि छुट्टी में घर आकर मकान का अधूरा पड़ा काम को पूरा कराये मगर अरमान धरे के धरे रह गए।’ मनोज के बेटे मानव और पुत्री मुस्कान ग्रामीणों की भीड़ और परिजनों के विलाप से गुमसुुम हैं। 

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