मायावती की अखिलेश को चुनौती: हिम्मत है तो सपा के गुंडों को जेल भेजकर दिखाएं

punjabkesari.in Thursday, Dec 15, 2016 - 08:28 PM (IST)

लखनऊ: बसपा सुप्रीमो मायावती ने आज उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को चुनौती देते हुए कहा कि अगर उनमें हिम्मत है तो अपनी पार्टी के गुंडों और माफियाआें को जेल की सलाखों के पीछे भेजकर दिखाये। मायावती ने एक बयान में कहा कि सपा सरकार के मुखिया (अखिलेश) में यदि हिम्मत है तो वह प्रदेश में कानून व्यवस्था को हाईफाई करने की नाटकबाजी छोडें और अपनी पार्टी के गुंडों, बदमाशों, माफियाआें, अराजक, सांप्रदायिक एवं आपराधिक तत्वों को जेल की सलाखों के पीछे भेजें।
उन्होंने कहा कि इलाहाबाद में सपा नेता और पूर्व सांसद (अतीक अहमद) की दबंगई और गुंडई के काले कारनामे से संबंधित अखबारों में छपी खबरें सपा सरकार के मुंह पर तमाचा है। आरोप है कि अतीक अहमद कल शाम रीवा रोड स्थित शियाट्स डीम्ड विश्वविद्यालय पहुंचे और उसके लोगों ने वहां के शिक्षकों और कर्मचारियों की पिटाई की। अतीक को सपा ने हाल ही में विधानसभा चुनाव के लिए कानपुर कैंट सीट से उमीदवार घोषित किया है। 

गुंडे-बदमाशों के रहते यूपी 100 बेमानी
मायावती ने कहा कि सपा सरकार के संरक्षण में पल बढ़ रहे अपराधियों के रहते यूपी-100 सेवा का फायदा आम जनता को मिलना बेमानी है। मायावती ने कहा कि अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिये सपा सरकार ने पुलिस प्रशासन को जातिवादी और निष्क्रिय बना दिया है। बहुप्रचारित हाईफाई यूपी-100 का लाभ आम जनता को कैसे मिल सकता है जब सरकारी संरक्षण में यहाँ हर तरफ व हर मामले में अराजक व जंगलराज है।

प्रदेश में चल रहा जंगलराज
मायावती ने कहा कि सपा सरकार के मुखिया आये दिन कानून-व्यवस्था और विकास के संबंध में बड़ी-बड़ी हवा-हवाई बातें करते रहते हैं लेकिन प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे देश को पता है कि सपा की पूर्ण बहुमत की सरकार बनने के बाद अब तक के लगभग पौने पाँच साल के शासनकाल में उत्तर प्रदेश में हर स्तर पर कानून का राज नहीं बल्कि गुण्डों, बदमाशों, माफियाओं, अपराधिक,अराजक, साम्प्रदायिक व भ्रष्ट तत्वों का ही ‘जंगलराज’ चल रहा है। बसपा अध्यक्ष ने कहा कि सूबे में हत्या, डकैती, लूटमार, फिरौती, अपहरण, महिला उत्पीडऩ, गुण्डा टैक्स, सरकारी व गैर-सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जे, साम्प्रदायिक दंगे और तनाव की वारदातें चरम पर हैं। प्रदेश की 22 करोड़ की आबादी भय और आतंक के साये में जीने को मजबूर हैं।

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