सपा में सुलह के लिए आखिरी कोशिश जारी, बात नहीं बनी तो अकेले लड़ेंगे मुलायम!

punjabkesari.in Saturday, Jan 07, 2017 - 02:23 PM (IST)

लखनऊ: सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी में छिड़े घमासान को लेकर सुलह की आखिरी कोशिश जारी है। कैबिनेट मंत्री आजम खान बाप-बेटे में सुलह के लिए लगातार कोशिश कर रहे हैं। आज एक बार फिर उन्होंने मुलायम सिंह यादव से इस मामले को लेकर मुलाकात की। सूत्रों के मुताबिक अगर अखिलेश-मुलायम के बीच किसी समझौते पर बात बनी तो मुलायम सिंह यादव प्रेस कॉंन्फ्रेंस कर कोई बड़ा ऐलान भी कर सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक अगर दोनों नेताओं के बीच सुलह नहीं हुआ तो मुलायम सिंह अलग चुनाव लडऩे का ऐलान कर सकते हैं। 

अलग चुनाव लडऩे की तैयारी में मुलायम
सपा में मुलायम और अखिलेश खेमे अब अलग-अलग चुनाव लडऩे की तैयारी में दिख रहे हैं। शुक्रवार देर रात मुलायम सिंह यादव ने शिवपाल यादव और अमर सिंह से इस मुद्दे पर भी चर्चा की। चर्चा है कि मुलायम सिंह ने चुनाव आयोग को पत्र भेजकर पार्टी चुनाव चिह्न साइकिल पर दावा ठोक दिया है। आयोग से कहा गया है कि मुलायम सिंह पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं और साइकिल पर उनका अधिकार बनता है।

अखिलेश के ही राष्ट्रीय अध्यक्ष का दावा कर रहा अखिलेश गुट 
उधर समाजवादी पार्टी में अखिलेश गुट का दावा है कि अब अखिलेश ही राष्ट्रीय अध्यक्ष रहेंगे। अखिलेश समर्थकों के मुताबिक पार्टी राष्ट्रीय अधिवेशन के जरिए अखिलेश यादव को राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया है। ऐसे में पार्टी के 90 फीसदी लोगों ने उन्हें पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना है अब वह इस जिम्मेदारी से पीछे नहीं हट सकते।

अमर सिंह ने बयान पर अखिलेश गुट की नाराजगी
 शुक्रवार को अमर सिंह द्वारा दिए गये बयान पर अखिलेश गुट ने कड़ी नाराजगी जाहिर करते हुए उनके खिलाफ निशाना साधा है। समर्थकों का कहना है कि परिवार के निजी रिश्तों का हवाला देकर अखिलेश यादव को इमोशनल ब्लैक मेल किया जा रहा है। अमर सिंह ने शुक्रवार को अपने बयान में कहा था कि अखिलेश का पालन-पोषण चाचा शिवापाल के घर में हुआ है और वही उनके ज्यादा करीब है। साथ ही अमर सिंह ने मुलायम सिंह पर कहा कि इस पूरे विवाद में नेता जी बिल्कुल अकेले पड़ गए हैं।

तय माना जा रहा सपा-कांग्रेस का गठबंधन
उधर अखिलेश यादव चुनाव में उतरने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। सूत्रों की माने तो अखिलेश ने पार्टी का घोषणापत्र तैयार कर लिया है। अगली 10 जनवरी के बाद कभी भी वह अपना घोषणापत्र जारी कर सकते है। साथ ही समाजवादी पार्टी और कांग्रेस का गठबंधन लगभग तय माना जा रहा है। 10 जनवरी को अखिलेश यादव और कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की मुलाकात हो सकती है। इस मुलाकात में गठबंधन पर आखिरी मुहर लग सकती है और सीटों के बंटवारे पर भी समझौता हो सकता है।

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