बाहुबली मुख्तार अंसारी के नाम पर जनता को मूर्ख बना रही सपा

punjabkesari.in Thursday, Nov 03, 2016 - 03:36 PM (IST)

मऊ(जाहिद इमाम): सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी में अंसारी बंधुओं की पार्टी कौमी एकता दल का विलय हो गया है फिर भी मऊ जिले के सदर विधानसभा में बाहुबली विधायक के शामिल होने या ना होने से संशय की स्थिति बन गई है। मुख्तार अंसारी पूर्ण रुप से समाजवादी विचार में शामिल हो सपाई बन गये हैं जिसका सबूत उनके पार्टी कार्यालय पर भी देखने को मिला। उनके कार्यालय पर कौमी एकता दल का पोस्टर, बैनर हटा दिया गया है। कौएद के पोस्टर, बैनर के स्थान पर समाजवादी पार्टी का बैनर लगाया गया है। साथ ही सदर से कौएद विधायक मुख्तार अंसारी का भी बैनर लटका हुआ है। पोस्टर बैनर देखकर लोग यही कह रहे हैं कि मुख्तार का भी सपा में विलय हुआ है लेकिन सपा इस बात से इनकार कर रही है। 

मुख्तार अंसारी पार्टी में विलय का हिस्सा नहीं
जब इस मामले को लेकर प्रदेश के दर्जा प्राप्त मंंत्री नफीस अहमद से बात की गई तो उन्होंने सफाई पेश करते हुए कहा कि कौमी एकता दल का पार्टी में विलय हुआ है लेकिन मुख्तार अंसारी को पार्टी का हिस्सा नहीं बनाया गया हैं। दरअसल मुख्यमंत्री अखिलेश यादव 3 नवंबर से प्रदेश में विकास रथ यात्रा लेकर रवाना हो रहे हैं। जिसकी तैंयारियों के मद्देनजर दर्जा प्राप्त प्रदेश मंत्री नफीस अहमद ने जिले में सपा कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की। साथ ही रथ यात्रा जिले में पहुचे उसका जोरदार स्वागत कर ऐतिहासिक बनाने पर भी चर्चा की।



इन सवालों पर दी सफाई 
इस दौरान पंजाब केसरी की टीम ने जब मंत्री से मुख्तार अंसारी के सपाई होने पर सवाल किया तो उन्होंने कहा कि कौमी एकता दल का सपा में विलय हुआ है लेकिन मुख्तार अंसारी पार्टी से दूर रखे गये हैं। वहीं जब मुख्तार के कार्यालय को सपामय किए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि कोई भी पोस्टर बैनर लगा सकता है। किसी को किसी ने रोका नहीं हैं। सदर विधानसभा क्षेत्र से मुख्तार अंसारी के सपा के सिंबल पर चुनाव लडऩे के सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि सदर से प्रत्याशी घोषित हैं। मुख्तार कहां और कैसे लड़ेंगे ये भविष्य की बात है। अभी हम यात्रा के संदर्भ में यहां पर आए हैं। 

जनता को मूर्ख बना रही सपा!
सपा और कौमी एकता दल के विलय के बीच जनता संशय की स्थिति में है। जहां एक तरफ सपा मुख्तार अंसारी को पार्टी में शामिल न करने की बात कह रही है वहीं दूसरी तरफ उनका कार्यालय सपामय बना हुआ है। फिलहाल मुख्तार अंसारी के कार्यालय में जिस तरीके से सपा का झंड़ा फहरा रहा है उसे देखकर कोई भी आसानी से अंदाजा लगा सकता है कि मुख्तार अंसारी का पार्टी में विलय हो गया है। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि बाहूबली के नाम पर दोहरा चरित्र दिखा रही समाजवादी पार्टी लोगों को मूर्ख क्यों बना रही है? 

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