ताजमहल या तेजोमहालय? केंद्र सरकार व पुरातत्व विभाग पर न्यायालय ने लगाया जुर्माना

punjabkesari.in Saturday, Dec 09, 2017 - 01:13 PM (IST)

लखनऊ, आशीष पाण्डेय: ताजमहल को तेजोमहालय बनाने की चर्चा एक बार फिर से जोर पकडऩे वाली है। आगरा का यह प्रसिद्ध इमारत ताजमहल है या भगवान शिव का मंदिर तेजोमहालय? आगरा के कोर्ट में इस पर विवाद विचाराधीन है। इस केस की सुनवाई में जवाब नहीं देने पर केंद्र सरकार और पुरातत्व विभाग पर 200 रुपये का जुर्माना न्यायालय ने किया है। जवाब दाखिल करने के लिए अगली तारीख चार जनवरी 2018 नियत की गई है। केंद्र सरकार और पुरातत्व विभाग को जवाब तेजोमहालय पक्ष के प्रार्थना पत्र पर देना है। 25 अक्टूबर को एक दस्तावेज जमाकर कहा गया कि ताजमहल के बंद पड़े हिस्सों को अगर खुलवाकर उनकी वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी करवाई जाए। जो सच्चाई सामने अ जााएगी। यह भी पता चल जाएगा कि बंद पड़े हिस्से में भगवान शिव की मूर्ति है या कुछ और है।

शिव मंदिर होने का दावा
तेजोमहालय पक्षकार के अधिवक्ता राजेश कुलश्रेष्ठ का दावा है कि यह इमारत शिव मंदिर है जिसका नाम तेजोमहालय है। इस पर केंद्र सरकार और पुरातत्व विभाग की ओर से अधिवक्ता विवेक शर्मा और अंजना शर्मा ने  जवाब देने के लिए समय मांगा था। कोर्ट ने 16 नवंबर की तारीख नियत की थी। इस तारीख पर भी अधिवक्ताओं ने फिर से समय मांग लिया। इस पर कोर्ट ने सात दिसंबर की तारीख नियत कर दी लेकिन इस बार भी  दोनों अधिवक्ताओं की ओर से समय मांगे जाने के लिए प्रार्थना पत्र दिया गया। सिविल जज अभिषेक सिन्हा ने इसी पर 200 रुपये का जुर्माना लगा दिया। जवाब दाखिल करने के लिए चार जनवरी की तारीख नियत की गई है।

गृह मंत्रालय भी पक्षकार
हैरत यह है कि इस मामले में केन्द्र सरकार का गृह मंत्रालय भी एक पक्षकार है। लेकिन उसकी ओर से अब तक एक बार भी न तो कोई कोर्ट में हाजिर हुआ है और ना ही अन्य पक्षों के प्रार्थना पत्र पर जवाब ही दिया गया।  इस पर कोर्ट ने गृह मंत्रालय के विरुद्ध एक पक्षीय सुनवाई का आदेश पारित कर दिया है। इसका अर्थ यह है कि गृह मंत्रालय का भविष्य में सुनवाई का अवसर समाप्त हो गया है।