अजब यूपी में फिर गजब! BSA की क्लास में टीचर्स फेल, बच्चे हुए पास

punjabkesari.in Thursday, Mar 15, 2018 - 06:54 PM (IST)

हरदाेईः बेसिक शिक्षा परिषद की परीक्षाओं का आगाज हो चुका है। बेसिक शिक्षा अधिकारी जब आज औचक निरीक्षण पर निकले तो परिषदीय विघायलों के शिक्षकों का ज्ञान देखकर दंग रह गए। 

दरअसल पढ़ाने वाली शिक्षिकाएं बी.एस.ए. के किसी सवाल का जबाब नहीं दे सकीं जिसके बाद बीएसए ने दोनों को कड़ी फटकार लगाते हुए उनके वेतन रोकने की कार्रवाई की। हालांकि पेपर दे रहे बच्चों से भी बीएसए ने कई प्रश्न पूछे जिनका जबाब सही पाकर बीएसए ने काफी प्रशंसा की।

उत्तर प्रदेश में बेसिक शिक्षा परिषद् की परीक्षाएं आज से आरम्भ हो चुकी हैं। सरकार का आदेश है कि कक्षा-1 से लेकर कक्षा-8 तक होने वाली परीक्षाओं काे बोर्ड परीक्षा की तर्ज़ पर कराई जाएँ। बेसिक शिक्षा अधिकारी हरदोई  मसीहुज्जमा सिद्दीकी ने आज नगर क्षेत्र में स्थित हरदेवगंज प्राइमरी व जूनियर विद्यालय पहुंचकर औचक निरीक्षण किया। जिसमें खामिया मिलने पर बीएसए ने टीचरों को कड़ी फटकार लगायी और जल्द से जल्द सुधार की बात कही। 

इस दौरान बीएसए ने बच्चों की पाठशाला भी लगायी और बच्चों से सवाल भी किये। बीएसए मज्जिहुज्जमा सिद्दीकी ने सराय थोक जूनियर हाईस्कूल विघायल का निरीक्षक करते हुए वहां मौजूद इंचार्ज रेनू शुक्ला से और अंजलि द्विवेदी से प्रश्न पूछे तो दोनों शिक्षिकाएं बीएसए के एक प्रश्न का भी सही जबाब नहीं दे पाईं।

बीएसए ने क्या-क्या पूछा प्रश्न?
बीएसए ने पहला प्रश्न इंचार्ज रेनू शुक्ला से पूछा कि मानसून क्या होता है। उत्तर में इंचार्ज रेनू शुक्ला कुछ न बता सकीं। उनको इतना भी नही पता कि कक्षा 6 की भूगोल की किताब में और कक्षा-7 की हिंदी की किताब में कुल कितने पाठ हैं।

इसके बाद बीएसए ने सहायक अध्यापक के पद तैनात अंजलि द्विवेदी से प्रश्न पूछा कि 1857 की क्रांति में कुल कितने अंग्रेज सेनापति थे। किन्ही दो के नाम बताएं।मगर शिक्षका अंजलि द्विवेदी उसका जबाब नहीं दे सकीं। जिसके बाद बीएसए ने पहाड़, शैल, पठार के बारे में प्रश्न किये मगर शिक्षिका अंजलि द्विवेदी कुछ भी सही न बता सकीं।जिसके बाद बीएसए सिद्दीकी ने दोनों शिक्षिकाओं का वेतन रोकने की कार्रवाई करते हुए सभी विषयों की किताबों के पाठ का नाम जानने की बात कही।  

क्या कहते हैं BSA?
मज्जिहुज्जमा सिद्दीकी बीएसए हरदोई ने बताया कि अध्यापकाें का खुद का ज्ञान काफी कम पाया गया है। ये उचित नहीं है कि अध्यपकाें अपने विषय का ही ज्ञान न हाे। इनका एक महीने का वेटर राेका जाएगा। अध्यपकाें काे 1 महीने का समय दिया गया है अपने विषयाें का ज्ञान सुधारने के लिए। इसके बाद इनका वेतन रिलीज कर दिया जाएगा।