मंदिर-मस्जिद विवाद: सुप्रीम कोर्ट के फैसले का दोनों पक्षों ने किया स्वागत

punjabkesari.in Tuesday, Mar 21, 2017 - 04:11 PM (IST)

अयोध्या(अभिषेक सावंत): अयोध्या मंदिर-मस्जिद विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट के सुलह समझौते से विवाद सुलझाने के मामले में अयोध्या के संतों ने इसका स्वागत किया है। वहीं संत समाज और मुस्लिम पक्ष हमेशा से ही इस विवाद से छुटकारा पाना चाह रहा है। इतना ही नहीं इसके लिए कई बार अयोध्या से भी पहल हुई है। वहीं अब पक्षकारों का कहना है कि दोनों पक्ष आपस में बैठकर बात करेंगे तो सुलह की जा सकती है। राम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष नृत्य गोपाल दास का कहना है कि अगर वहां पर विवादित ढांचा होता तो वह विचारणीय विषय माना जाता। ऐसे में जब राम जन्मभूमि पर राम लला विराजमान हैं तो किस्से मंदिर-मस्जिद समझौते पर विचार किया जाये।  

मुस्लिम पक्ष कभी नहीं चाहेगा की अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण हो-नृत्य गोपाल दास
राम जन्म भूमि न्यास के अध्यक्ष नृत्य गोपाल दास ने मंदिर मुद्दे पर बड़ा बयान देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सत्ता संभाल ली है तो ऐसे में अब राम मंदिर को लेकर किससे विचार किया जाए। उन्होंने कहा कि मुस्लिम पक्ष तो कभी नहीं चाहेगा की अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण हो। मुस्लिम पक्ष तो यही कहेगा कि रामलला के स्थान पर मंदिर-मस्जिद दोनों बने। वहीं उन्होंने कहा कि अगर हिन्दू मुस्लिम में सद्भाव बना रहता तो हिंदुस्तान और पकिस्तान का बंटवारा ही क्यों होता। 


दोनों पक्षों ने किया कोर्ट के फैसले का स्वागत
वही राम जन्म भूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सतेन्द्र दास ने उच्चतम न्यायलय का स्वागत करते हुए कहा कि दोनों पक्ष आपस में बैठकर इस मुद्दे पर सुलह की पहल करें। साथ ही उन्होंने कहा कि समझौते का विरोध करने वालों को सद्बुद्धि आये जिससे मंदिर-मस्जिद पर निर्णय जल्द हो सके। वहीं बाबरी मस्जिद के पक्षकार हाजी महबूब का कहना है कि निर्मोही आखाड़ा जब भी उनके पास समझौते की पहल सामने रखेगा तो मुस्लिम पक्ष भी मंदिर-मस्जिद मुद्दे पर बात करने के लिए आगे आयेंगे। गंगा जमुनी तहजीब को सौहार्द से बनाये रखने के लिए मुस्लिम पक्ष ने समझौते के लिए होने वाली पहल का गर्म जोशी से स्वागत किया है। यही नहीं मुस्लिम पक्षकार ने कहा कि अगर समझौते पर बात नहीं होती है तो ऐसे में कोर्ट जो फैसला करेगा उसे माना जायेगा। 

क्या कहा है सुप्रीम कोर्ट ने? 
सुप्रीम कोर्ट ने रामजन्म भूमि-बाबरी मस्जिद विवाद से जुड़े पक्षों से इस मुद्दे को मिल बैठकर सौहार्दपूर्ण ढंग से सुलझाने की सलाह दी है। कोर्ट ने कहा कि ये धर्म और आस्था से जुड़ा मामला है। जरुरत पडऩे पर सुप्रीम कोर्ट इस मामले में मध्यस्थता करने को तैयार है। अगर सहमति नहीं बनती तो सुप्रीम कोर्ट दखल देने और मामले को हल के लिए मध्यस्थ नियुक्त करने के लिए तैयार है।