मिसाल: हिंसाग्रस्त सहारनपुर में दो दलित बेटियों का ठाकुरों ने किया कन्यादान

punjabkesari.in Saturday, May 27, 2017 - 02:04 PM (IST)

सहारनपुर: पिछले एक महीने से हिंसा की आग में झुलस रहे सहारनपुर में खुशी का माहौल देखने को मिला है। खुशी की वजह है दो दलित लड़कियों की शादी। जी हां, शब्बीरपुर में कल शुक्रवार को दो दलित लड़कियों की शादी हुई, जिसमें न केवल दलितों ने बल्कि गांव के ठाकुरों ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। ठाकुरों ने दोनों बेटियों का कन्यादान कर भाईचारे की एक बेहतरीन मिशाल कायम की। 

भड़क रही हिंसा को खत्म करने की पहल 
यह मिसाल देकर उन्होंने केवल भड़क रही हिंसा को खत्म करने की पहल की और हालात को सुधारने की भी कोशिश की। वहीं, कोई काम चलाऊ शादी नहीं बल्कि बड़ी ही धूमधाम से गांव की दो सगी बहनों मनीषा और प्रीती की शादी की गई। हालांकि, इस दौरान पुलिस प्रशासन का भी कड़ा इंतजाम था।

आपको बता दें, फकीरचंद नामक के व्यक्ति की एक बेटी प्रीति की शादी सहारनपुर के शीतलपुर के मिक्की नामक युवक से हुई। फकीरचंद की बेटी प्रीति की शादी सहारनपुर के शीतलपुर के मिक्की नामक युवक से हुई है। वही दूसरी बेटी मनीषा की शादी जिला शामली के जानीपुर के रहने वाले अरुण से की गई है। आग में जलते सहानपुर के ऐसे माहौल में शादी करने को लेकर मनीषा का कहना था कि उसने कभी नहीं सोचा था कि ऐसे बंदूक के साये में उसकी शादी होगी, गाँव के हालात अभी तो सामान्य दिखते हैं, लेकिन अभी भी उनके मन में डर बना हुआ है और हालात में सिर्फ 19-20 का ही फर्क हुआ है।

प्रशासन के इंतजाम से पूरी तरह से संतुष्ट दिखे दोनों बेटियों के पिता 
दूसरी और दोनों बेटियों के पिता फकीरचंद प्रशासन के इंतजाम से पूरी तरह से संतुष्ट होते दिखे, लेकिन साथ ही वह लगातार यह प्रार्थना कर रहे थे कि आगे भी ऐसा ही शांति का माहौल बना रहे। फकीरचंद ने इस शादी के लिए कुछ क्षत्रीय परिवारों को भी न्यौता भेजा था जिसमें से कुछ ही लोग शादी में शामिल हुए थे। 

डीएम-एसपी ने वर-वधु को घर जाकर दिया आशीर्वाद 
गाँव के हालात का मुआयना करने सहारनपुर के जिलाधिकारी पी. के .पांडेय और एसएसपी बबलू कुमार के अलावा दूसरे आला अधिकारी भी पहुंचे। वहीं, जिलाधिकारी और पुलिस कप्तान ने दोनों वर-वधु को घर जाकर आशीर्वाद दिया। इसके साथ ही शुक्रवार की सुबह, गांव  में आरएएफ और पीएसी ने फ्लैग मार्च भी किया था। ताकि लोगों में दहशत को कम कर सकें। प्रशासन की इन कोशिशों से कहीं न कहीं माहौल सामान्य हो रहा है।