मुख्यमंत्री बनने को लेकर शिवपाल ने कह दी बड़ी बात

punjabkesari.in Thursday, Oct 27, 2016 - 08:32 PM (IST)

सहारनपुर: उत्तर प्रदेश समाजवादी पार्टी(सपा) के प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने कहा है कि मुख्यमंत्री बनने की उनमें कभी चाहत ही नहीं रही है और यदि वह चाहते तो 2003 में ही मुख्यमंत्री बन गये होते। शिवपाल यादव ने पूर्व मंत्री राजेन्द्र सिंह राणा की मूर्ति का अनावरण करने के बाद आज यहां जनसभा में कहा कि अखिलेश समर्थकों एवं सपा से निष्कासित उनके चचेरे भाई सांसद रामगोपाल यादव के वे आरोप निराधार हैं जिसमें कहा गया था कि उनकी महत्वकांक्षा मुख्यमंत्री बनने की थी। 

उनका कहना था कि इसमें कोई सच्चाई नहीं है। वह यदि चाहते तो 2003 में उस वक्त ही मुख्यमंत्री बन सकते थे जब नेताजी (मुलायम सिंह यादव) केंद्र में सक्रिय थे और अखिलेश यादव का दूर तक कुछ अता-पता नहीं था। उन्होंने कहा कि वह दोबारा मंत्री बनें या न बने इससे उन पर कोई फर्क नहीं पड़ता लेकिन वह नेताजी (मुलायम सिंह यादव) के हर आदेश को मानेंगे और सपा की 2017 के चुनाव में वापसी के लिए कोई कसर बाकी नहीं रहने देंगे। राजेन्द्र सिंह राणा की प्रतिमा का अनावरण मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को करना था लेकिन वह नहीं आ सके। उन्होंने कहा कि सांप्रदायिक शक्तियों को परास्त करने के लिए हर कदम उठाएंगे।

अखिलेश यादव द्वारा इसी 23 अक्टूबर को मंत्रिमंडल से बर्खास्तगी के बाद शिवपाल यादव का यह पहला सार्वजनिक कार्यक्रम था। सभा में करीब तीन घंटे देरी से पहुंचे शिवपाल यादव ने बहुजन समाज पार्टी(बसपा) और भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) पर भी चोट की। उनका कहना था कि बसपा अध्यक्ष मायावती ने विकास कार्यों में कमीशन खाया। उन्होंने भाजपा को सांप्रदायिक पार्टी बताते हुए कहा कि वह सेकुलर वोटों का बंटवारा रोकने का हर संभव प्रयास करेंगे। उनका कहना था कि नेताजी से अनुमति मिलने के बाद सपा सेकुलर दलों के साथ गठबंधन कर चुनाव लड सकती है। 

गौरतलब है कि देवबंद विधानसभा क्षेत्र से दो बार विधायक रहे राजेंद्र राणा का पिछले साल 26 अक्टूबर को कैंसर से निधन हो गया था। उनके निधन के बाद हुए उपचुनाव में उनकी पत्नी मीना सिंह राजेन्द्र राणा के ही करीबी साथी माविया अली से हार गई थी। सपा ने अभी तक उन्हीं को उमीदवार घोषित किया हुआ है। हालांकि, मीना सिंह की उमीदवारी से उनके परिवार में भी जबरदस्त हलचल मची हुई है। अपने खुद के परिवार में लगी कलह की आग को बुझाने में असफल शिवपाल यादव ने जब मंच से राणा परिवार के सदस्यों से मतभेद भुलाकर एकजुट होने की अपील की तो लोग उन्हें अचरज से देखते नजर आए।

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