चुनाव प्रचार से वरुण की दूरी बनी चर्चा का सबब

punjabkesari.in Tuesday, Feb 21, 2017 - 05:46 PM (IST)

सुलतानपुर: अपनी जनसभाओं में खासी भीड़ जुटाने का सामथ्र्य रखने की क्षमता की वजह से एक जमाने में उत्तर प्रदेश में पार्टी के मुख्यमंत्री पद के शीर्ष दावेदारों में रहे सुलतानपुर से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद वरुण फिरोज गांधी की राज्य विधानसभा के चुनाव प्रचार अभियान से दूरी चर्चा का सबब बनी हुई है।

उपेक्षा से खिन्न होकर खुद को रखा चुनाव प्रचार से दूर
समझा जाता है कि गांधी नेहरू के चश्मोचराग वरुण गांधी पार्टी द्वारा की गई उपेक्षा से खिन्न होकर खुद को चुनाव प्रचार को अलग रखा है जबकि अब उनके संसदीय निर्वाचन क्षेत्र में महज चार दिन और चुनाव प्रचार होना है। वरुण गांधी की माता मेनका गांधी ने हालांंकि अपने पीलीभीत संसदीय निर्वाचन क्षेत्र तथा आसपास के इलाकों में दूसरे चरण में हुए मतदान के दौरान पार्टी के प्रत्याशियों के समर्थन में प्रचार किया था। गौरतलब है कि सुलतानपुर लोकसभा क्षेत्र के तहत आने वाली पांच विधानसभा सीटों पर राज्य विधानसभा चुनाव के पांचवे चरण में 27 फरवरी को मतदान होगा जहां प्रचार का शोर शनिवार की शाम थम जाएगा। 

भाजपा के स्टार प्रचारकों की सूची में शामिल हैं वरुण गांधी
 भाजपा द्वारा जनवरी में सूबे में अपने प्रचार अभियान के लिए जारी स्टार प्रचारको की 40 दिग्गजों की पहली सूची में वरुण गांधी को स्थान नहीं दिए जाने से यह कयास लगाए जाने लगे थे कि पार्टी में उनकी स्थिति पहले जैसी नहीं रही। बाद में, विनय कटियार के साथ उनका नाम स्टार प्रचारको की दूसरी सूची में शामिल कर लिया गया।  इस बारे में पूछने पर भाजपा की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष केशव मौर्य ने कहा कि पार्टी ने वरुण गांधी का नाम अपने स्टार प्रचारको में शामिल किया है।

इस दौरान वह प्रचार अभियान में काफी व्यस्त रहे उनको वरुण गांधी के कार्यक्रम के बारे में कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा, संभवत: वह निजी कारणों से चुनाव प्रचार अभियान में शिरकत नहीं कर रहे होंगे। उधर, पार्टी की सुलतानपुर जिला इकाई के अध्यक्ष जगजीत सिंह ने कहा, मुझे उनके कार्यक्रम के बारे में कोई जानकारी नहीं है। वह बड़े नेता हैं और जब जरूरत होगी वह खुद प्रचार करने के लिए आ जाएंगे।

PM मोदी की अगुआई में भाजपा के अच्छे दिन लेकिन वरुण गांधी के बुरे दिन
 इस बीच, पार्टी सूत्रों का कहना है कि पीएम मोदी की अगुआई में भाजपा के तो‘अच्छे दिन’आए लेकिन वरुण गांधी के‘बुरे दिन‘आ गए। 2014 के लोकसभा चुनाव में वरुण गांधी ने पीएम मोदी की जनसभाओं से दूरी बनाए रखी थी और सुलतानपुर में संपन्न एक सभा के दौरान‘नरेन्द्र मोदी जिंदाबाद’का नारा लगाने वाले एक कार्यकर्ता को उन्होंने सार्वजनिक रूप से डांट दिया था।

एक समय राहुल प्रियंका से बढा दी थी निकटता
कहा जाता है कि एक समय वरुण गांधी की अपने चचेरे भाई बहिन राहुल प्रियंका से निकटता काफी बढ गई थी। पार्टी द्वारा हाशिए पर डाले जाने के बाद वरुण गांधी ने उत्तर प्रदेश में अपनी गतिविधियां तेज कर दी और उन्होंने पश्चिम बंगाल और मध्य उत्तर प्रदेश के ऋणग्रस्त किसानों के सहायता जुटाने का बीडा उठाया। उन्होंने बाढ की तबाही से प्रभावित लखीमपुर खीरी,सीतापुर और बहराइच के किसानों को भी वित्तीय सहायता मुहैया कराई।