केंद्र सरकार पर बरसीं मायावती, कहा-देश में हर तरफ आतंक आैर अफरातफरी जैसा माहाैल

punjabkesari.in Thursday, Aug 10, 2017 - 05:23 PM (IST)

लखनऊ: बसपा सुप्रीमो मायावती ने केंद्र की मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा है। उन्हाेंने आरोप लगाया कि भाजपा और मोदी सरकार के साम, दाम, दंड, भेद आदि अनेकों हथकंडों के कारण आज देश में हर तरफ भय, आतंक, हिंसा, बेचैनी और अफरातफरी जैसा माहौल है।

बसपा कार्यालय की ओर से जारी एक बयान के अनुसार, बैठक में मायावती ने कहा कि सर्वसमाज में खासकर गरीबों, मकादूरों, किसानों, युवाओं, बुद्धजीवी एवं व्यापारी वर्ग के साथ-साथ दलितों, पिछड़ों, मुस्लिम एवं अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों के प्रति हर प्रकार की सरकारी उपेक्षा, भेदभाव और नाइन्साफी को आज पूरा देश महसूस कर रहा है। इसके तहत देश में कल्याणकारी कानून एवं मानवतावादी संविधान को एक प्रकार से असफल करने की साकिाश की जा रही है। इन वर्गों के प्रति भाजपा सरकार का रवैया लगातार निरंकुश व दमनकारी होता जा रहा है जिससे पूरा देश चिन्तित है। लेकिन इसे महसूस कर आवश्यक सुधार करने के बजाय भाजपा सरकार का अहंकार देश को लगातार त्रासदी की ओर धकेल रहा है।  

मायावती ने कहा कि बसपा एक राजनीतिक पार्टी होने के साथ ही जन-आंदोलन भी है। यह बाबा साहेब डॉ. भीम राव अम्बेडकर की विचारधारा पर बनी देश की एकमात्र सशक्त राजनैतिक पार्टी है। इसने अपने राजनीतिक सफर में काफी उतार-चढ़ाव देखें हैं। बयान में कहा गया है, वास्तविकता यह है कि बसपा ने बाबा साहेब और कांशी राम की इच्छानुरूप एक न बिकने वाले शक्तिशाली समाज का गठन किया है। यही कारण है बसपा ने उत्तर प्रदेश में चार बार शासन संभाला और ‘‘अपना उद्धार स्वयं करने’’ के बाबा साहेब की विचारधारा पर चलते हुए उसे हकीकत बनाने का प्रयास किया। उसमें कहा गया है, इसे हकीकत में बदलता देख जातिवादी ताकतों के सीने पर साँप लोटता रहता है और वह इस बसपा आंदोलन को पीछे धकेलने के लिये लगातार हर संभव साजिश में जुटे रहते हैं।  

बयान के अनुसार, मायावती ने आरोप लगाया कि भाजपा सत्ता में आने के बाद संसद के प्रति भी जवाबदेह होना पसंद नहीं कर रही है। आरएसएस के ‘गुप्त एजेंडा’ और जन-विरोधी नीतियों तथा कार्यों से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए वह सरकारी मशीनरी का दुरूपयोग कर रहे हैं और बसपा सहित अन्य विपक्षी दलों के नेताओं को भ्रष्ट साबित करने के लिए साजिश कर रहे हैं।

बसपा सुप्रीमो ने कहा कि भाजपा की सरकार द्वारा शहरों, स्टेशनों, सड़कों आदि का नाम बदला जाना भी उसकी इसी संकीर्ण, जातिवादी, साम्प्रदायिक व फासीवादी सोच का परिणाम है। भाजपा सरकार को नाम बदलने की गलत परम्परा से बचना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमेशा की तरह वास्तविकता यही है कि भाजपा और आरएसएस के संकीर्ण जातिवादी एवं साम्प्रदायिक जहर को केवल बसपा की अम्बेडकरवादी विचारधारा व जनसंघर्ष ही काट सकती है। बसपा इसके लिए कृतसंकल्प होकर काम कर रही है और इसके लिये अगले महीने से ही देश के स्तर पर जनचेतना एवं संघर्ष कार्यक्रम का आयोजन करने वाली है। इसकी शुरूआत उत्तर प्रदेश में 18 सितम्बर 2017 को मेरठ में पहले मंडल-स्तरीय बसपा ‘‘कार्यकर्ता महासम्मेलन’’ के साथ होगी।