उमा भारती का बड़ा बयान, कहा- अयोध्या में बनना चाहिए राम मंदिर

punjabkesari.in Monday, May 08, 2017 - 09:42 AM (IST)

अयोध्या: भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) की वरिष्ठ नेता एवं केन्द्रीय जल संसाधन मंत्री उमाभारती ने कहा है कि अयोध्या में रामलला का मंदिर बनना ही चाहिए क्योंकि यह करोड़ों हिन्दुओं से जुड़ा आस्था का प्रश्न है। भारती ने विवादित श्रीरामजन्मभूमि पर विराजमान रामलला का दर्शन एवं प्रसिद्ध हनुमानगढ़ी मंदिर पर जाकर माथा टेकने के बाद पत्रकारों से बातचीत में कहा कि वह अचानक अयोध्या आ गई क्योंकि उनके मन में भगवान राम के प्रति बहुत ही श्रद्धा है। उनका स्मरण करते ही उन्होंने सोचा कि अब अयोध्या जाकर वह रामलला एवं प्रसिद्ध हनुमानगढ़ी का दर्शन करें।

उन्होंने कहा कि यह मेरी धार्मिक यात्रा है, रामलला मेरे माता-पिता हैं। जब मैं भारतीय जनता पार्टी में नहीं थी तब भी मैं अयोध्या आकर रामलला का दर्शन बराबर करती थी। उन्होंने कहा कि बाबरी मस्जिद विध्वंस के मामले में आपराधिक मुकदमा चलाने की मंजूरी जो उच्चतम न्यायालय ने दी है उसके बारे में मैं कुछ नहीं कह सकती हूं। जो कुछ भी कहना होगा अदालत में कहूंगी। उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तारीफ करते हुए कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था बहुत ठीक है। विकास की गति में तेजी है। उन्होंने कहा कि अयोध्या में मंदिर का निर्माण होना तो निश्चित है। जब रामलला चाहेंगे मंदिर का निर्माण हो जाएगा। यह पूरे देश के आस्था का विषय है। रामलला टाट में हैं। उनका संकल्प पूरा हो इसीलिए वह रामलला के दर्शन करने आई हैं।

उमाभारती कनक भवन में दर्शन, नागेश्वरनाथ मंदिर में जाकर जलाभिषेक एवं सरयू नदी में जाकर पुष्प अर्पित किया। उन्होंने कहा कि सरयू तो नमामि गंगे योजना के तहत आ सकती है लेकिन जिस प्रकार योगी जी यहां काम कर रहे हैं शायद कहने की आवश्यकता नहीं होगी। फिर योगी सरकार द्वारा सरयू के लिए कोई योजना बनाई जाती है तो वह पूरा सहयोग देंगी। योगी सरकार की प्रशंसा करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री सक्षम व्यक्ति और सफल प्रशासक हैं।

उन्होंने राम मंदिर विवाद पर कहा कि वह राम आंदोलन से कभी अलग नहीं रही। आंदोलन सार्थक उसी दिन हो गया था जिस दिन इलाहाबाद उच्च न्यायालय की विशेष पूर्णपीठ की तीन जजों की बेंच ने एक सुर में विवादित स्थल को रामलला का स्थान कहा था। उन्होंने कहा कि कारसेवकों का बलिदान सार्थक हो गया है। अब सिर्फ मंदिर की बात रह गई है। इसके लिए रास्ता निकाला जाएगा। उन्होंने कहा कि जब न्यायालय ने कह दिया कि आपस में बात करके इसे समझौते से निस्तारण किया जाए तो निश्चित ही इसका हल संभव है। उसके बाद वह गोरखपुर के लिए रवाना हो गईं।