उन्नाव कांड: पीड़िता के साथ हुए हादसे की जांच के लिए SC ने CBI को दिए और 2 हफ्ते

punjabkesari.in Monday, Aug 19, 2019 - 12:08 PM (IST)

नयी दिल्लीः उच्चतम न्यायालय ने उस सड़क दुर्घटना मामले की जांच पूरी करने के लिए सीबीआई को सोमवार को और दो सप्ताह का समय दिया, जिसमें उन्नाव बलात्कार पीड़िता और उसके वकील गंभीर रूप से घायल हो गए थे और उसके दो रिश्तेदारों की मौत हो गई थी। 

न्यायालय ने यह देखते हुए जांच के लिए समय बढ़ा दिया कि जांच एजेंसी ने मामले में अभी तक ‘काफी विस्तृत जांच' की है। सीबीआई ने बलात्कार पीड़िता और उसके वकील के बयान अब तक दर्ज ना हो पाने का हवाला देते हुए जांच पूरी करने के लिए अदालत से और 4 सप्ताह का समय मांगा था। सीबीआई ने साथ ही यह भी कहा कि उसे अभी तक एकत्रित इलेक्ट्रॉनिक जांच का विश्लेषण भी करना है। न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस की एक पीठ ने साथ ही उत्तर प्रदेश सरकार को उस वकील को 5 लाख रुपये देने का आदेश भी दिया जो कि गंभीर स्थिति में है और उसका इलाज चल रहा है। पीठ ने बलात्कार पीड़िता के परिवार के सदस्यों द्वारा मीडिया में दिए सार्वजनिक बयानों पर आपत्ति जताई और कहा कि इससे मामले की सुनवाई के दौरान आरोपियों को मदद मिल सकती है।

पीठ ने कहा, ‘आपको यदि कोई शिकायत है, हमसे नि:संकोच बताएं। हम आपकी मदद के लिए यहां पर हैं।' शुरूआत में वरिष्ठ अधिवक्ता वी गिरि ने पीठ से कहा कि सड़क दुर्घटना में घायल वकील गंभीर स्थिति में हैं और उसका इलाज चल रहा है। गिरि मामले में शीर्ष अदालत का न्यायमित्र के तौर पर सहयोग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि न्यायालय वकील को कुछ राशि प्रदान करने पर विचार कर सकता है, जिससे उसे इस समय कुछ मदद मिलेगी। पीठ ने गिरि की बात सुनने के बाद सवाल किया, ‘सीबीआई के लिए कौन पेश हो रहा है? आपने (सीबीआई) इस आधार पर (जांच पूरी करने के लिए) समय बढ़ाने के लिए कहा है कि पीड़ित और उसके वकील के बयान अभी तक दर्ज नहीं किए गए हैं।'

सीबीआई के लिए पेश हुए अधिवक्ता रजत नायर ने कहा कि उन्होंने इस संबंध में अर्जी दायर की है। पीठ ने मामले की अगली सुनवाई 6 सितम्बर को करनी तय की है। एक अगस्त को शीर्ष अदालत ने उत्तर प्रदेश सरकार सरकार को बलात्कार पीड़िता को 25 लाख रुपये अंतरिम मुआवजे के तौर पर देने का निर्देश दिया था। न्यायालय ने दो अगस्त को सीबीआई को मामले की जांच सात दिन के भीतर पूरी करने का निर्देश दिया था। साथ ही स्पष्ट किया था कि असाधारण परिस्थितियों में ही सीबीआई इस मामले की जांच की अवधि सात दिन और बढ़ाने का अनुरोध कर सकती है, लेकिन किसी भी स्थिति में एक पखवाड़े से ज्यादा यह समय-सीमा नहीं बढ़ाई जाएगी।

इससे पहले शीर्ष अदालत ने सभी 5 संबंधित मामले दिल्ली स्थानांतरित करने का आदेश दिया था, लेकिन बाद में अपने आदेश को संशोधित कर दिया था और दुर्घटना मामले के स्थानांतरण पर जांच पूरी होने तक रोक लगा दी थी। आदेश में संशोधन करते हुए कहा गया था कि मामले के स्थानांतरण के चलते स्थानीय अदालत को आरोपियों के रिमांड का आदेश देने में तकनीकी दिक्कत हो रही है जिन्हें जांच के दौरान गिरफ्तार किया जा रहा है।

भाजपा से निष्कासित विधायक कुलदीप सेंगर पर नाबालिग से 2017 में अपने घर पर बलात्कार करने का आरोप है। एक ट्रक ने पीड़िता की कार को टक्कर मार दी थी जिसमें उसकी दो रिश्तेदारों की मौत हो गई। उस कार में पीड़ित के साथ ही उसके परिवार के कुछ सदस्यों के अलावा उसके दो वकील भी थे। घटना में पीड़िता और उसके वकील गंभीर रूप से घायल हो गए। पीड़िता को लखनऊ के एक अस्पताल से हवाई मार्ग से दिल्ली के एम्स लाया गया जहां उसका इलाज जारी है और उसकी स्थिति नाजुक बताई गई है।
 

Deepika Rajput